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उत्तराखंड की नई आबकारी नीति में हुआ संशोधन, जानिए क्या हुआ बदलाव

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Published : Mar 6, 2020, 2:04 PM IST

Updated : Mar 6, 2020, 2:26 PM IST

उत्तराखंड में 2020-21 की आबकारी नीति के नियमों में कुछ संशोधन किए गए हैं. आदेश में बार लाइसेंस को लेकर लाइसेंस फीस के निर्धारण बिंदु 13.4 में बदलाव किया गया है.

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आबकारी नीति

देहरादूनः वित्तीय वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति के नियमों में कुछ बिंदुओं पर संशोधन किए गए हैं. खास बात यह है कि गैरसैंण के ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद ये पहला आदेश गैरसैंण से जारी किया गया है.प्रदेश में नई आबकारी नीति के नियमों में कुछ संशोधन को महामहिम राज्यपाल ने स्वीकृति दी है. जारी आदेश में बार लाइसेंस और शराब की दुकानों को लेकर आवेदन से जुड़े विषय शामिल हैं.

आबकारी नीति में बदलाव.

आदेश को लेकर मुख्य बात यह है कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बाद यह पहला आदेश किया गया है. आबकारी विभाग से जुड़े इस आदेश में नई आबकारी नीति में हुए संशोधन को लेकर निर्देश हैं.

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उत्तराखंड में नई आबकारी नीति लागू.

दरअसल इस आदेश में बार लाइसेंस को लेकर लाइसेंस फीस के निर्धारण बिंदु 13.4 में संशोधन किया गया है. नीति के तहत पहली बार लाइसेंस के नवीनीकरण में 3 साल का शुल्क भरने की बाध्यता थी जिसे अब हटाकर एक साल, 2 साल या 3 साल लाइसेंस धारी की मर्जी से भरा जा सकेगा.

3 साल का शुल्क भरने पर 10% की छूट लाइसेंसधारी को मिलेगी. नया बार लाइसेंस लेने पर 3 साल का शुल्क भरने की बाध्यता बनी हुई है. साथ ही इन लाइसेंसधारियों को 10% की छूट भी नहीं दी जाएगी.

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संशोधित दूसरे नियम में शराब की दुकानों के लिए लॉटरी में शामिल होने वाले आवेदकों को राहत देते हुए धरोहर राशि दुकान के कुल राजस्व के ढाई प्रतिशत के बराबर धनराशि का बैंक ड्राफ्ट प्रस्तुत करना होगा, लेकिन जिले में उतनी ही राशि या उससे कम के राजस्व वाली दुकान के लिए आवेदक इस ड्राफ्ट को प्रस्तुत कर सकेगा.

Last Updated :Mar 6, 2020, 2:26 PM IST
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