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उत्तराखंड में बच्चों में बढ़ रही निमोनिया की शिकायतें, चीन के माइकोप्लाज्मा पर सरकार अलर्ट

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 27, 2023, 4:00 PM IST

Updated : Nov 27, 2023, 4:39 PM IST

Uttarakhand government alert
उत्तराखंड सरकार अलर्ट

alert on mycoplasma pneumonia चीन का माइकोप्लाज्मा निमोनिया पर उत्तराखंड सरकार अलर्ट हो गया है. इसके लिए चिकित्सकों ने भी अभिभावकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. चिंता की बात ये है कि इन दिन प्रदेश के अस्पतालों में कई बच्चे निमोनिया की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं.

उत्तराखंड में बच्चों में बढ़ रही निमोनिया की शिकायतें.

देहरादूनः चीन में बच्चों को हो रही खास बीमारी के कारण कई देशों की सरकार ने विशेष एडवाइजरी जारी करते हुए अलर्ट जारी किया है. भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस पर विशेष निगरानी शुरू कर दी है. उत्तराखंड में इन दिनों वायरल निमोनिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन अच्छी बात ये है कि बदलते मौसम के बीच उत्तराखंड में निमोनिया से जुड़े चीन के इस वायरस का असर नहीं दिखाई दे रहा है. बावजूद इसके उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को अलर्ट जारी कर दिया है. चिकित्सकों की तरफ से भी अभिभावकों को खास एडवाइजरी जारी की जा रही है.

चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया का संकट बच्चों पर गहराता हुआ दिखाई दे रहा है. ये बीमारी चीन के लिए राष्ट्रव्यापी संकट के रूप में सामने आ रही है. इन स्थितियों के बीच भारत भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया के लिए विशेष निगरानी रख रहा है. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने निगरानी के रूप में इसके लिए विशेष एहतियात बरतने के भी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. हालांकि, भारत में अभी इस तरह के निमोनिया का बच्चों में कोई असर नहीं दिखाई दिया है. लेकिन उत्तराखंड में वायरल निमोनिया इस समय प्रदेश के लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गया है.
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40 में से 25 बच्चे निमोनिया से ग्रसित: राजधानी देहरादून में ही बाल चिकित्सकों के पास आने वाले बच्चों में 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे निमोनिया की शिकायत से पीड़ित दिखाई दे रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि देहरादून के दून अस्पताल में ही हर दिन करीब 40 बच्चे विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं, जिनमें करीब 25 से ज्यादा बच्चे निमोनिया की शिकायत से ग्रसित दिखाई दे रहे हैं. इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी बच्चों के निमोनिया की शिकायत के साथ पहुंचने का बड़ा आंकड़ा सामने आ रहा है. हालांकि, चिकित्सक मानते हैं कि यह चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया से कम घातक है. लेकिन इस दौरान अभिभावकों को बच्चों को लेकर विशेष एहतियात बरतनी बेहद ज्यादा जरूरी है.

जीका वायरस ने बढ़ाई चिंता: दून मेडिकल कॉलेज में मौजूद वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ अशोक कुमार बताते हैं कि मौसम में आ रहे बदलाव के कारण बच्चों में इस तरह की शिकायतें देखी जा रही है. निमोनिया से पीड़ित काफी ज्यादा संख्या में बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं. संकट केवल वायरल निमोनिया का ही नहीं है. बल्कि जीका वायरस से भी स्वास्थ विभाग खासा चिन्तित दिखाई दे रहा है.
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ओडिशा में दो मामले: दरअसल इस वायरस से पीड़ित बच्चों के दो मामले ओडिशा में पाए गए हैं. ऐसे में बाकी राज्य भी इसको लेकर अलर्ट मोड में है. इस दौरान चिकित्सक ने सलाह दी है कि अभिभावकों को ऐसी स्थिति में खुद से बच्चों को दवाई देने से बचना चाहिए. इस समस्या से ग्रसित बच्चों को फौरन चिकित्सकों को दिखाना चाहिए. बच्चों को खांसी-जुकाम से जुड़े सिम्टम्स दिखाई देने पर चिकित्सकों को दिखाना चाहिए.

Last Updated :Nov 27, 2023, 4:39 PM IST
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