ETV Bharat / state

Kumbh Fake Covid Test मामले में बड़ा एक्शन, स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारी सस्पेंड

author img

By

Published : Aug 26, 2021, 8:05 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 9:00 PM IST

हरिद्वार कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा मामले में मुख्य विकास अधिकारी की रिपोर्ट पर शासन ने कुंभ मेले में तैनात स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित किया है. इस मामले में शासन की तरफ से किसी अधिकारी पर ये पहली कार्रवाई है.

Kumbh Fake Covid Test
Kumbh Fake Covid Test

देहरादून: उत्तराखंड में महाकुंभ 2021 के दौरान कोविड-19 की फर्जी रैपिड एंटिजन टेस्टिंग मामले में शासन ने पहली बड़ी कार्रवाई की है. राज्य सरकार ने इस मामले पर पहले ही सख्ती के निर्देश दिए थे. लिहाजा शासन ने इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं. तत्कालीन मेला स्वास्थ्य अधिकारी अर्जुन सिंह सेंगर और तत्कालीन प्रभारी अधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग डॉ. एनके त्यागी को सस्पेंड कर दिया गया है.

इस मामले में बीती 16 अगस्त को डीएम हरिद्वार ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी और दोनों को सस्पेंड करने की सिफारिश की थी. खास बात ये है कि हरिद्वार में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार को वित्तीय हानि पहुंचाने और संबंधित फर्मों के साथ गठजोड़ करने समेत अनुशासनहीनता व लापरवाही बरतने के मामले में इन दोनों अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला लिया गया है.

पढ़ें- Kumbh Fake Covid Test: CDO ने 2400 पन्नों की जांच रिपोर्ट DM को सौंपी

उधर, हरिद्वार महाकुंभ 2021 में कोविड-19 की फर्जी रैपिड एंटीजन टेस्ट प्रकरण में संबंधित फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने के लिए हरिद्वार स्तर में गठित एसआईटी के माध्यम से एसएसपी हरिद्वार को भी निर्देशित किया गया है.

गौर हो कि प्रदेश में हरिद्वार महाकुंभ 2021 के दौरान कोविड-19 की फर्जी एंटीजन रैपिड टेस्टिंग का मामला देश भर में सुर्खियों में रहा. इस दौरान राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए गए और आम लोगों की जिंदगी के साथ किए गए खिलवाड़ पर भी सरकार को कई सवालों का सामना करना पड़ा. इस मामले में राज्य सरकार ने हरिद्वार जिला स्तर पर जांच कमेटी गठित कर इसकी जांच करवाई. यही नहीं, इस मामले में एसआईटी भी अलग से जांच कर रही है.

वहीं सरकार की इस कार्रवाई से विपक्ष संतुष्ट नहीं है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ में टैस्टिंग महाघोटाले में कार्रवाही के नाम पर हो रही लीपापोती हो रही है. उन्होंने हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग की है,

पढ़ें- Kumbh Corona Test Scam: आरोपितों को HC से झटका, आगे नहीं बढ़ी गिरफ्तारी पर रोक

SIT भी कर रही है जांच: तत्कालीन जिलाधिकारी सी रवि शंकर के आदेश पर हरिद्वार सीएमओ शभूनाथ झा ने हरिद्वार की शहर कोतवाली में तीन कंपनियों के लिए खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने एक एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी अलग से इस मामले की जांच कर रही है.

ऐसे आया था सच सामने: दरअसल, पंजाब के निवासी को फोन गया था कि उन्होंने हरिद्वार में जो कोरोना टेस्ट कराया था, उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि वो व्यक्ति कुंभ के दौरान न तो हरिद्वार आया था न ही उसने कोई टेस्ट कराया था. ऐसे में उसने मामले की शिकायत पंजाब के स्थानीय प्रशासन से की. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया.

इसके बाद उस व्यक्ति ने आईसीएमआर को मामले की शिकायत की. आईसीएमआर ने मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव से जवाब मांगा. उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव ने मामले हरिद्वार जिलाधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए. प्राथमिक जांच में करीब एक लाख कोरोना टेस्ट संदेह के घेरे में आए.

जांच में सामने आया कि एक ही फोन नंबर पर कोरोना की सैकड़ों जांच की गई हैं. वहीं कई टेस्टों में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया है. होम सैंपल में भी फर्जीवाड़ा किया है. एक ही घर में 100 से 200 कोरोना टेस्ट दिखाए गए हैं, जिस पर यकीन करना मुश्किल है.

इस मामले में दिल्ली मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और दो अधिकृत लैब दिल्ली की लाल चंदानी एवं हिसार की नलवा लैब पर मुकदमा दर्ज है. क्योंकि अधिकांश फर्जी टेस्ट इन्हीं लैब के बताए जा रहे हैं. हालांकि अब सच तो जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा.

Last Updated : Aug 26, 2021, 9:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.