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...तो इसलिए चुनी कर्नल कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट, त्रिकोणीय होगा मुकाबला

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Published : Nov 17, 2021, 4:09 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 10:57 PM IST

आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अजय कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान करके बड़ा दांव खेला है. अजय कोठियाल के मैदान में उतरने से गंगोत्री विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

Ajay Kothiyal
कर्नल अजय कोठियाल

देहरादून: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री विधानसभा उन बड़ी हॉट सीट में जुड़ गई है, जिन पर मुकाबला आगामी चुनाव में बेहद अहम होने जा रहा है. हालांकि, यह सीट पहले ही अपने मिथक को लेकर काफी चर्चा में रहती है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (आप) के सीएम पद के उम्मीदवार अजय कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के ऐलान से इस बार मुकाबला हो भी रोमांचक हो गया है. आखिर अजय कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट से क्यों दाव खेला? यहां से कोठियाल का क्या रिश्ता है, इसी पर पढ़िए ईटीवी भारत की ग्राउंट रिपोर्ट...

उत्तराखंड में कर्नल अजय कोठियाल सबसे पहले केदारनाथ पुनर्निर्माण को लेकर चर्चाओं में आए थे. केदारनाथ में आपदा के बाद न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में किए गए कार्यों की काफी सराहना हुई थी, लेकिन सेना में रहे अजय कोठियाल ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम कर राजनीति के दंगल में भी जंग जीतने की तैयारियां तेज कर दी है.

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कोठियाल ने उपचुनाव लड़ने का भी बनाया था मन: खास बात यह है कि अब आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कर्नल अजय कोठियाल के गंगोत्री सीट से लड़ने की घोषणा कर दी है. वैसे बीजेपी विधायक गोपाल रावत के निधन के बाद जब गंगोत्री सीट पर उपचुनाव की चर्चा हुई थी तो कोठियाल ने खुद तीरथ सिंह रावत के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. हालांकि, इस सीट पर उपचुनाव नहीं हुए थे. ऐसे में अब पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री के चेहरे कर्नल अजय कोठियाल को गंगोत्री सीट से लड़ाने का ऐलान किया है.

गंगोत्री से लड़ने की बड़ी वजह: गंगोत्री को लेकर मिथक बना इस निर्णय के लिए बड़ी वजह माना जा सकता है. उत्तराखंड में गंगोत्री सीट को लेकर अपना एक पुराना मिथक है. इस मिथक के अनुसार जो भी विधायक गंगोत्री सीट पर चुनकर आता है, प्रदेश में उसी पार्टी की सरकार बनती है.

कर्नल कोठियाल गंगोत्री विधानसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव.

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सभी पार्टियों मजबूत प्रत्याशी को टिकट देती है: खास बात यह है कि ये मिथन यूपी के समय से देखने को मिल रहा है. उत्तराखंड राज्य गठन से पहले भी गंगोत्री क्षेत्र से जो विधायक जीतता था, यूपी में उसी की सरकार बनती थी, जो आजतक बरकरार है. यही वजह है कि राजनीतिक दलों के लिए गंगोत्री सीट काफी अहम रहती है और इस सीट पर अपने मजबूत प्रत्याशी को उतारने की कोशिश राजनीतिक दल करते हैं.

इस मिथक को आप भी मानती है और इसे ही ध्यान में रखते हुए अजय कोठियाल ने गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला लिया है. यदि कोठियाल यहां से जीतते हैं तो प्रदेश में आप की सरकार बनना तय हैं. आप के प्रवक्ता नवीन पिरसाली ने कहा कि आप की अजय कोठियाल गंगोत्री से जीत रहे हैं और उनकी सरकार की प्रदेश में बनेगी.

कोठियाल की कर्मभूमि रही है गंगोत्री: कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री सीट पर राजनीति में आने से पहले से ही सक्रिय रहे हैं. उन्होंने इस सीट पर रोजगार को लेकर काफी काम किए हैं. कर्नल अजय कोठियाल सेना में रहते हुए NIM के प्रिंसिपल रहे. एनआईएम का कार्यालय उत्तरकाशी जिले में रहा है और गंगोत्री सीट पर इसके चलते कर्नल अजय कोठियाल काफी समय तक यहा रहे हैं.

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यूथ फाउंडेशन: कोठियाल ने इस क्षेत्र के युवाओं को पर्वतारोहण से लेकर सेना में भर्ती होने के लिए मोटिवेट भी किया है. वहीं, कोठियाल की संस्था यूथ फाउंडेशन ने भी उत्तरकाशी में काफी काम किया है. यूथ फाउंडेशन की नीव भी गंगोत्री से ही पड़ी थी. यूथ फाउंडेशन युवाओं को सेना में जाने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण देता है. यूथ फाउंडेशन के सहयोग से बड़ी संख्या में यहां के युवा सेना में भर्ती भी हुए है. इसीलिए गंगोत्री समेत पूरे उत्तरकाशी और टिहरी जिले में भी यूथ फाउंडेशन को लेकर लोगों में एक पॉजिटिव सोच है. लिहाजा, इसका फायदा भी चुनाव के दौरान कर्नल अजय कोठियाल को मिलने जा रहा है.

केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों से मिली थी नई पहचान: कर्नल अजय कोठियाल का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में केदारनाथ पुनर्निर्माण के दौरान आया था. 2013 की आपदा के बाद दोबारा केदारधाम को व्यवस्थित करने के लिए कर्नल अजय ने मोर्चा संभाला था. इसके बाद उनके काम को काफी सराहा भी गया. अपने कामों से कर्नल अजय कोठियाल देश और दुनिया में काफी जाने गए. उत्तराखंड में लोगों में उनको लेकर एक आदर भाव भी देखा गया.

आपदा प्रभावितों को स्वरोजगार से जोड़ा: निम के प्रिंसिपल रहते हुए कर्नल कोठियाल ने कई युवक युवतियों को ट्रैंकिग के गुर सिखाकर उन्हें ट्रैंकिग गाइड के रूप में रोजगार उपलब्ध करवाया. वहीं, यूथ फाउंडेशन एवं ग्रीन पीपुल से जुड़ी ममता ने युवाओं को नई दिशा देने के साथ ही महिला सशक्तीकरण पर कार्य किया. उत्तरकाशी के रैथल गांव में पर्यटन, कृषि-बागवानी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रही ममता स्थानीय युवतियों और महिलाओं स्वरोजगार से जोड़ रही हैं. इस फायदा भी कर्नल कोठियाल को इस सीट से मिलेगा.

कोरोना में गंगोत्री क्षेत्र में किया काम: कोरोना काल मे जब तमाम नेता अपने घरों में थे, तब कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री समेत उत्तरकाशी जिले में लोगों के बीच काम किया. कोरोना काल में उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को राशन बांटा और लोगों की मदद भी की. शायद यह वजह भी थी कि कर्नल कोठियाल ने गंगोत्री स्थित को ही चुना. क्योंकि वह इसी पर काफी काम करते रहे हैं.

ब्राह्मण चेहरे को मिलेगा फायदा: मुख्य दल कांग्रेस और भाजपा ने गंगोत्री विधानसभा सीट पर ठाकुरों को ज्यादा प्राथमिकता दी है. कांग्रेस से विजयपाल सजवाण और बीजेपी के दिवंगत गोपाल रावत भी ठाकुर थे. हालांकि, गोपाल रावत के निधन के बाद अब उनकी पत्नी को चुनाव में उतारने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही मुख्य दलों ने ठाकुर चेहरे को प्राथमिकता दी है. इस सीट पर ब्राह्मण चेहरे को उतारकर आम आदमी पार्टी बड़ा फायदा लेना चाहती है. कर्नल अजय कोठियाल एक बड़ा चेहरा होने के साथ ब्राह्मण भी है. लिहाजा, इस समीकरण में भी गंगोत्री सीट कर्नल कोठियाल के लिए मुफीद नजर आती है.

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ब्राह्मण चेहरे गंगोत्री सीट पर हमेशा पड़े भारी: उत्तराखंड में गंगोत्री सीट पर ब्राह्मण चेहरा हमेशा ही भारी दिखाई दिया है. हालांकि, कांग्रेस और भाजपा की प्राथमिकता में ब्राह्मण चेहरा नहीं रहा है और दोनों ही दल इसी पर ब्राह्मण को टिकट नहीं देते रहे, लेकिन हम इतिहास देखें तो निर्दलीय रूप से ब्राह्मण चेहरे चुनाव लड़ने के दौरान अच्छे वोट पाते रहें. कमला नौटियाल ने इसी पर अपना लोहा मनवाया था. हालांकि, वह चुनाव नहीं जीत पाई थी. इसी तरह पिछले चुनाव में सूरत राम नौटियाल ने भी निर्दलीय ताल ठोकी और 9000 वोट पाकर दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी थी.

टिहरी के रहने वाले हैं कोठियाल: उत्तराखंड में एनआईएम समेत यूथ फाउंडेशन में काम करने वाले कर्नल अजय कोठियाल टिहरी के रहने वाले हैं. कर्नल कोठियाल मूल रूप से नरेंद्र नगर ब्लॉक के चौपा गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता भी सेना में अधिकारी रहे हैं. इस लिहाज से सैन्य परिवेश वाले पहाड़ में कर्नल कोठियाल को गंगोत्री सीट पर भी फायदा मिलने की उम्मीद है. कर्नल कोठियाल सेना में भर्ती होने के बाद उत्तराखंड में एनआईएम प्रिंसिपल के रूप में आए थे और उन्होंने इसके बाद से ही उत्तराखंड में काम करना शुरू कर दिया था.

पहाड़ सीट पर ही रहा कर्नल कोठियाल का फोकस: कर्नल अजय कोठियाल शुरू से ही पहाड़ सीट पर फोकस करते रहे हैं. कर्नल अजय कोठियाल यूं तो किसी न किसी पहाड़ सीट पर ही लड़ना था, लेकिन गंगोत्री सीट पर उन्होंने काफी काम किया है. वहीं, पहाड़ से चुनाव लड़कर वे बाकी सीटों पर भी आम आदमी पार्टी को लेकर एक अच्छा संदेश देना चाहते हैं. इसके जरिए पार्टी यह भी संदेश देगी कि आप पहाड़ पर फोकस कर रही है और अपने मुख्यमंत्री के चेहरे कर्नल कोठियाल को पहाड़ से ही चुनाव लड़ा रही है.

Last Updated :Nov 17, 2021, 10:57 PM IST
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