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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए बड़ा दिन, देवप्रयाग स्टेशन की 1278 मीटर लंबी सुरंग का हुआ ब्रेक थ्रू

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 28, 2023, 11:42 AM IST

Updated : Oct 16, 2023, 12:30 PM IST

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Rishikesh Karnprayag Rail Line Project ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण को आज बड़ी कामयाबी मिली है. इंजीनियरों की टीम ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की 1278 मीटर लंबी सुरंग का आज सफल ब्रेक थ्रू (आर-पार) किया. देवप्रयाग रेलवे स्टेशन का 122 मीटर लंबा प्लेटफार्म भी इस सुरंग के भीतर होगा. break through of 1278 meter long tunnel

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए आज रहा बड़ा दिन

श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण में आज 28 सितंबर का दिन बेहद खास और ऐतिहासिक रहा है. रेलवे लाइन निर्माण में युद्ध स्तर पर जुटे इंजीनियरों की बदौलत पौड़ी नाला से सौड़ (देवप्रयाग) तक 1278 मीटर लंबी सुरंग का आज सफल ब्रेक थ्रू (आर-पार) किया गया.

बताया जा रहा है कि यह सुरंग पौड़ी नाला और देवप्रयाग के बीच है, जिसमें खुले स्थान की कमी होने के कारण देवप्रयाग रेलवे स्टेशन का 122 मीटर लंबा प्लेटफार्म भी इस सुरंग के भीतर होगा, जिसके चलते यह मेन टनल आज आर पार हो गयी है. इससे पहले भी 7 आंशिक ब्रेक थ्रू हो चुके हैं.

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जानकारी के मुताबिक 27-28 सितंबर रात को करीब 1.38 मिनट पर सुरंग संख्या सात का सफल ब्रेक थ्रू किया गया. ब्रेक थ्रू का अर्थ है कि जब कोई सुरंग दो ओर से खोदने पर बीच में मिल जाती हैं और आर-पार हो जाती है. इससे पहले भी सात आंशिक ब्रेक थ्रू हो चुके हैं.

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देवप्रयाग रेलवे स्टेशन का 122 मीटर लंबा प्लेटफार्म भी इस सुरंग के भीतर होगा.

यह सुरंग पौड़ी नाला और देवप्रयाग रेलवे स्टेशन के बीच 1255 मीटर लंबी है. खुले स्थान की कमी के कारण देवप्रयाग स्टेशन का 122 मीटर लंबा प्लेटफार्म इस सुरंग के भीतर मौजूद है. परियोजना में मुख्यतः चार प्रकार की सुरंगे हैं. पहले मुख्य सुरंग यानी मेन टनल, दूसरी निकासी सुरंग यानी एस्केप टनल और तीसरी एडिट सुरंग जो मुख्य सुरंगों को हेड से जोड़ती हैं. आखिर में मुख्य सुरंग और निकासी सुरंग को प्रत्येक 350 मीटर से 400 मीटर के अन्तराल पर जोड़ने वाली सुरंगें हैं.

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इस प्रकार इस परियोजना में कुल सुरंगों की लम्बाई 213 किमी है. मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत यादव ने बताया था कि पहले कोविड और बाद में उत्तराखंड हाईकोर्ट की ओर से मशीनी खनन पर रोक के चलते सामग्री कमी होने के कारण परियोजना अपने पूर्व में निश्चित दिसंबर 2024 के लक्ष्य से आगे बढ़कर दिसंबर 2025 में कर्णप्रयाग तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. इसी के तहत टनल नम्बर सात में आज ये सफलता प्राप्त हुई है. यहां सफल ब्रेक थ्रू को अंजाम दिया गया है.

Last Updated :Oct 16, 2023, 12:30 PM IST
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