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'सात जन्मों' के रिश्ते को बचाएगी प्री वेडिंग काउंसिलिंग, महिला आयोग ने शासन को भेजा प्रस्ताव

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Published : Jan 2, 2020, 6:19 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 7:24 PM IST

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शादी

उत्तराखंड महिला आयोग ने शादीशुदा जोड़ों के लंबे रिश्ते के लिए एक मुहिम शुरू करना चाहता है. इसमें प्री वेडिंग काउंसिलिंग करने पर जोर दिया जाएगा. हालांकि, शासन से मंजूरी मिलने के बाद ही महिला आयोग इस पर काम कर सकेगा.

देहरादून: देश के अन्य महानगरों की तर्ज पर अब पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में भी तलाक के मामले साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं. स्थिति ये है कि आज की युवा पीढ़ी शादी के बंधन में तो जरूर बंध रही है, लेकिन आपसी सामंजस्य और तालमेल न बन पाने के चलते शादी का रिश्ता जल्द ही टूटने की कगार पर पहुंच रहा है. ऐसे में इन रिश्तों को टूटने से बचाने के लिए राज्य महिला आयोग एक पहल करने जा रहा है.


ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल ने बताया कि जिस तरह से आज शादियां टूट रही हैं. यह हमारे समाज और आने वाली पीढ़ी के लिए एक सही संदेश नहीं है. यही कारण है कि उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की तरफ से शासन को युवाओं की प्री वेडिंग काउंसलिंग कराने के लिए पत्र लिखा है. उनका मानना है कि यदि शादी से पहले युवाओं की काउंसलिंग की जाएगी तो इससे आज की युवा पीढ़ी को अपने जीवन साथी के साथ सामंजस्य बैठाने में आसानी होगी.

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गौरतलब है कि प्रदेश में साल 2016 से लेकर अब तक लगातार तलाक से जुड़े मामले बढ़ते जा रहे हैं. मैरिज काउंसलर और मनोवैज्ञानिक डॉ. मुकुल शर्मा बताते हैं कि शादीशुदा जोड़ों के बीच आ रही दिक्कतों के पीछे कई वजह हैं. इसमें पारिवारिक कारणों के साथ ही नशा और आर्थिक तंगी भी एक बड़ी वजह निकलकर सामने आई है. इसलिए ये जरूरी है कि युवा पीढ़ी शादी के बंधन में बनने से पहले एक बार प्री वेडिंग काउंसलिंग जरूर कराएं. ऐसा करने से काफी हद तक यह दोनों के बीच स्पष्ट हो पाएगा कि अपनी शादीशुदा जिंदगी में वह एक दूसरे से क्या उम्मीद रखते हैं?

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बहरहाल, राज्य महिला आयोग की तरफ से युवाओं की प्री वेडिंग काउंसलिंग के लिए शासन को पत्र भेजा जा चुका है. अब देखना यह होगा कि शासन स्तर पर कब तक फ्री वेडिंग काउंसलिंग को मंजूरी मिल पाती है?

Intro:देहरादून- देश के अन्य महानगरों की तर्ज पर अब पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में भी तलाख के मामले साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं। स्थिति कुछ यह है कि आज की युवा पीढ़ी शादी के बंधन में तो जरूर बंध रही है। लेकिन आपसी सामंजस्य और तालमेल न बन पाने के चलते शादी का यह रिश्ता जल्द ही टूटने की कगार पर पहुँच रहा है।


ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल ने बताया कि जिस तरह से आज शादियां टूट रही हैं यह हमारे समाज और आने वाली पीढ़ी के लिए एक सही संदेश नहीं है । यही कारण है कि उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की तरफ से शासन को युवाओं की प्री वेडिंग काउंसलिंग कराने के लिए पत्र लिखा है । उनका मानना है कि यदि शादी से पहले युवाओं की काउंसलिंग की जाएगी तो इससे आज की युवा पीढ़ी को अपने जीवन साथी के साथ सामंजस्य बैठाने में आसानी होगी।





Body:गौरतलब है कि प्रदेश में साल 2016 से लेकर अब तक लगातार तलाक से जुड़े मामले बढ़ते जा रहे हैं। मैरिज काउंसलर और मनोवैज्ञानिक डॉ मुकुल शर्मा बताते हैं कि शादीशुदा जोड़ों के बीच आ रही दिक्कतों के पीछे कई वजह हैं। इसमें पारिवारिक कारणों के साथ ही नशा और आर्थिक तंगी भी एक बड़ी वजह बन कर सामने आई है। इसलिए यह जरूरी है कि युवा पीढ़ी शादी के बंधन में बनने से पहले एक बार प्री वेडिंग काउंसलिंग जरूर कराएं । ऐसा करने से काफी हद तक यह दोनों के बीच स्पष्ट हो पाएगा कि अपनी शादीशुदा जिंदगी में वह एक दूसरे से क्या उम्मीद रखते हैं।




Conclusion:बहरहाल राज्य महिला आयोग की तरफ से युवाओं की प्री वेडिंग काउंसलिंग के लिए शासन को पत्र भेजा जा चुका है । अब देखना यह होगा कि शासन स्तर पर कब तक फ्री वेडिंग काउंसलिंग को मंजूरी मिल पाती है
Last Updated :Jan 2, 2020, 7:24 PM IST
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