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बाघिन के लापता होने का मामला: NTCA ने उत्तराखंड वन विभाग से तलब की रिपोर्ट

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Published : Nov 25, 2020, 10:34 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 12:15 PM IST

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने बाघिन के लापता होने के मामले पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से रिपोर्ट तलब की है.

उत्तराखंड वन विभाग
उत्तराखंड वन विभाग

देहरादून: उत्तराखंड में राजाजी नेशनल पार्क से बाघिन के लापता होने के मामले में राज्य वन विभाग की मुश्किलें और भी बढ़ गई है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने बाघिन के लापता होने के मामले पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से रिपोर्ट तलब की है.

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से गायब हुई बाघिन के मामले में रिपोर्ट तलब की है. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को लिखे गए पत्र में बाघिन को लेकर एनटीसीए को जानकारी मिलने और इस मामले में मौजूदा स्थिति से एनटीसीए को अवगत कराने की बात लिखी गई है.

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बता दें कि इससे पहले राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भी यह मामला उठा था और उसमें मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने बाघिन के बड़कोट क्षेत्र में बाघिन के पग चिन्ह मिलने की बात कही है. हालांकि अब एनटीसीए को इसकी जानकारी लगने के बाद मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है.

इस सब के बावजूद ऐसे कई सवाल है जो खड़े हो रहे हैं. मसलन लापता हुई बाघिन को बड़कोट में देखे जाने की बात किस आधार पर कही जा रही है, जबकि वहां पर फिलहाल कैमरे नहीं लगाए गए हैं. यदि पग चिन्ह मिले भी है तो मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने यह कैसे तय किया कि यह पग चिन्ह उसी बाघिन के हैं. बिना पग चिन्ह मैच किये कैसे राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में बाघिन के मिलने की बात कह दी गयी. लिहाजा इन तमाम सवालों के जवाब ना तो वन विभाग के पास है और न ही इसका जवाब दिए बिना वन विभाग इस मामले से अपना पल्ला झाड़ सकता है.

Last Updated :Nov 26, 2020, 12:15 PM IST
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