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इंग्लैंड से परमार्थ निकेतन पहुंचे गुरु नानक निष्काम जत्था के संरक्षक, जल संरक्षण पर हुई चर्चा

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Published : Jan 11, 2020, 7:54 AM IST

ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में गुरू नानक निष्काम जत्था के संरक्षक और सिख संगत के सदस्य मोहिंदर सिंह पहुंचे. इंग्लैंड से आकर उन्होंने यहां चिदानंद स्वामी से मुलाकात की.

mohinder singh
परमार्थ निकेतन पहुंचे मोहिंदर सिंह

ऋषिकेश: गुरु नानक निष्काम जत्था के संरक्षक और सिख संगत के सदस्य मोहिंदर सिंह बर्मिंघम इंग्लैंड से ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन पहुंचे. उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भारत में जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए मिलकर कार्य करने को लेकर विस्तृत चर्चा की.

mohinder singh
परमार्थ निकेतन पहुंचे मोहिंदर सिंह.

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि मोहिंदर सिंह ने पश्चिमी धरती पर रहकर भारतीय संस्कृति और संस्कारों को सींचा है. साथ ही पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में अतुल्य योगदान दिया. उन्होंने कहा कि यूनाइटेड नेशन का मंच हो, पार्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलिजन का मंच हो या रिलीजन ऑफ पीस या अन्य बड़े-बड़े मंचों पर हमने साथ बैठकर देश, समाज, भारतीय संस्कृति, संस्कारों के लिये और विश्व शान्ति के लिये अनेक कार्यक्रम आयोजित किये. साथ ही अनेक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया.

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स्वामी चिदानंद ने बताया कि जल हमारा भविष्य ही नहीं, बल्कि वर्तमान भी है. जल की हर एक बूंद को संरक्षित करना हमारा दायित्व है. वर्तमान समय में 665 मिलियन लोगों तक सुरक्षित और स्वच्छ जल की पहुंच नहीं है. हर परिवार और प्रत्येक व्यक्ति तक जल को पहुंचाने के लिये मिलकर कार्य करने की जरूरत है.

मोहिन्दर सिंह और सिख संगत के सदस्यों ने विश्वस्तर पर जलापूर्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया. इसके साथ ही सभी ने संकल्प लिया कि जल के लिये सभी मिलकर एक होकर कार्य करेंगे. मोहिन्दर सिंह ने बताया कि वो अगली बार विश्व के अनेक देशों के श्रद्धालुओं को साथ लेकर यहां आएंगे, जिससे वे सभी उत्तराखण्ड की दिव्यता, पवित्रता, प्राकृतिक सुन्दरता, हेम कुण्ड साहिब के दर्शन कर सकें.

Intro:ऋषिकेश--परमार्थ निकेतन में गुरूनानक निष्काम जत्था के संरक्षक भाई साहब मोहिन्दर सिंह और सिख संगत के सदस्य बर्मिंघम, इंग्लैड से पधारे उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द से मुलाकात की, स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भारत में जल और पर्यावरण संरक्षण हेतु मिलकर कार्य करने हेतु विस्तृत चर्चा की।


Body:वी/ओ--स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने बताया कि मोहिन्दर सिंह ने पश्चिम के धरती पर रहकर भारतीय संस्कृति और संस्कारों को सींचा, भारतीय जड़ों को सीचा, पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में अतुल्य योगदान दिया।उन्होंने कहा कि यूनाइटेड नेशन का मंच हो, पार्लियामेंट आॅफ वल्र्ड रिलिजन का मंच हो या रिलिजन आॅफ पीस या अन्य बड़े-बड़े मंचों पर हमने साथ बैठकर देश, समाज, भारतीय संस्कृति, संस्कारों के लिये तथा विश्व शान्ति के लिये अनेक कार्यक्रम आयोजित किये और अनेक कार्यक्रमों में सहभाग किया। मुझे तो लगता है अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर जल, जीवन और हरियाली-खुशहाली यात्राओं का आयोजन किया जाये। ’’’पवन गुरू, पाणी पिता, माता धरत महत’’ को केन्द्र में रखते हुये भारत में लोगों को जल और जीवन के प्रति लोगों को जागृत किया जाये।


स्वामी चिदानन्द ने कहा कि जल हमारा भविष्य ही नहीं बल्कि वर्तमान भी है अतः जल की हर एक बूंद को संरक्षित करना हमारा दायित्व हैं। वर्तमान समय में 665 मिलियन लोगों तक सुरक्षित एवं स्वच्छ जल की पंहुच नहीं है। हर परिवार और प्रत्येक व्यक्ति तक जल को पहुंचाने के लिये मिलकर कार्य करने की जरूरत है।




Conclusion:वी/ओ-- मोहिन्दर सिंह और सिख संगत के सदस्यों ने विश्व स्तर पर जल की आपूर्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। सभी ने संकल्प लिया कि जल के लिये सभी मिलकर  एक होकर कार्य करेंगे। मोहिन्दर सिंह ने कहा कि अगली बार विश्व के अनेेक देशों के श्रद्धालुओं को साथ लेकर यहां आयंेगे ताकि वे सभी उत्तराखण्ड की दिव्यता, पवित्रता, प्राकृतिक सुन्दरता, हेम कुण्ड साहाब और यहां पर ऐसे अनेक आध्यात्मिक आकर्षण है जो केवल लोगों को लुभाते ही नहीं हैं बल्कि जीवन लाभ भी देते हैं।

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