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ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में 'लीव नो वन बिहाइंड' सम्मेलन का उद्घाटन, ये हैं मुख्य उद्देश्य

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Published : Dec 17, 2019, 10:58 PM IST

परमार्थ निकेतन में लीव नो वन बिहाइंड सम्मेलन का आयोजन किया गया सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के सामाजिक जुड़ावों को बढ़ावा देने हेतु योगदान प्रदान करना है.

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परमार्थ निकेतन में लीव नो वन बिहाइंड सम्मेलन का उद्घाटन

ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में जिनेवा से आये जेम्स, जीवा, डब्ल्यू एसएस सीसी और एफएनएएसए के संयुक्त तत्वाधान में इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के सामाजिक जुड़ावों को बढ़ावा देना है. साथ ही भारत सरकार के प्रयासों और स्वच्छ भारत मिशन को सहयोग और समर्थन प्रदान करना है एवं 'लीव नो वन बीहाइंड’ तथा भारत सरकार के ओडीएफ प्लस के मौजूदा लॉच को पूर्ण सहयोग करना है.

इसके अलावा सम्मेलन का और एक मुख्य उद्देश्य भारत सरकार की संयुक्त राष्ट्र टीम को वर्ष 2020 की स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा हेतु भारत सरकार को समर्थन और सहयोग प्रदान करना है. इस शिखर सम्मेलन में केन्द्र और राज्य सरकार, नागरिक समाज, निजी क्षेत्रों, मीडिया, खेल आदि के अलावा सभी सम्बंधित संस्थानों और संगठनों के 10 से 15 सदस्यों ने सहभाग किया. जिनमें 15 समूहों में वर्गीकृत किया गया.

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वहीं 15 समूहों के सदस्यों को सतत विकास लक्ष्य, एसडीजी 6 तथा संयुक्त राष्ट्र टीम के दिशा-निर्देशों और विभिन्न समूहों के लिये तैयार संचरित प्रश्नावली का उपयोग करके वॉटर, सैनिटेशन और हाइजीन के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों के समाधान हेतु बताया जा रहा है. कार्यक्रम में वॉटर, सैनिटेशन और हाइजीन, मासिक धर्म स्वच्छता, स्वास्स्थ्य, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (जैविक, प्लास्टिक, ग्रे वॉटर और मल, कीचड़ प्रबंधन) पर प्रशिक्षित किया जायेगा.

Intro:ऋषिकेश--परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में जिनेवा से आये जेम्स, जीवा, डब्ल्यू एस एस सी सी और एफएनएएसए के संयुक्त तत्वाधान में इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और विभिन्न क्षेत्रों के लोगो के सामाजिक जुड़ावों को बढ़ावा देने हेतु योगदान प्रदान करना तथा भारत सरकार के प्रयासों और स्वच्छ भारत मिशन को सहयोग और समर्थन प्रदान करना है एवं ’’लीव ’’लीव नो वन बीहाइंड’’ तथा भारत सरकार के ओडीएफ प्लस के मौजूदा लाॅच को पूर्ण सहयोग प्रदान करना है। साथ ही  भारत सरकार की संयुक्त राष्ट्र टीम को वर्ष 2020 की स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा हेतु भारत सरकार को समर्थन और सहयोग प्रदान करना है।


Body:वी/ओ--इस शिखर सम्मेलन में केन्द्र और राज्य सरकार, नागरिक समाज, निजी क्षेत्रों, मीडिया, खेल आदि के अलावा सभी सम्बंधित संस्थानों और संगठनों के 10 से 15 सदस्यों ने सहभाग किया। इन्हें 15 समूहों में वर्गीकृत किया गया। इस 15 समूहों के सदस्यों को सतत विकास लक्ष्य, एसडीजी 6 तथा संयुक्त राष्ट्र टीम के दिशानिर्देशों और विभिन्न समूहों के लिये तैयार संचरित प्रश्नावली का उपयोग करके वाॅटर, सैनिटेशन और हाइजीन के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों के समाधान हेतु दिशानिर्देश दिये जा रहे है।लीव नो वन बिहाइंड शिखर सम्मेलन में युवा, महिलायें, बच्चे, दलित, आदिवासी, ट्रांसजेंडर और लेस्बियन, प्रवासियों, शहरी गरीब, विकलांग लोग,  बुजुर्ग, किशोर, किसान और भ्प्ट से पीड़ित लोग, झोंपड़ीवासी, बेघर, मैला ढोने वाले, यौनकर्मी आदि को भारत के विभिन्न राज्यों से 250 से अधिक लोगो को आंमत्रित किया गया है। तीन दिनों तक उन्हें वाॅटर, सैनिटेशन और हाइजीन, मासिक धर्म स्वच्छता, स्वास्स्थ्य, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (जैविक, प्लास्टिक, ग्रे वॉटर और मल, कीचड़ प्रबंधन) प्रशिक्षित किया जायेगा। वास्तव में यह शिखर सम्मेलन स्वच्छ भारत मिशन को और आगे ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।


WSSCC भारत के समन्वयक विनोद मिश्रा ने लीव नो वन बिहाइंड समिट के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि इसमें भारत के 20 राज्यों के 20 से अधिक संगठनों ने सहभाग किया है। जुलाई 2020 में पूरे विश्व की एसडीजी रिपोर्ट (जिसमें वाटॅर, सैनिटेशन और हाईजीन शामिल है) जानी है। इसमें भारत सरकार भी अपनी रिपोर्ट भेंजेगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य है कि समाज के ये 14 समूहों के लोगों के प्रतिनिधियों से जानकारी प्राप्त करना कि सरकार द्वारा जारी की गयी स्वच्छ भारत मिशन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है और कितना मिल पा रहा है इस पर रिपोर्ट लेना और इन योजनाओं तक सब की पहुंच बनाना। ओडीएफ के माध्यम से जो भी स्वच्छता के क्षेत्र में पीछे रह गये है उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाना है।


Conclusion:वी/ओ--स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ’’मानव-मानव एक समाज सबके कहा कि कल शाम को मेरे पास सेक्सवर्कर सलमा, सरनसाना बहन आयी मुझसे बात की और कहा कि दुनिया में परमार्थ निकेतन एक ऐसी जगह है जहां आकर लगा की हम अपने मायके में है। लगता है हमें जब भी जरूरत होगी हमारे लिये इसके द्वार खुले है।  
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