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देहरादून में बढ़े लैंड फ्रॉड मामले, 284 प्रॉपर्टी डीलर गए जेल, जमीन खरीदते समय बरतें ये सावधानियां

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 28, 2023, 6:56 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 7:40 PM IST

Dehradun land Fraud
देहरादून में जमीन फर्जीवाड़ा

Land fraud cases in Dehradun हर किसी का सपना होता है कि उसका खूबसूरत लोकेशन पर अच्छा सा आशियाना हो. जिसके लिए वो पाई-पाई कर पूंजी जमा करता है, लेकिन जरा सी भूल या लापरवाही से वो अपनी जमापूंजी लूटा लेता है. ऐसे ही मामले लगातार देहरादून से सामने आ रहे हैं. अगर आप भी जमीन या मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपको पढ़नी चाहिए. क्योंकि, उत्तराखंड में पहले ही प्रॉपर्टी से जुड़े दो मामले सुर्खियों में है. जो पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. इसके अलावा औसतन 5 केस जमीन ठगी के आ रहे हैं. जो बताते हैं कि जमीन ठगी का जाल काफी फैल चुका है. Uttarakhand Land Fraud

देहरादूनः उत्तर प्रदेश से अलग होकर अलग राज्य बने उत्तराखंड को बेहद शांत और रहने के लिए सबसे मुफीद माना जाता था, लेकिन अब यहां रहना महंगा हो गया है. जब राज्य बना तो जमीनों के रेट ज्यादा नहीं थे, लेकिन धीरे-धीरे उत्तराखंड के कुछ शहरों की जमीन इतनी महंगी हो गई कि लोगों को अपना घर बनाना सपना जैसा हो गया या फिर जिन्होंने कुछ जोर लगा कर जमीन खरीदी, वो ठगी का आसानी से शिकार हो गए. जिसमें प्रॉपर्टी डीलरों समेत कई लोगों ने मोटा पैसा कमाकर लोगों की जेबें काटी. इसके साथ ही जमकर फर्जीवाड़े हो रहे हैं, जो पुलिस के लिए सिरदर्द बने हैं.

उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, ऋषिकेश ये वो शहर हैं, जो प्रदेश में तराई का हिस्सा है और यहां जमीनों के रेट आसमान छू रहे हैं. इन शहरों में पुलिस के पास दूसरे अपराधों के मुकाबले जमीनों से जुड़े अपराधों की लिस्ट लगातार लंबी होती जा रही है. पुलिस भी मानती है कि इस अपराध में सिर्फ भू माफिया नहीं, बल्कि सफेद कुर्ते धारी से लेकर दफ्तरों में बैठे अधिकारी और कर्मचारी तक शामिल हैं. तभी यह काम ठगों के लिए आसान हो पा रहा है.

सबसे ज्यादा सुर्खियों में ये दो मामलेः देहरादून में जमीनों के फर्जीवाड़े की खबरें आए दिन आती रहती हैं, लेकिन मौजूदा समय में ये चर्चा इसलिए भी ज्यादा हो रही है, क्योंकि दो बड़े मामलों पर सबकी नजर है. जिसमें बिल्डर दीपक मित्तल के हाउसिंग प्रोजेक्ट पुष्पांजलि में करोड़ों रुपए का फ्रॉड और देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस से जमीनों के दस्तावेजों से छेड़छाड़ शामिल हैं. जिसमें देहरादून के नामी वकील समेत कई बड़े लोग फंसते नजर आ रहे हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ ये दो मामले ही देहरादून पुलिस की टेंशन बने हुए हैं, बल्कि रोजाना सामने आ रहे जमीन से फर्जीवाड़े के मामले में पुलिस का सिरदर्द बढ़ा रहे हैं.

Dehradun City
देहरादून में कंक्रीट के जंगल
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पुष्पांजलि फ्लैट फ्रॉड मामला बना पुलिस के लिए सिरदर्दः पुष्पांजलि रियलएम्स एंड इंफ्राटेक लिमिटेड के प्रोजेक्ट में फ्लैट बेचने के नाम पर लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया गया. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत साल 2015 के आस पास हुई थी. जिसमें बिल्डर दीपक मित्तल और उसके सहयोगियों ने देहरादून के सहस्त्रधारा रोड इलाके समेत राजपुर और डालनवाला क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट शुरू किए थे. बकायदा कई लोगों ने दीपक मित्तल को एडवांस देकर अपने फ्लैट बुक कराए.

लोग निश्चिंत थे कि अब उन्हें भी अपना घर मिल जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक, उस वक्त तक 45 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट के मालिक के पास पहुंच गए थे, लेकिन साल 2018 में इस प्रोजेक्ट का काम बंद हो गया. बताया जाता है कि पैसे की कमी की वजह से इस प्रोजेक्ट को अधूरा छोड़ दिया गया, लेकिन जिनके पैसे लगे थे, वो रोजाना दीपक मित्तल और उसके सहयोगी के पास चक्कर लगते रहे. इसी बीच पता चला कि दीपक मित्तल ग्राहकों के करोड़ों रुपए लेकर कहीं फरार हो गया है.

Dehradun Ghanta Ghar
देहरादून का घंटाघर

जिसके बाद यह मामला पुलिस तक पहुंचा. बताया जाता है कि खुद फंसता देख दीपक मित्तल विदेश भाग गया. देहरादून के इस प्रॉपर्टी फ्रॉड ने पुलिस को इतना परेशान कर दिया कि उन्हें दीपक मित्तल और राजपाल वालिया के ऊपर गैंगस्टर तक लगानी पड़ी. पुलिस को उस वक्त लगा था कि शायद इससे बात बन जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद सभी आरोपियों पर इनाम घोषित किया गया. साथ ही दीपक मित्तल के पिता और पत्नी राखी मित्तल को भी आरोपी बना लिया गया.

बताया जा रहा है कि पुलिस के पास ये भी जानकारी है कि दीपक मित्तल कहां छिपा बैठा है, लेकिन समस्या ये है कि दूसरे देश में बैठे होने की वजह से पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच पा रही है. ऐसे में देहरादून एसएसपी अजय सिंह की सख्ताई के बाद दीपक मित्तल के पिता को गिरफ्तार कर लिया गया. ताकि, उनके बेटे यानी दीपक मित्तल पर दबाव बनाया जा सके और वो भारत आकर पुलिस की कार्रवाई में सहयोग करें.
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एसएसपी अजय सिंह बोले, खास प्लान पर हो रहा काम, नहीं बचेगा दीपक मित्तलः हैरानी तो पुलिस तब हुई, जब दीपक मित्तल समेत अन्य के खातों की जानकारी निकाली गई. जो प्रोजेक्ट पैसे की कमी से बंद होना बताया जा रहा था, उससे जुड़े लोगों के खाते में 205 करोड़ रुपए का लेन देन होने की बात पुलिस को पता चली है. ऐसे में पुलिस ने इससे जुड़े 41 खातों को फ्रीज कर दिया है.

Dehradun SSP Ajay Singh
देहरादून एसएसपी अजय सिंह

एसएसपी अजय सिंह की मानें तो एक फिल्म निर्माता और कई बड़े सफेदपोश के साथ बिल्डर भी इस फ्रॉड में शामिल हैं. जिनके ऊपर जल्द ही कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है. एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि दीपक मित्तल हो या उसका सहयोगी ज्यादा दिन तक नहीं भाग सकते हैं.

देहरादून पुलिस इस मामले में एक अलग तरह के प्लान पर काम कर रही है. जिससे दीपक मित्तल को देहरादून आना ही पड़ेगा. जिन लोगों के मेहनत के पैसे गए हैं, उनको इंसाफ दिलवाना उनकी प्राथमिकता है. लिहाजा, वो मामले की रोजाना समीक्षा भी कर रहे हैं. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि जो भी उन्हें बचाने की कोशिश में जुटा था या फिर उनका साथ दे रहा था, उनकी कुंडली भी खंगाली जा रही है.

पुष्पांजलि प्रॉपर्टी मामले को जानिएः हरिद्वार के रहने वाले दीपक मित्तल ने कई साल पहले देहरादून में प्रॉपर्टी का काम शुरू किया था. फिलहाल, इस मामले में दोनों पत्नी पत्नी फरार चल रहे हैं. पुष्पांजलि परियोजना के करीब 90 फ्लैटों के खरीदार कब्जे के लिए 5 सालों से भटक रहे हैं. देहरादून के इस प्रोजेक्ट से जुड़े मामले में फ्लैट खरीदारों की ओर से रेरा में 64 मामले दर्ज हैं. जबकि, देहरादून पुलिस ने अब तक 9 मुकदमे दर्ज किए हैं.

वहीं, पंजाब नेशनल बैंक से 21 करोड़ रुपए का कर्ज एनपीए घोषित हो चुका है. देहरादून में लोगों की परेशानी देख सरफेसी एक्ट के तहत नीलामी पर रेरा ने रोक लगाई है. मनी लांड्रिंग को देखते हुए ईडी मार्च 2022 में परियोजना और निदेशकों के फ्लैट अटैच कर चुका है.

रेरा यानी भू संपदा विनियामक प्राधिकरण ने फ्लैट खरीदारों की मांग पर अन्य बिल्डर से परियोजना पूरा कराने के विकल्प पर विचार किया है. बिल्डर दीपक मित्तल के पिता को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि, दीपक मित्तल और उसकी पत्नी राखी मित्तल पर 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित है. उसके सहयोगी राजपाल पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया है.

रजिस्ट्री ऑफिस में ही सेंध, करोड़ों रुपए की जमीनों की रजिस्ट्री में हेरा फेरीः अगर आपने भी जमीन खरीदते वक्त सावधानी नहीं बरती तो आपके साथ किस कदर फ्रॉड हो सकता है, इसका अंदाजा नहीं लगा सकते हैं. खास बात तो ये है कि रजिस्ट्री ऑफिस में ही फ्रॉड हो रहा है. ऐसा ही मामला देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस से सामने आया. जहां बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. जिसे सुन सब हैरान रह गए.

दरअसल, बीते लंबे समय से देहरादून के रजिस्ट्रार ऑफिस में इस बात की शिकायतें मिल रही थी कि वहां मौजूद कई फाइलों से छेड़छाड़ की जा रही है. साथ ही कई फाइलें गायब होने की बात भी सामने आई थी. मामले की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निरीक्षण किया तो बड़ा खुलासा हुआ. कई जमीनों की रजिस्ट्री के साथ छेड़छाड़ की गई थी. जैसे तारीखों का बदलना, मुख्य जमीन मालिक का नाम बदलना, नए कागजात पुराने बनाकर एक दूसरे की फाइल में रखना समेत अन्य फर्जीवाड़े यहां हो रहे थे.

एक अनुमान के मुताबिक, करीब 300 करोड़ रुपए से भी ज्यादा के जमीनों की रजिस्ट्री में हेरा फेरी होने की संभावना जताई गई है. वहीं, बीती 15 जुलाई को देहरादून डीएम सोनिका सिंह ने इस मामले में एक मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसके बाद एसआईटी गठित की गई और देहरादून के एक बड़े वकील को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया. फिलहाल, इस मामले में ईडी भी जांच कर रही है.
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इस मामले में बताया जा रहा है कि ये खेल राज्य गठन के बाद से ही लगातार चला आ रहा था, लेकिन जमीनों के रेट बढ़ने के बाद से ही इस मामले में 'खेल' और 'खिलाड़ी' दोनों ही बड़े स्तर के होते चले गए. अगर जांच अच्छी तरह से हुई तो इस मामले में आने वाले समय में कई अधिकारी और कर्मचारी भी नप सकतें है. साथ ही इस मामले में तार यूपी और अन्य राज्यों से जुड़े होने की भी पूरी आशंका है.

सरकारी आंकड़े दे रहे ये तस्दीकः पुलिस के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देहरादून में ही 284 प्रॉपर्टी डीलर सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं. इनमें करीबन ज्यादातर मामलों में जमीन फ्रॉड कर लोगों को लाखों और करोड़ रुपए का चूना लगाया गया है. आलम ये है कि देहरादून में ही रोजाना औसतन पुलिस के पास 5 जमीन फ्रॉड से जुड़े मामले आ रहे हैं. इसमें फ्रॉड करने वाले अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपने चंगुल में फंसा कर उन्हें लूट रहे हैं. ज्यादातर मामलों में अगर देखा जाए तो फ्रॉड का पैटर्न कुछ ऐसा है.

ऐसे हो रहे जमीन के फ्रॉडः किसी की जमीन के दो-दो एग्रीमेंट किए जा रहे हैं. कहीं मृत व्यक्ति की जमीन पर किसी और व्यक्ति का नाम चढ़कर आगे बेच दी गई. कई मामलों में एक ही जमीन को तीन लोगों को अलग-अलग तरीके से बेच दिया गया. कई बार लोकेशन कहीं और दिखाकर रजिस्ट्री किसी और प्लांट की करने के बाद ठगी की जा रही है. ज्यादा जमीन दिखाकर कम जमीन की रजिस्ट्री या बाउंड्री वॉल करके बेची जा रही है. फर्जी प्रॉपर्टी डीलर या एसोसिएट बनाकर बुजुर्गों और जरूरतमंद लोगों को बहला फुसलाकर जमीन अपने नाम कराई जा रही है.
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जमीन खरीदते वक्त बरतें ये सावधानियां, पुलिस की मानें ये सलाहः देहरादून के पुलिस कप्तान अजय सिंह कहते हैं कि जमीन से जुड़े सौदागरों ने राजधानी दून में काफी ज्यादा पैर पसार रखे हैं. इसका मुख्य कारण यही है कि लगातार जमीनों के भाव आसमान छू रहे हैं, लेकिन फिर भी पुलिस लगातार ये प्रयास कर रही है कि किसी के साथ जमीन जायदाद से जुड़े मामले में फ्रॉड न हो. एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, अगर आप जमीन ले रहे हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें.

  1. अगर आप कोई मकान, दुकान, प्लॉट या फ्लैट खरीद रहे हैं तो सबसे पहले एक अच्छे वकील या अपने परिचित वकील से संपर्क जरूर करें.
  2. हर प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज जरूर करवा लें. इस बात को वेरीफाई कर लें कि आपको दिए गए कागज सही है या नहीं.
  3. जमीन के खसरा नंबरों की तहसील से प्रमाणित खतौनी हासिल जरूर करें. जिसमें विक्रेता का नाम हो. साथ ही विक्रेता की पहचान की पुष्टि भी कर लें.
  4. जमीन का राजस्व अभिलेखों और मौके का मिलान जरूर कर लें. जिस संपत्ति को खरीदना है, उसकी दिशाओं को आस पड़ोस में अच्छी तरह पुष्टि करा लें. अभिलेखों में ये भी जांच लें कि विक्रेता के नाम जमीन अवशेष है या नहीं.
  5. बैंक और पंजीयन कार्यालय से संबंधित जमीन पर कोई लोन तो नहीं है, इसकी जानकारी लें. साथ ही लोन मुक्त होने का प्रमाण पत्र भी अवश्य लें.
  6. वहीं, eregistrationukgov.in की साइट पर जाकर जमीन के क्रय-विक्रय पर किसी कोर्ट से कोई रोक तो नहीं है, इसकी पुष्टि कर सकते हैं.
  7. जमीन खरीदने के बाद अपना नामांतरण या कब्जा तत्काल राजस्व अभिलेखों पर खतौनी में करा लें. जमीन का उप निबंधक कार्यालय में पंजीयन से पहले बाउंड्री वॉल भी करा लें.
  8. इतना ही नहीं ये भी जांच ले जो जमीन खरीदी है, उसी जमीन पर ही कब्जा दिया गया है या नहीं. साथ ही जमीन गोल्डन फॉरेस्ट, टी स्टेट और पर्ल ग्रुप कंपनी आदि का न हों.
  9. जल्दबाजी में किसी भी कागज पर साइन न करें, कागजों को पूरा पढ़ें और मौके पर जाकर जमीन देखें. किसी अनजान प्रॉपर्टी डीलर पर तब तक भरोसा न करें, तब जब तक उसकी विश्वसनीयता आपको पता लग जाएं.
  10. जमीन के मुख्य मालिक से आप खुद ही मुलाकात करें, बिचौलिए की बातों में बिल्कुल न आएं. जरा सा भी फ्रॉड होने की आशंका होने पर तत्काल पुलिस या रजिस्ट्री ऑफिस से संपर्क साधें.
Last Updated :Sep 28, 2023, 7:40 PM IST
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