ETV Bharat / state

सहकारी बैंकों में भर्ती घोटाला, जांच टीम ने खंगाले दस्तावेज, विपक्ष भी सरकार पर हमलावर

author img

By

Published : Apr 5, 2022, 6:52 PM IST

Updated : Apr 5, 2022, 7:25 PM IST

उत्तराखंड सहकारी बैंकों में कथित चतुर्थ श्रेणी भर्ती घोटाले का मुद्दा छाया है. ऐसे में इस मामले में जांच के लिए गठित की गई टीम ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. मंगलवार को टीम ने देहरादून में कुछ दस्तावेज खंगाले हैं. वहीं, विपक्ष भी इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है.

Uttarakhand Co-operative Banks
सहकारी बैंकों में भर्ती घोटाले

देहरादून: उत्तराखंड सहकारी बैंक में कथित चतुर्थ श्रेणी भर्ती घोटाले की जांच शुरू हो गई है. ऐसे में जांच टीम मंगवालर को देहरादून में डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक में पहुंची, जहां टीम ने कुछ जरूरी दस्तावेज खंगालकर उन्हें अपने कब्जे में लिया. सोमवार को टीम ने डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक के दफ्तर को सीज कर दिया था.

बताया जा रहा है कि इस जांच की आंच कई अधिकारियों के गिरेबान तक पहुंच सकती है. टीम ने संदेह के घेरे में कई अधिकारी हैं. हालांकि, अभी तक जांच टीम ने किसी भी अधिकारी का नाम उजागर नहीं किया है. बताया जा रहा है कि ये भर्ती घोटाला देहरादून, पिथौरागढ़ और नैनीताल में हुआ था.

सहकारी बैंकों में भर्ती घोटाला
पढ़ें- सहकारी बैंकों में निरस्त हुई भर्ती प्रक्रिया की जांच की मांग, सीएम को भेजा पत्र

कहा तो यहां तक जा रहा है कि एक ही परिवार के कई लोगों को चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती किया गया है. ऐसे में इस भर्ती घोटाले के पीछे अधिकारियों और राजनेताओं को बड़ा गठजोड़ लग रहा है. अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर अपने रिश्तदारों को ही नौकरी पर रखा है.

बता दें कि ये मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया था और 15 दिन का समय दिया था. वहीं, सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने भी जांच के आदेश जारी कर दिए थे. इसके बाद टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी है.
पढ़ें- पौड़ी में चल रहा था फर्जी स्कूल, मुख्य शिक्षा अधिकारी ने लगाया एक लाख का जुर्माना

वहीं, इस कथित भर्ती घोटाले ने कांग्रेस को भी बैठे-बैठाए सरकार पर हमला करने को मौका दे दिया है. कांग्रेस गढ़वाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने कहा कि ये सरकार होनहार युवाओं को हक मार रही है और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दे रही है.

गरिमा दसौनी ने कहा कि ये पूरा मामला पहले ही सामने आ गया था, इसके बाद नियुक्तियों पर रोक लगाई गई थी, लेकिन सहकारी बैंकों के प्रबंधकों ने सरकारी आदेश को ताक पर रखकर नया खेल खेला और इस भर्ती घोटाले को अंजाम दिया. इस घोटाले के साथ इसकी भी जांच होनी चाहिए कि ये सब किसके इशारे पर किया गया.
पढ़ें- फौजी बनकर कार बेचने के नाम पर ठगे 48 हजार रुपये, पीड़ित ने पुलिस से लगाई गुहार

वहीं, इस पूरे खेल के साथ उत्तराखंड क्रांति दल के बड़े नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने भी एक और मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा है कि सचिव महाप्रबंधक वंदना श्रीवास्तव को सेवा विस्तार कैसे कर दिया गया? जबकि वह कई मामलों में दागदार रही हैं.

सेमवाल के अनुसार कोऑपरेटिव बैंक में सबसे पहले बैंक के सचिव, डायरेक्टर और अध्यक्ष को हटाकर किसी दूसरे को उनकी जगह तैनात किया जाए, तभी इस मामले में निष्पक्ष जांच हो सकती है. इसके साथ ही घोटाले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ताकि अन्य विभागों ने ऐसा फर्जीवाड़ा न हो.

Last Updated :Apr 5, 2022, 7:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.