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केजरीवाल के नौकरी-भत्ता वाले दावों में कितना दम ? दिल्ली में साढ़े 6 साल में 406 को नौकरी दी !

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Published : Sep 24, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 6:58 PM IST

अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में सरकार बनने पर 6 महीने में 1 लाख बेरोजगारों को रोजगार की गारंटी दी है. केजरीवाल ने ये भी कहा है कि बाकी बेरोजगारों को नौकरी मिलने तक हर महीने 5000 रुपए भत्ता दिया जाएगा. केजरीवाल की इस घोषणा से जहां बेरोजगारों में नौकरी की उम्मीद जगी है, वहीं आप राज्य की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के बीच इस घोषणा को कैसे पूरा कर पाएगी इस पर भी सवाल उठ रहे हैं. दिलचस्प बात ये है कि केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी सरकार के साढ़े छह साल के दो कार्यकाल में सिर्फ 406 लोगों को नौकरी दी है. पिछले दो साल में तो सिर्फ 28 लोगों को नौकरी मिली है.

Assembly elections 2022
Assembly elections 2022

देहरादून: चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा ख्वाब दिखाने और जनता को हसीन सपनों से मदमस्त करने की कोशिश कोई नई बात नहीं है. लेकिन उत्तराखंड में इस बार के सपने पहले से कुछ बड़े हैं. यूं तो, भाजपा-कांग्रेस के वादों को जनता पिछले 20 सालों से देखती आ रही है लेकिन इस बार सपना दिखाने वालों में आम आदमी पार्टी का नाम भी शुमार हो गया है. इन दिनों अरविंद केजरीवाल की पार्टी युवाओं को रोजगार के ख्वाब दिखा रही है. इन दावों की गहराई को जांचने के लिए जनता दिल्ली मॉडल का अध्ययन तो करेगी ही लेकिन ईटीवी भारत जनता के सामने इसकी तुलनात्मक जानकारियों को रखने जा रहा है.

दिल्ली में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर अपना लोहा मनवाने वाले अरविंद केजरीवाल अब उत्तराखंड के चुनाव में कूद पड़े हैं. केजरीवाल का मकसद आप की झाड़ू से भाजपा और कांग्रेस दोनों का ही सफाया करना है. शायद इसी इरादे के साथ अरविंद केजरीवाल ने ऐसे बड़े-बड़े वादे या केजरीवाल की भाषा में कहें तो गारंटी दे दी है, जिसे भाजपा और कांग्रेस दोनों ही नहीं पचा पा रहे हैं.

केजरीवाल के नौकरी-भत्ता वाले दावों में कितना दम ?

दरअसल, उत्तराखंड के दृष्टिकोण से अरविंद केजरीवाल की गारंटी प्रदेश के बुद्धिजीवियों को भी समझ में नहीं आ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश के पास इन बड़े-बड़े सपनों को पूरा करने के लिए ना तो पैसा है और ना ही भविष्य में राजस्व बढ़ाने का कोई तरीका. वैसे आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड में पहले फ्री बिजली की गारंटी दे चुके हैं और अब रोजगार के मामले में भी बड़ी घोषणा कर चुके हैं.

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दिल्ली में बेरोजगारी: भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र (Centre for Monitoring Indian Economy) द्वारा जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में मई 2021 में बेरोजगारी दर 27.3% थी जो देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले प्रदेशों में शामिल है. जबकि उत्तराखंड में मई महीने में ही बेरोजगारी दर 5.5% थी, जोकि सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में शुमार है. वहीं, राष्ट्रीय बेरोजगारी दर का आकलन करें तो रिपोर्ट के अनुसार मई 2021 में देश में बेरोजगारी दर 11.6% थी.

दिल्ली रोजगार कार्यालय से मिली जानकारी: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में अपने 6.5 साल के कार्यकाल में दिल्ली के लोगों को सिर्फ 406 नौकरियां ही दी हैं, जबकि आरटीआई से पता चला है कि पिछले दो साल में सिर्फ 28 लोगों को ही नौकरी दी गई है. AAP ने अपने पहले कार्यकाल में 378 लोगों को ही नौकरियां दी हैं. दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में वर्तमान में 13,97,977 (लगभग 14 लाख) युवा बेरोजगार हैं.

दिल्ली में महंगाई: महंगाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो अगस्त 2021 में उत्तराखंड में महंगाई दर 5.38% थी, जबकि दिल्ली में यह दर 5.25% रही. यानी दोनों ही जगह महंगाई दर करीब समान ही रही.

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इन आंकड़ों को आपके सामने इसलिए रखा गया है कि उत्तराखंड में नौकरियों की बरसात करने वाले अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में बेरोजगारी कोरोना काल में आसमान छू रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि जो अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री रहते दिल्ली में बेरोजगारी खत्म नहीं कर सके तो, उत्तराखंड में कैसे करेंगे ?

बेरोजगारी भत्ते के दावों की सच्चाई: बेरोजगारी भत्ते की बात करें तो उत्तराखंड में ₹5 हजार प्रत्येक बेरोजगार को देने का वादा करने वाले अरविंद केजरीवाल अपने प्रदेश में बेरोजगारों को कितना बेरोजगारी भत्ता दे रहे हैं, यह भी जनता उनसे पूछेगी.

उत्तराखंड सरकार पर 65 हजार करोड़ का कर्जा: उत्तराखंड पर करीब 65 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. 80 फीसदी बजट सिर्फ तनख्वाह और पेंशन पर ही खर्च हो जाता है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार को हर साल करीब 5000 करोड़ का कर्ज लेना पड़ता है. राजस्व के रूप में न केवल जीएसटी बल्कि आबकारी, ट्रांसपोर्ट जैसे सेक्टर में भी रेवेन्यू में गिरावट आई है. इस लिहाज से एक लाख नई नौकरियां देने का मतलब है कि 200 करोड़ रुपये महीने का सरकार पर बोझ पड़ेगा. यह पैसा कहां से आएगा कुछ पता नहीं.

बेरोजगारों को ₹5 हजार का भत्ता: अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने के 6 महीने में एक लाख युवाओं को नौकरिया देने के वादा किया है. उत्तराखंड में करीब 8.5 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं. ऐसे में 7.5 लाख युवाओं को हर महीने 5 हजार रुपये देने के लिए 3 अरब 75 करोड़ रुपये का बजट कहां से आएगा. इस लिहाज से बजट का पूरा पैसा तो तनख्वाह और पेंशन पर ही निकल जाएगा, फिर बाकी ख्वाबों को अरविंद केजरीवाल कैसे पूरा करेंगे इसका भी कुछ पता नहीं है ?

भाजपा का केजरीवाल से सवाल: अरविंद केजरीवाल के इन दावों और वादों को लेकर भाजपा का अपना एक तर्क है. भाजपा नेताओं की मानें तो अरविंद केजरीवाल ने चुनाव के दौरान दिल्ली में आठ लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था. यानी वह मानते हैं कि दिल्ली में करीब 8 लाख लोग बेरोजगार हैं, तो क्या उन सभी लोगों को ₹5000 रोजगार भत्ता दिल्ली में दिया जा रहा है.

भाजपा का दूसरा दावा है कि आम आदमी पार्टी ने नए रोजगार पोर्टल शुरू किया, जिसमें 9900 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया और इसमें से मात्र 404 लोगों को ही सरकार रोजगार दे पाई. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स कहते हैं कि जो सरकार दिल्ली में फेल हो गई हो गई, उससे उत्तराखंड में कैसे उम्मीदें की जा सकती है ?

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि उत्तराखंड में उनकी सरकार आने के 6 महीने के भीतर एक लाख युवाओं को सरकारी रोजगार देंगे और बेरोजगारों को ₹5000 बेरोजगारी भत्ता. प्रदेश की आर्थिक परिस्थितियों पर गौर करें तो वर्तमान में उत्तराखंड सरकार का खजाना इन दावों पर फिट नहीं बैठ रहा है, लेकिन आम आदमी पार्टी यह लक्ष्य कैसे पूरा करेगी इस पर सस्पेंस बरकरार है.

Last Updated :Sep 24, 2021, 6:58 PM IST
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