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घायलों ने रानीपोखरी पुल हादसे का आंखों देखा हाल सुनाया, कैसे दो हिस्सों में बंटा पुल...सुनिए

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Published : Aug 28, 2021, 3:11 PM IST

Updated : Aug 28, 2021, 3:39 PM IST

देहरादून-ऋषिकेश हाईवे पर रानीपोखरी पुल टूटने के साथ ही तीन वाहन भी पुल के हिस्से के साथ नीचे गिर गए थे, इस हादसे में दो लोगों को गंभीर चोटें आई हैं. इन दोनों घायलों ने घटना का आंखों देखा हाल बयां किया है.

ranipokhari bridge accident
ranipokhari bridge accident

ऋषिकेश: देहरादून और ऋषिकेश को रानीपोखरी में जोड़ने वाला जाखड़ नदी का पुल टूटने के साथ ही तीन वाहन भी पुल के हिस्से के साथ नीचे गिर गए थे. इस हादसे में दो लोगों को गंभीर चोटें आई हैं, जिनको ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. इन लोगों ने घटना का आंखों देखा हाल बताया है.

घायल पिंकू और संदीप का कहना है कि जिस समय यह हादसा हुआ उनको लगा शायद उनके सामने मौत खड़ी है, लेकिन गनीमत रही कि वह गाड़ी के साथ नदी में नहीं गिरे और उनकी जान बच गई. दोनों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती रखा गया है, फिलहाल दोनों ठीक हैं.

रानीपोखरी पुल हादसे का आंखों देखा हाल.

क्या हुआ था घटनाक्रम: बीते रोज ऋषिकेश-देहरादून को जोड़ने वाला जाखड़ नदी के ऊपर बने मुख्य पुल का एक हिस्सा अचानक बीच से टूटकर नदी में गिर गया था, जिस समय पुल टूटा उस वक्त पुल पर गाड़ियां चल रही थीं. टूटे हुए पुल के हिस्से के साथ ही तीन गाड़ियां भी गिर गईं, जिसमें दो छोटा हाथी और एक ओमिनी वैन थी.

ऋषिकेश-देहरादून को जोड़ने वाला जाखड़ नदी के ऊपर बने इस पुल के टूटने की चर्चा पूरे प्रदेश में है. पुल टूटने की वजह से सिर्फ ऋषिकेश ही नहीं बल्कि गढ़वाल का संपर्क भी राजधानी देहरादून से कट गया है.

पढ़ें- Exclusive: रानीपोखरी पुल के नीचे चल रहा था 'खेल', तस्वीरों में देखें पुल टूटने का सच

जांच के आदेश: रानीपोखरी पुल टूटने के बाद मुख्यमंत्री धामी और मंत्री सतपाल महाराज की ओर से जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन इस पुल को लेकर ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं हैं, जो साफ बयां कर रही है कि किस तरीके से सारे नियम कानून ताक पर रखकर पुल के नीचे से खनन सामग्री उठाई गई. इतना ही नहीं भारी भरकम गड्ढे़ भी पुल के नीचे कर दिए गए थे. ऐसे में पूरे मामले में लोनिवि अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है.

दरअसल, लोक निर्माण विभाग की ओर से पुल को बचाने के लिए ब्लॉक और सुरक्षा दीवार बनाई गई थी. इसके लिए खनन सामग्री पुल के नीचे से ही उठाई गई थी. ये सारा खेल लोनिवि अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा था. अब भले ही जांच की बात की जा रही हो, लेकिन एक साल पहले ही ठेकेदारों ने पुल की नींव हिला डाली थी. ऐसे में उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? ये देखना होगा.

Last Updated :Aug 28, 2021, 3:39 PM IST
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