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उत्तराखंड: देवभूमि है योगभूमि, जानिए तपस्वियों का कनेक्शन

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Published : Jun 20, 2020, 2:00 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 2:44 PM IST

योग शब्द की उत्पत्त‍ि संस्कृति के शब्द युज से हुई है, जिसका मतलब होता है आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन. वैदिक संहिताओं के अनुसार तपस्वियों से योग के बारे में प्राचीन काल से ही वेदों में इसका उल्लेख मिलता है. आइये जानें उत्तराखंड का क्या है योग कनेक्शन...

dehradun
उत्तराखंड- योग डेस्टिनेशन

देहरादून: योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है. इसे ही अगर दूसरे शब्‍दों में कहें तो योग सही तरह से जीने का विज्ञान है. इसमें शरीर, मन और आत्मा एक साथ आ जाते हैं. योग शब्‍द का अर्थ होता है, ‘बांधना’. योग शब्‍द संस्‍कृत के एक शब्‍द ‘युज’ से बना है. ‘युज’ का मतलब होता है जुड़ना.

21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया. इस दिन करोड़ों लोगों ने विश्व में जो योग किया वो एक रिकॉर्ड था. योग व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है, जिसके माध्यम से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जाता है. यही कारण है कि योग से शा‍रीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है.

योग दिवस.
ऋषिकेश- विश्व की योग राजधानी

उत्तराखंड- योग डेस्टिनेशन

हिमालय की गोद में बसा भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक उत्तराखंड एक ऐसी भूमि है, जो आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता से संपन्न है. इसे अपने मंदिरों और तीर्थस्थलों के कारण भगवान की भूमि भी कहा जाता है. यह स्वाभाविक है कि ऐसा निर्मल स्थान योग की प्राचीन कला का घर होगा और इसके शुद्ध और प्राचीन वातावरण के बीच योग से संबंधित कार्यक्रम होते हैं.

योग दिवस.
ऋषियों की तपस्थली रहा है उत्तराखंड

योग की भूमि उत्तराखंड आपके शरीर के लिए एकदम सही जगह है जहां आपको शांति, आराम महसूस होगा. आप तरोताजा महसूस करेंगे. आपके भीतर की नकारत्मकता निकल जाएगी. उत्तराखंड की समृद्ध विरासत और इतिहास प्राचीन और मध्यकालीन युग के बारे में बहुत कुछ जाना और लिखा गया है. भारत योग और ध्यान के लिए एक आदर्श गंतव्य रहा है. लोगों को एक स्वस्थ जीवन शैली चुनने और उनके तनाव से छुटकारा पाने में मदद करता है तो वहीं मेडिटेशन के साथ योग और आयुर्वेद दोनों ही शेड्यूल की सेटिंग के माध्यम से मानसिक और शारीरिक रूप से आराम प्राप्त करने में सहायता करते हैं. इसमें विशेष आहार, व्यायाम, श्वास अभ्यास, हर्बल उपचार, ध्यान और शारीरिक उपचार शामिल हैं.

योग दिवस.
देवभूमि है योगभूमि

UTTARAKHAND का योग कनेक्शन

कई संतों ने दुनिया भर में योग का अभ्यास किया है. इस धरती से हमारा योग विदेशों में चला गया था और धीरे-धीरे योग से योगा में बदल गया. लगभग 20 साल पहले बाबा रामदेव ने योग को विश्व मंच पर अपने मूल स्वरूप में वापस लाने के प्रयास शुरू किए. उत्तराखंड की भूमि ऋषियों की कर्मभूमि रही है. स्वतंत्रता के बाद, उसी धार्मिक भूमि के संतों ने विदेशों में योग फैलाना शुरू किया. उन योगियों में स्वामी शिवानंद, स्वामी राम, स्वामी ओंकारानंद, महेश योगी, योगेश्वर, महेशानंद, राम मूलख आदि प्रोफेसरों एम लाल और श्याम लाल ने भी योग को फैलाने का काम किया.

योग दिवस.
देवभूमि का है योग से कनेक्शन.

उत्तराखंड में योगा डेस्टिनेशन्स

'योग और आयुर्वेद की भूमि' के रूप में संदर्भित उत्तराखंड, योग और ध्यान सीखने के लिए कई स्थलों का घर है जो लोगों को शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जीने में मदद करता है. योग का प्राचीन विज्ञान जिसे प्राचीन द्रष्टाओं द्वारा सदियों पहले खोजा गया था, उत्तराखंड में इसकी उत्पत्ति का पता लगता है. तब से, उत्तराखंड में योग और ध्यान निरंतर अभ्यास में हैं. चूंकि, योग, आयुर्वेद और ध्यान ने लोकप्रियता हासिल की है. कुछ केंद्रों को उत्तराखंड के अन्य शहरों में भी देखा जा सकता है. देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, हरिद्वार, नैनीताल और टिहरी गढ़वाल भी भारत में योग अवकाश के लिए उत्तराखंड को एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने में आगे आए हैं.

पढ़ें- 'अपने अभियान' से जुड़ीं योगा ब्रांड एंबेसडर दिलराज प्रीत कौ

उत्तराखंड में ध्यान और योग स्थलों की सूची

  • ऋषिकेश - विश्व की योग राजधानी
    योग दिवस.
    ऋषिकेश- विश्व की योग राजधानी

ऋषिकेश का खगोलीय शहर एक धर्मोपदेशक, एक ऋषि का निवास और एक साहसिक प्रेमी केंद्र है. यह जीवंत शहर हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है. गंगा की शांत और कभी-कभी उफनती धाराएं इस पवित्र शहर में अनंत काल से बह रही हैं, जिससे कई पृथ्वीवासियों को पोषण और जीवन मिलता है. ऋषिकेश के साथ एक तालमेल होने के बाद, गंगा नदी शिवालिक पहाड़ियों को पीछे छोड़ती है और उत्तरी भारत के मैदानों में बहती है.

  • हरिद्वार- ये भारत के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले का स्थल है. कुंभ मेला स्वस्थ जीवन की इस प्राचीन ज्ञान की तलाश के लिए एक आदर्श स्थान है. ऐसे कई आश्रम और योग केंद्र हैं जो लोगों को योग के साथ-साथ आयुर्वेद और ध्यान में कई लघु और दीर्घकालिक पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं.
  • चोपता - उत्तराखंड का स्विट्जरलैंड

चोपता उत्तराखंड के मिनी स्विट्जरलैंड के रूप में प्रसिद्ध है. यहां की शांत स्वास्थ्यप्रद हवा के साथ जागना और पक्षियों की चहचहाहट लोगों को खूब पसंद आती है.

  • देवप्रयाग - ईश्वरीय संगम का शहर

देवप्रयाग का आकाशीय शहर समुद्र तल से 830 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. देवप्रयाग अंतिम प्रयाग या अलकनंदा नदी का पवित्र संगम है. यहीं से अलकनंदा और भागीरथी नदी के संगम को गंगा के नाम से जाना जाता है.

  • हरसिल - एक अस्पष्टीकृत घाटी

हरसिल उत्तराखंड राज्य का एक अप्रकाशित और छिपा हुआ गहना है जो हिमालय की गोद में शांति और शांति की कामना करने वाले लोगों के लिए सबसे बेहतर जगह है. यह समुद्र तल से 2,620 मीटर की ऊंचाई पर भागीरथी नदी के तट पर स्थित है. यह जगह वर्षों से यात्रा के प्रति उत्साही और प्रकृति प्रेमियों के बीच लोकप्रिय रही है.

योग दिवस.
ऋषिकेश- विश्व की योग राजधानी

योग के फायदे

  • नियमित योग करने से शरीर के सभी अंग सुचारु रूप से कार्य करते हैं.
  • योग के विभिन्न आसनों से शरीर के अलग-अलग हिस्सों को फायदा पहुंचता है. योग में शरीर के हर छोटे से छोटे अंग का व्यायाम होता है और आपका शरीर लचीला बनता है या कह लें कि शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है.
  • छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति तक कोई भी योग के आसन कर सकता है. जब तक नियमित योग करेंगे, तब तक इसके लाभ मिलते रहेंगे. किसी कारणवश जब नहीं भी कर पाएं तब भी इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं. आपको केवल इतना ध्यान रखना है कि आपको यदि शरीर के किसी हिस्से में पहले से कोई परेशानी है, तब ऐसा कोई आसन न करें, जो कि किसी भी प्रकार से परेशानी वाले हिस्से को प्रभावित करता हो.
  • योग के कई आसन ऐसे भी हैं, जो किसी परेशानीग्रस्त हिस्से को ठीक कर देते हैं, लेकिन ऐसे आसन आप योग विशेषज्ञ की सलाह व देखरेख में ही करें.
  • योग आपको तन के अलावा मन की भी शांति देता है. योग के कई आसन व ध्यान आपके विचारों को नियंत्रित कर संतुलित कर देते हैं जिससे मन शांत रहने लगता है.
  • सफल जीवन जीने के लिए शरीर को सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शक्ति की जरूरत होती है, जो हमें योग से ही मिलती है.
Last Updated : Jun 20, 2020, 2:44 PM IST
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