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दून आरटीओ कार्यालयः 2004 से आज तक न हुआ कोई रिटायर और ना हुई कोई भर्ती

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Published : Dec 12, 2019, 7:33 PM IST

देहरादून आरटीओ में 15 सालों से स्टाफ की भारी कमी चल रही है. जिसेक चलते आरटीओ कार्यालय में एक कर्मचारी को 3 से 4 कर्मचारियों के बराबर का कार्य करना पड़ रहा है.

RTO
आरटीओ कार्यालय

देहरादून: राज्य का संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय लगभग पिछले 15 सालों से स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है. देहरादून आरटीओ कार्यालय में स्टाफ की कमी का यह आलम है कि आज भी उतने ही कर्मचारी कार्यरत हैं, जितने साल 2004 में कार्यरत थे.

ईटीवी भारत से बात करते हुए आरटीओ देहरादून दिनेश पठोई ने बताया कि वर्तमान में उनके कार्यालय में महज 35 से 40 कर्मचारी ही कार्यरत हैं. ऐसे में जिस रफ्तार से पिछले कुछ सालों में वाहनों की संख्या बढ़ी है. उससे इतने कम कर्मचारियों के सहारे सभी कार्यों को समय पर पूरा कर पाना कर्मचारियों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति में मजबूरन उन्हें अपने एक कर्मचारी से लगभग 3 से 4 कर्मचारियों का कार्य कराना पड़ रहा है.

स्टाफ की भारी कमी.

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साथ ही दिनेश पठोई ने कहा कि स्टाफ की इस कमी को लेकर उन्होंने सचिव परिवहन को अवगत कराया है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि जल्द की शासन स्तर पर विचार कर उनके कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या में कुछ इजाफा किया जाएगा. जिससे आम जनता को राहत के साथ ही कर्मचारियों पर भी काम का बोझ कुछ कम होगा. बता दें कि हर दिन दून आरटीओ कार्यालय में विभिन्न कार्यों को लेकर हजारों लोग पहुंचते हैं. 200 से 250 लोग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ कार्यालय का चक्कर लगाते हैं. वहीं कई लोग वाहन के परमिट, फिटनेस आदि के लिए भी आरटीओ दफ्तर पहुंचते हैं.

Intro:देहरादून- प्रदेश के सबसे व्यस्त संभागीय परिवहन अधिकारी (RTO) कार्यालयों में से एक देहरादून संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय लगभग पिछले 15 सालों से स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है।

देहरादून आरटीओ कार्यालय में स्टाफ की कमी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां आज भी उतने ही कर्मचारी कार्यरत हैं जितने साल 2004 में हुआ करते थे ।

ईटीवी भारत से बात करते हुए आरटीओ देहरादून दिनेश पठोई ने बताया कि वर्तमान में उनके कार्यालय में महज 35 से 40 कर्मचारी ही कार्यरत है । ऐसे में जिस रफ्तार से पिछले कुछ सालों में वाहनों की संख्या बढ़ी है । उससे इतने कम कर्मचारियों के सहारे सभी कार्यों को समय पर पूरा कर पाना उनके और उनके कर्मचारियों के लिए किसी बढ़ी चुनौती से कम नही है । इस स्थिति में मजबूरन उन्हें अपने एक कर्मचारी से लगभग 3 से 4 कर्मचारियों का कार्य कराना पड़ रहा है।

आरटीओ देहरादून दिनेश पठोई ने बताया कि स्टाफ की इस कमी को लेकर उन्होंने सचिव परिवहन को अवगत करा दिया है । ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि जल्द की शासन स्तर पर विचार कर उनके कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या में कुछ इज़ाफ़ा किया जाएगा । जिससे आम जनता को तो राहत होगी ही ।साथ ही कर्मचारियों पर पर काम का बोझ कुछ कम होगा ।





Body:आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हर दिन दून आरटीओ कार्यालय में विभिन्न कार्यों को लेकर हज़ारों लोग पहुंचते हैं । जहां हर दिन 200 से 250 लोग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ कार्यालय का चक्कर लगाते हैं । तो वहीं कई लोग वाहन के परमिट , फिटनेस आदि के लिए भी आरटीओ दफ्तर पहुंचते हैं। इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए बदलाव के बाद से ही कई लोग दंड स्वरूप 3 महीनों के लिए निलंबित किए गए ड्राइविंग लाइसेंस को लेने के लिए भी पहुंचते हैं । ऐसे में अब आप खुद इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि महज 35 या 40 कर्मचारियों के सहारे आखिर कैसे यह सभी कार्य किए जा रहे होंगे । कहीं न कहीं यह एक बड़ा कारण है कि आरटीओ दफ्तर में आकर अक्सर आम जनता को फजीहत का सामना करना पड़ता है


Conclusion:दूदू
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