ETV Bharat / state

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी फुनकू दास को जयंती पर किया याद, आजादी की लड़ाई में खाए थे कोड़े

author img

By

Published : Aug 11, 2023, 11:38 AM IST

Updated : Aug 11, 2023, 12:14 PM IST

vikasnagar news
विकासनगर समाचार

Birth anniversary of freedom fighter Phunku Das स्वतंत्रता संग्राम स्मारक समिति कालसी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर फुनकू दास की जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई. साथ ही विभिन्न लोक कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुति दी. मुख्य अतिथि के रूप में चकराता विधायक प्रीतम सिंह मौजूद रहे.

फुनकू दास का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान था

विकासनगर: देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारत माता के कई वीर सिपाही रहे. जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर से भी देश की आजादी की लड़ाई में कई लोग कूद पड़े थे. इनमें से कालसी के खत बाना ग्राम पंजिया के फुनकू दास भी थे. फुनकू जी का जन्म 10 अगस्त सन 1910 को एक गरीब परिवार में हुआ था.

पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रिय थे फुनकू दास: फुनकू जी के पिता का नाम मेंढकू जी और माता का नाम कुसाली देवी था. जब देश में स्वतंत्रता का आंदोलन चल रहा था तो उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में भाग लिया था. उन्हें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी बहुत स्नेह करते थे. इतना ही नहीं फुनकू जी आंदोलन के दौरान जवाहरलाल नेहरू और महावीर त्यागी के साथ देहरादून व बरेली जेल में भी रहे.

freedom fighter Phunku Das
स्वतंत्रता सेनानी फुनकू दास को जयंती पर किया याद

फुनकू दास ने नहीं मानी अंग्रेज जेलर की बात: एक बार जब सजा में उन्हें रस्सी बांटने को दिए तो जेलर को आंखें दिखाते हुए उन्होंने माचिस की तीली जलाकर उसमें आग लगा दी. जिससे जेल में अफरा तफरी मच गई. सारे सिपाही एकत्रित हो गए और उन्हें 12 कोड़ों की सजा दी गई. फुनकू हर कोड़े पर भारत माता की जय, महात्मा गांधी की जयकार का उद्घोष करते रहे लेकिन अपनी आन से नहीं डिगे.

फुकनू दास को मिली थी 12 कोड़ों की सजा: चकराता न्यायालय के उप जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 34/38 के तहत उन्हें 3 माह की सजा सुनाई और ₹25,000 का जुर्माना लगाया. जुर्माना न देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भी काटनी पड़ी. फुनकू देहरादून जेल से 19 जुलाई 1941 को रिहा हुए. जब उनका निधन हुआ तब भी उनकी पीठ पर कोड़ों के निशान थे. वहीं फुनकू के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश भर में निशुल्क परिवहन की व्यवस्था की हुई थी.
ये भी पढ़ें: Jim Corbett Birth Anniversary: एक ऐसा शिकारी जिसने मारे 33 नरभक्षी, हृदय परिवर्तन के बाद बना वन्य जीव संरक्षक

स्वतंत्रता सेनानी फुनकू दास की जयंती: चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर फुनकू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि समिति द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर फुनकू की जयंती मनाई गई. आजादी की लड़ाई में उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर किया. मैं उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं. समिति द्वारा हर वर्ष उनका जन्म उत्सव मनाया जाता है. आगे भी इसे निरंतर जारी रखें. ताकि जो नई पीढ़ी है उनको यह भान हो सके कि फुनकू दास जी का देश की आजादी में कितना बड़ा योगदान रहा.

Last Updated :Aug 11, 2023, 12:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.