ETV Bharat / state

मसूरी पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बाबा साहेब की मूर्ति को देख हुये खुश

author img

By

Published : Apr 17, 2023, 6:34 PM IST

भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड के दौरे पर आये थे. जहां वह भारत रत्न डॉ. अम्बेडकर की मूर्ति देखकर काफी खुश हुये. दरअसल अपने पूर्व उत्तराखंड के दौरे पर उन्होंने बाबा साहेब की आदमकद मूर्ति बनाने का निर्देश दिया था. इसीलिये सबसे पहले उन्होंने गढ़ी कैंट में बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उसके बाद वे मसूरी पहुंचे.

मसूरी पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
मसूरी पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

मसूरी: देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को उत्तराखंड पहुंचे थे. उन्होंने देहरादून के गढ़ी कैंट में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उन्होंने बाबा साहिब की नई प्रतिमा को देखकर खुशी जाहिर की. देहरादून में गढ़ी कैंट स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर मेमोरियल पार्क पहुंचने पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया.

बाबा साहेब की भव्य मूर्ति बनाई गई: बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व में उत्तराखंड भ्रमण के दौरान देहरादून के गढ़ी कैंट में राज्यपाल से संज्ञान लेकर बाबा साहेब की आदमकद मूर्ति बनाने के निर्देश दिये थे. जिस पर राज्यपाल द्वारा संज्ञान लेकर प्रतिमा का जीर्णाेद्धार कर एक भव्य स्वरूप दिया गया है. जिसको लेकर पूर्व राष्ट्रपति ने राज्यपाल सहित कैंट बोर्ड के सभी अधिकारियों की सराहना की. इस दौरान उन्होंने इस कार्य के लिए अध्यक्ष कैंट बोर्ड ब्रिगेडियर अनिर्बान दत्ता और सीईओ अभिनव सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.
यह भी पढ़ें: कांग्रेस मुख्यालय में तीन दिन से मुलाकातों का दौर जारी, 500 से अधिक नेताओं से मिल चुके हैं पीएल पुनिया

उपेक्षित समूहों के साथ जुड़ना जरूरी: भारी सुरक्षा के बीच पूर्व राष्ट्रपति और राज्यपाल मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी पहुंचे. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि अपने जिलों में बेहतर प्रशासन विकसित करने के लिये लोक सेवकों को संविधान की समावेशी विशेषताओं को समझना और उनको लागू करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों, महिलाओं, दिव्यांगजनों और जातीय अल्पसंख्यक जैसे उपेक्षित समूहों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिए. यह जुड़ाव उनकी आवश्यकताओं व चुनौतियों में अंर्तदृष्टि प्रदान करेगा. सिविल सेवकों को ऐसी नीतियों व कार्यक्रमों को डिजाइन करने में मदद करेगा, जो उनकी आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी हों.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.