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कोऑपरेटिव बैंक मामला: वंदना श्रीवास्तव बोलीं- 'ईमानदारी से काम किया, आखिरी मौके पर मिली बेइज्जती'

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Published : Apr 7, 2022, 7:19 PM IST

Updated : Apr 26, 2022, 5:14 PM IST

उत्तराखंड के जिला सहकारी बैंकों की नियुक्तियों में घपले की जांच चल रही है. लेकिन इस बीच महाप्रबंधक रहीं वंदना श्रीवास्तव का सेवा विस्तार खत्म करते हुए उन्हें पैदल कर दिया गया है. इस बीच उनका एक वीडियो भी चर्चाओं का विषय बना हुआ है. लेकिन इस फैसले पर वंदना सवाल भी उठा रही हैं.

Vandana Srivastava
वंदना श्रीवास्तव

देहरादूनः उत्तराखंड में जिला सहकारी बैंक में नियुक्ति इन दिनों चर्चाओं में है. एक दिन पहले ही रजिस्ट्रार की तरफ से जहां सहायक निबंधकों के तबादले किए गए हैं. वहीं दूसरी तरफ देहरादून की महाप्रबंधक रहीं वंदना श्रीवास्तव का सेवा विस्तार खत्म करते हुए उन्हें पैदल कर दिया गया है. यह वही वंदना श्रीवास्तव हैं, जिनका कुछ दिन पहले कार्यालय में नाचते हुए वीडियो वायरल हुआ था. जांच के दौरान ही वंदना श्रीवास्तव पर कार्रवाई को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे बात की. खास बात यह है कि इस दौरान बातचीत में महाप्रबंधक वंदना श्रीवास्तव के आंसू छलक उठे.

मामले के तहत, 1 अप्रैल को शासन ने जिला सहकारी बैंक देहरादून, उधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ की जांच के आदेश दिए थे. जांच शुरू होते ही इस मामले ने इस कदर तूल पकड़ा कि एक के बाद एक खुलासे अचानक सार्वजनिक मंच पर सुनाई देने लगे. इस दौरान एक वीडियो भी वायरल किया गया. जिसको एडिट करते हुए देहरादून जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक रहीं वंदना श्रीवास्तव को कार्यालय के भीतर ही नाचते हुए दिखाया गया.
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'कच्चा बादाम' गाने पर महाप्रबंधक रहीं वंदना श्रीवास्तव क्लासिक नृत्य करती हुई दिखाई दीं. इस वीडियो की चर्चा कुछ कम हुई तो रजिस्ट्रार साहब की तरफ से सहायक निबंधक समेत कुछ जीएम के तबादले कर दिए गए. लेकिन महाप्रबंधक वंदना श्रीवास्तव का सेवा विस्तार खत्म करते हुए उन्हें पैदल कर दिया गया.

छलक उठे आंसूः इसी मामले को लेकर महाप्रबंधक रहीं वंदना श्रीवास्तव से ईटीवी भारत ने बात की तो उनकी आंखों से आंसू छलक उठे. महाप्रबंधक वंदना की आंखों से आंसू छलक रहे थे और वह खुद पर हुई कार्रवाई का स्पष्टीकरण भी दे रही थी. वंदना ने कहा कि उन्होंने ना तो शादी की है और ना ही उनके माता-पिता उनके साथ है. लेकिन फिर भी जिस तरह का घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में हुआ है, उससे वह मानसिक रूप से बेहद प्रताड़ित हुई हैं.

उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी सेवा पारदर्शिता के साथ की है. लेकिन अब अपनी सेवा काल के अंतिम मौके पर उन्हें इस तरह बेइज्जत किया गया है. उन्होंने कहा कि उनका वीडियो भी वायरल किया गया है, वह एडिटेड है. उन्होंने कहा कि इस पूरी नियुक्ति प्रक्रिया में उनकी तरफ से कोई भी गड़बड़ी या कमी नहीं छोड़ी गई है. बावजूद इसके उन पर इस तरह की कार्रवाई की गई.
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ये है पूरा मामलाः साल 2020 में जिला सहकारी बैंक के चतुर्थ श्रेणी पद के लिए भर्ती की गई थी. पूरे प्रदेश में करीब 403 पदों पर भर्ती की जानी थी, जिसमें देहरादून जिले में 60 पदों पर भर्ती होनी थी. इसके लिए रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी की तरफ से विज्ञप्ति के निर्देश दिए गए. इसके बाद क्रीड़ा विभाग की तरफ से फिजिकल करवाया गया और जिला सहकारी बैंक की कमेटी ने इंटरव्यू लिया.

यही नहीं, इस इंटरव्यू के बाद रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष आलोक पांडे की अध्यक्षता वाली कमेटी ने भी इन नियुक्तियों का अनुमोदन किया है. इस बीच भर्तियों को लेकर शिकायतें आने लगी. शिकायतों पर तीरथ सिंह रावत के सीएम रहते हुए इस भर्ती पर रोक लगाई गई थी.

धामी के शपथ लेते ही दी गई नियुक्तिः 23 मार्च 2022 को जब पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे. उसी दिन कोऑपरेटिव सोसायटी के रजिस्ट्रार की तरफ से इसकी अनुमति दी गई थी, जिसके बाद देहरादून जिले में 57 कर्मचारियों को नियुक्ति दी गई. हालांकि 29 मार्च को सचिव सहकारिता की तरफ से नियुक्ति पर रोक लगाई गई, जिसके बाद कोई नियुक्ति नहीं दी गई. वैसे भी अब सवाल यह उठ रहा है कि जब जांच चल रही है. उस दौरान क्या किसी अधिकारी को हटाया जा सकता है.

Last Updated :Apr 26, 2022, 5:14 PM IST
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