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देहरादून में छपी थी संविधान की पहली कॉपी, इटैलिक स्टाइल में हाथों से हुई थी लिखावट

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Published : Nov 26, 2019, 2:46 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 6:13 PM IST

26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया था और 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया. इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया था.

constitution of India
भारत का संविधान की मूल प्रति

देहरादून: आज देश 70वां संविधान दिवस मना रहा है. संविधान बनाने में किन लोगों का योगदान था ये तो सब जानते हैं, लेकिन संविधान की छपाई कहां हुई ये किसी को नहीं पता. आज हम आपको संविधान की छपाई से जुड़ी कई रोचक जानकारी देने जा रहे हैं.

देहरादून में छपी थी संविधान की पहली कॉपी.

भारत के संविधान को प्रकाशित करने में देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया का अहम योगदान रहा है. भारत का संविधान लिखित ही नहीं बल्कि हस्तलिखित भी था. यह मसौदा सर्वे ऑफ इंडिया की लिखने वाली समिति ने हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखकर टेलीग्राफ किया था. जिसमें कोई भी टाइपिंग और प्रिंटिंग शामिल नहीं थी. जिसकी एक प्रति देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया में सुरक्षित रखी गई है, जबकि हाथ से लिखी गई मूल संविधान की प्रति को नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में रखा गया है.

भारत के संविधान की मूल प्रति को देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया में हाथों से लिखा गया है. संविधान को दिल्ली निवासी प्रेम बिहारी नारायण ने इसे इटैलिक स्टाइल में लिखा था. इसके साथ ही शांति निकेतन के कलाकारों ने हर पन्ने को सजाया और संवारा था. जिसके बाद सर्वे ऑफ इंडिया में ही संविधान के हर पन्ने को टेलीग्राफ कर फोटो लिथोग्राफिक तकनीक के माध्यम से प्रकाशित किया गया था.

संविधान बनाने को लेकर साल 1946 में संविधान सभा की स्थापना हुई थी, जिसमें 389 सदस्य थे. उस सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें वरिष्ठतम सांसद डॉ सच्चिदानंद सिन्हा प्रोविजनल प्रेसिडेंट थे. इसके बाद 11 दिसंबर 1946 को ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई चेयरमैन चुना गया. साल 1947 में देश के विभाजन के बाद संविधान सभा के सदस्यों की संख्या घटकर 299 हो गयी थी.

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संविधान सभा की स्थापना के बाद 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद संविधान का ढांचा 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया. जिसके बाद हस्तलिखित संविधान पर 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 संसद सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे. वहीं 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया. संविधान में 465 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं जो 22 भागों में विभाजित हैं. जिसमे अभी तक 100 से ज्यादा बार संसोधन किया जा चुका है.

Intro:नोट - विसुअल्स ftp से भेजी गई है....
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दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का शासन चलाने वाली भारत का संविधान को प्रकाशित करने में देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया का अहम योगदान रहा है। यही नहीं भारत का संविधान लिखित ही नहीं बल्कि हस्तलिखित भी था। और यह मसौदा सर्वे ऑफ इंडिया के लिखने वाली समिति ने हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखकर टेलीग्राफ किया गया था। जिसमें कोई भी टाइपिंग और प्रिंटिंग शामिल नहीं था। जिसकी एक प्रति देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया में सुरक्षित रखा गया है। जबकि हाथ से लिखी गई मूल संविधान की प्रति को नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में रखा गया है।


Body:भारत का संविधान की मूल प्रति को देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया में पूरी तरह हाथों से लिखा गया है। और संविधान को दिल्ली निवासी प्रेम बिहारी नारायण ने इसे इटैलिक स्टाइल में लिखा था इसके साथ ही शांति निकेतन के कलाकारों ने हर पन्ने को सजाया और संवारा था। इसके बाद सर्वे ऑफ इंडिया में ही संविधान के हर पन्ने को टेलीग्राफ कर फोटो लिथोग्राफिक तकनीक के माध्यम से प्रकाशित किया गया था। 


भारत का संविधान बनाने को लेकर साल 1946 में संविधान सभा की स्थापना हुई थी जिसमें 389 सदस्य थे। और उस सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई जिसमें वरिष्ठतम सांसद डॉ सच्चिदानंद सिन्हा प्रोविजनल प्रेसिडेंट थे, इसके बाद 11 दिसंबर 1946 को ही डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई चेयरमैन चुना गया था। और साल 1947 में देश के विभाजन के बाद संविधान सभा के सदस्यों की संख्या घटकर 299 हो गयी थीं।


संविधान सभा की स्थापना के बाद 2 साल 11 महीने और 18 दिन में कुल 144 दिनों की बैठकों के बाद डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान का ढांचा 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया। जिसके बाद हस्तलिखित संविधान पर 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 संसद सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। और 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया। संविधान में 465 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं यही नहीं ये 22 भागों में विभाजित है। जिसमे अभी तक 100 से ज्यादा बार संसोधन किया जा चुका है। 





Conclusion:
Last Updated :Nov 26, 2019, 6:13 PM IST
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