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सांसद तीरथ सिंह रावत ने चीन मुद्दे पर रखी अपनी बेबाक राय, देखिए खास बातचीत

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Published : Jul 7, 2020, 3:19 PM IST

Updated : Jul 7, 2020, 3:39 PM IST

चीन सीमा से सटी उत्तराखंड की पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत ने ईटीवी भारत से चीन सीमा पर देश की सामरिक शक्ति, उत्तराखंड में नेपाल के रिश्तों और लॉकडाउन के चलते घर लौटे प्रवासियों के संबंध में खास बातचीत की.

Pauri MP Tirath Singh Rawat
पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत से खास बातचीत

देहरादून: भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बढ़ गई है. 15-16 जून की रात लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुए हिंसक झड़प में कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. चीन सीमा से सटी उत्तराखंड की पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत ने ईटीवी भारत से चीन सीमा पर देश की सामरिक शक्ति, उत्तराखंड में नेपाल के रिश्तों और लॉकडाउन के चलते घर लौटे प्रवासियों के संबंध में खास बातचीत की.

पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत से ईटीवी भारत की खास बातचीत
कोरोना की तरह चाइना को भी घुटने पर लाए मोदी

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि देश इस वक्त वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोनावायरस से जूझ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ सीमा पर तनाव बढ़ाया जा रहा है. इन दोनों समस्याओं का सूत्रधार चीन ही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय से लॉकडाउन लगाकर पूरी रणनीति के साथ कोरोना को कमजोर किया है. उसी तरह से मोदी अपनी राजनीतिक रणनीति के दम पर चाइना को भी घुटनों पर ले आएंगे. उन्होंने कहा कि इसका असर सीमा पर दिखने लगा है और चाइना जो कि आंखें दिखाता नजर आ रहा था, वह आज पीछे हटने को मजबूर हुआ है.

यह 1962 का भारत नहीं है, अंदर घुस कर देंगे नेस्तेनाबूत

सांसद तीरथ सिंह रावत ने साफ तौर पर कहा कि ये 2020 का भारत है न कि 1962 का. जिस तरह से 1962 में चीन उत्तरकाशी के भैरव घाटी और तमाम भारतीय सीमा में घुस आया था. अब चीन ये हिमाकत नहीं कर पाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सीमा पर जाकर सैनिकों का मनोबल बढ़ाकर चाइना को मुंहतोड़ जवाब दिया है. उससे चाइना बौखलाया हुआ है और उसकी बौखलाहट को इस वक्त पूरी तरह से महसूस की जा सकती है.

चाइना बॉर्डर से लगी पौड़ी संसदीय क्षेत्र सहित पूरे उत्तराखंड की सीमाएं सुरक्षित

उत्तराखंड की 3 लोकसभा सीटें चाइना बॉर्डर से सटी हुई हैं. जिनमें से एक पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट भी है, जहां से तीरथ सिंह रावत सांसद हैं. उन्होंने बताया कि उनकी संसदीय सीट क्षेत्र में मौजूद सीमांत गांव में उन्होंने भ्रमण किया और सीमा सुरक्षा से जुड़े तमाम अवस्थापना सुविधाओं का जायजा लिया. पौड़ी संसदीय सीट सहित उत्तराखंड से सटी हर सीमा पर सड़कों का जाल बिछ चुका है. आज हमारे सैनिक पूरी गति से और आधुनिक हथियारों से लैस होकर कुछ ही समय में सीमा पर पहुंच सकते हैं और ये सब केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार के सामंजस्य से संभव हुआ है.

सीमांत क्षेत्रों में टेलीकॉम कनेक्टिविटी को लेकर संसद में रखी बात

पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत ने बताया कि उन्हें जब देश की संसद में बोलने का मौका मिला तो उन्होंने सीमा सुरक्षा से जुड़े टेलीकॉम कनेक्टिविटी के महत्वपूर्ण विषय पर अपनी बात रखी. उन्होंने देश के सूचना प्रसारण मंत्री रवि शंकर के सामने भी इस विषय को रखा कि उत्तराखंड की सीमांत इलाकों में आज टेलीकॉम-कनेक्टिविटी बहुत समस्या है. जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री उन्हें आश्वासन दिया गया है. चीन से सटे सभी सीमांत गांव में टेलीकॉम-कनेक्टिविटी को लेकर विशेष तौर पर काम किया जाएगा और जल्द ही निकट भविष्य में इसका असर भी देखने को मिलेगा.

नेपाल से रोटी-बेटी का संबंध, आपदा में बढ़ाया था मदद का हाथ

बीते समय में नेपाल से लगातार तल्ख होते जा रहे रिश्तों को लेकर सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि नेपाल से उत्तराखंड और भारत का आज से नहीं बल्कि युग युगांतर से रोटी-बेटी का संबंध रहा है. उन्होंने कहा कि भारत देश ने हमेशा नेपाल को छोटे भाई की तरह सहारा दिया है. नेपाल में जब आपदा आई तो भारत देश ने अपने एक हिस्से की तरह नेपाल में राहत कार्य किया, लेकिन आज जिस तरह से नेपाल भारत देश को आंखें दिखा रहा है उसकी वजह केवल वहां का नेतृत्व है. तीरथ सिंह रावत ने कहा कि नेपाल की आम जनता और वहां की राजनीतिक पार्टियां भी जानती हैं कि भारत देश ही उनका अपना है. हालांकि, अभी कम्युनिस्ट विचार धारा का नेतृत्व होने के चलते नेपाल आज चाइना की गोद में जा बैठा है.

पौड़ी में हुआ है सबसे ज्यादा रिवर्स पलायन

पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में अबतक जिस जिले से सबसे ज्यादा पलायन हुआ था, उसी जिले में लॉकडाउन के चलते सबसे ज्यादा रिवर्स पलायन हुआ है. उन्होंने कहा है कि पौड़ी जिले में सबसे ज्यादा देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी लौटकर आए हैं. ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार का ये प्रयास है कि घर आए प्रवासियों को राज्य में ही रोका जाए और यहां पर रोजगार के संसाधनों को विकसित कर प्रदेश की आर्थिकी को बढ़ावा दिया जाए. राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी इस दिशा में प्रयास कर रही है.

Last Updated :Jul 7, 2020, 3:39 PM IST
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