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उत्तराखंड में हुई भूस्खलन की घटनाओं की समीक्षा करेगी धामी सरकार, आपदा नियंत्रण सचिव ने बताया रोड मैप

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 24, 2023, 7:08 AM IST

Updated : Aug 24, 2023, 8:25 AM IST

Landslides in Himalayan states
उत्तराखंड आपदा

Landslides in Himalayan states उत्तराखंड ने इस मानसून सीजन में भयंकर आपदा झेली है. अब तक राज्य को प्राकृतिक आपदा से 1 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. ज्यादा नुकसान लैंडस्लाइड से हुआ है. आपदा नियंत्रण सचिव रंजीत सिन्हा का कहना है कि लैंडस्लाइड की समीक्षा की जाएगी. उन्होंने समीक्षा के तीन तरीके बताए हैं. Uttarakhand Landslide

भूस्खलन की घटनाओं की होगी समीक्षा

देहरादून: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य हिमालयी राज्यों में भूस्खलन एक गंभीर समस्या बना हुआ है. दरअसल, उत्तराखंड और हिमाचल में इस मानसून सीजन के दौरान हुए अधिकांश नुकसान भूस्खलन की वजह से ही हो रहे हैं. यह समस्या लगातार दोनों ही राज्यों में बढ़ती जा रही है. हालांकि, मानसून के दौरान जब प्रदेश में परिस्थितियों भिन्न होती हैं, तो उस दौरान भूस्खलन को लेकर शासन की ओर से तमाम दावे किए जाते हैं. लेकिन मानसून खत्म होने के बाद सभी दावे हवा हवाई हो जाते हैं.

भूस्खलन की सरकार करेगी समीक्षा: उत्तराखंड राज्य में इस मानसून सीजन के दौरान हुए भूस्खलन से जान माल का काफी नुकसान हुआ है. प्राथमिक आकलन के अनुसार इस मानसून सीजन के दौरान करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान राज्य को हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा भूस्खलन के चलते सड़कों, पुलों, भवनों को नुकसान हुआ है. वहीं, भूस्खलन के सवाल पर आपदा नियंत्रण सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में जितने भी भूस्खलन हुए हैं, उनका एनालिसिस किया जा रहा है. साथ ही कहा कि इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि कहां-कहां पर भूस्खलन हो रहा है.
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आपदा नियंत्रण सचिव ने बताया समीक्षा का रोड मैप: साथ ही आपदा नियंत्रण सचिव ने बताया कि भूस्खलन तमाम जगहों पर देखा जा रहा है. जिसके तहत पहला, जहां न तो गदेरा है और ना ही रोड कटिंग है, लेकिन अचानक वहां पर भूस्खलन हुआ है. दूसरा, कुछ जगहों पर रोड कटिंग की वजह से अनस्टेबिलिटी आ गई है, जिससे भूस्खलन हुआ है. तीसरा, किसी नदी से हुए कटाव की वजह से भूस्खलन हुआ हो. लिहाजा इसके अलावा भी कुछ और कारण हो सकते हैं, जिनका असेसमेंट किया जा रहा है. ऐसे में कारण का पता चलते के बाद समस्या का निराकरण किया जा सकेगा. ऐसे में मानसून खत्म होने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
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Last Updated :Aug 24, 2023, 8:25 AM IST
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