ETV Bharat / state

धामी सरकार का 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' लागू करने की दिशा में पहला कदम, गठित करेगी समिति

author img

By

Published : Mar 24, 2022, 4:53 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 7:45 PM IST

Pushkar singh Dhami Cabinet on Uniform Civil Code
धामी कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले

सरकार का गठन होते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने उस वादे पर अमल करने के लिए कदम उठा दिया है जिसमें सरकार आते ही प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने की बात कही गई थी. सरकार बनने के अगले ही दिन पहली कैबिनेट बैठक में इस वादे को पूरा करने की चर्चा हुई. मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी.

देहरादून: सचिवालय में धामी सरकार 2.0 की पहली बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. 24 मार्च को हुई कैबिनेट की बैठक में तय किया गया कि प्रदेश सरकार इस कानून को लागू करने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाएगी, जो प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी. राज्य मंत्रिमंडल ने इस निर्णय पर सर्वसम्मति से अपनी सहमति दर्ज कराई है.

समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) एक ऐसा मुद्दा है, जो हमेशा से बीजेपी के एजेंडे में रहा है. 1989 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता का मुद्दा शामिल किया. 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी बीजेपी ने समान नागरिक संहिता को शामिल किया था. बीजेपी का मानना है कि जब तक समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता, तब तक लैंगिक समानता नहीं आ सकती.

सीएम पुष्कर सिंह धामी.

पढ़ें: पुष्कर सिंह धामी बोले- प्रदेश में जल्द लागू करेंगे यूनिफॉर्म सिविल कोड, अन्य वादों को भी करेंगे पूरा
क्या है समान नागरिक संहिता: यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का अर्थ होता है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून. चाहे व्‍यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो. समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक कानून लागू होगा.

इस कानून पर निरंतर चल रही है बहस: अभी देश मुस्लिम, इसाई, और पारसी का पर्सनल ला लागू है. हिंदू सिविल ला के तहत हिंदू, सिख और जैन आते हैं, जबकि संविधान में समान नागरिक संहिता अनुच्छेद 44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी बताया गया है. ये आज तक देश में लागू नहीं हुआ है. इस कानून पर निरंतर बहस चल रही है.

गौर हो कि, पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव से पहले बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि राज्य में बीजेपी सरकार बनते ही समान नागरिक संहिता को लागू करने का काम प्राथमिकता पर किया जाएगा. यही बात उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ से पहले और बाद में भी दोहराई थी. धामी ने कहा था कि, वो सभी वादे पूरे किए जाएंगे जो चुनाव के दौरान बीजेपी ने किए थे, इसमें यूनिफॉर्म सिविल कोड भी शामिल है.

Last Updated :Mar 24, 2022, 7:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.