ETV Bharat / state

हरीश रावत से सिर से उठा 'हाथ'! पंजाब प्रभारी के साथ महासचिव पद से भी हटाए गए

author img

By

Published : Oct 23, 2021, 12:29 PM IST

Updated : Oct 23, 2021, 1:28 PM IST

कांग्रेस हाईकमान ने शुक्रवार को हरीश रावत को पंजाब और चंडीगढ़ कांग्रेस प्रभारी के साथ ही महासचिव पद से भी हटा दिया है. ऐसे में हरीश रावत अब सीडब्ल्यूसी के सदस्य बने रहेंगे.

हरीश रावत से सिर से उठा 'हाथ'
हरीश रावत से सिर से उठा 'हाथ'

देहरादून: पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल शुरू में ही एक साथ विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस महासचिव हरीश रावत पंजाब के पार्टी प्रभारी के साथ-साथ उत्तराखंड के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हैं. ऐसे में रावत का एक पैर चंडीगढ़ तो दूसरा पैर देहरादून में रहता है. जिसे देखते हुए कांग्रेस ने पहले तो हरीश रावत को पंजाब प्रदेश प्रभारी के साथ ही महासचिव पद से भी हटा दिया गया है.

वहीं, कांग्रेस ने हरीश चौधरी को तत्काल प्रभाव से पंजाब और चंडीगढ़ का प्रभारी नियुक्त किया है. वह वरिष्ठ नेता हरीश रावत की जगह लेंगे. जबकि, हरीश रावत अब सीडब्ल्यूसी के सदस्य बने रहेंगे.

कांग्रेस का पत्र.
कांग्रेस का पत्र.

हटाने का किया था अनुरोध: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस अलाकमान से उन्हें पंजाब प्रभारी के पद से हटाने की मांग की थी. हरीश रावत ने पार्टी से कहा था कि पंजाब और उत्तराखंड में चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में दोनों जगहों पर उन्हें पूरा समय देना होगा. ऐसे में उनके लिए परिस्थितियां कठिन होती जा रही हैं.

मैं, कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के नेतृत्व को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने पंजाब के दायित्व से ममुक्त करने का जो मेरा अनुरोध था उसे स्वीकार किया और मैं, पंजाब कांग्रेस के सभी अपने साथी सहयोगियों को उनके द्वारा मेरे कार्यकाल में प्रदत सहयोग के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं. - हरीश रावत

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने हरीश रावत को पंजाब प्रभारी के पद से हटाया, हरदा ने राहुल-सोनिया को कहा शुक्रिया

हमेशा दिल में रहेगा पंजाब: हरीश रावत ने पद से मुक्त किए जाने के बाद ट्वीट कर कहा, पंजाब के दोस्तों खासकर कांग्रेसजन मैं आपके प्यार और समर्थन को नहीं भूल सकता. मैं आपसे अलग नहीं हूं. पार्टी के प्रति कर्तव्य की पुकार है कि मैं एक स्थान उत्तराखंड में पूरी शक्ति लगाऊं. मेरे दिल में हमेशा पंजाब रहेगा.

हरीश रावत ने दो दिन पहले फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि- पंजाब और उत्तराखंड में चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में दोनों जगहों पर उन्हें पूरा समय देना होगा. ऐसे में उनके लिए परिस्थितियां कठिन होती जा रही हैं. एक तरफ जन्मभूमि के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्म भूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलत्तर होती जा रही हैं. उन्होंने कहा, जैसे जैसे चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा.

रावत ने कहा, उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया लेकिन आंसू पोछने मैं सब जगह जाना चाहता था. मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर के खड़ी हुई है. मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं, तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा.

अब उत्तराखंड ही रहेगा फोकस: उत्तराखंड और पंजाब, दोनों राज्यों में अगले साल 2022 शुरुआत में एक साथ ही विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव को देखते हुए हरीश रावत को इन दोनों ही राज्यों में बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. एक ओर वो पंजाब के पार्टी प्रभारी थे तो दूसरी ओर उनको उत्तराखंड के चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन दोनों को मैनेज करने में रावत को परेशानी होने लगी थी. उनका एक पैर चंडीगढ़ तो दूसरा पैर देहरादून में रहता था.

वहीं, पंजाब में उठी जबरदस्त राजनीतिक हलचल के कारण वो उत्तराखंड चुनाव पर ध्यान ही नहीं लगा पा रहे थे. उधर, इस बीच पंजाब में इतनी बड़ी उथल-पुथल हो गई कि अमरिंदर बनाम सिद्धू की जंग में चन्नी सरकार को स्टेबल करना मुश्किल हो गया. न पंजाब में कांग्रेस में अभी तक कुछ सही हो सका और न ही उत्तराखंड में कांग्रेस रफ्तार पकड़ पाई. ऐसे में कांग्रेस को इस बात का भी डर था कि कहीं ऐसा ना हो कि उत्तराखंड में पार्टी मजबूती से अपनी दावेदारी पेश ना कर पाए. इसी बीच उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी यहां तेजी से सक्रिय हो रही है. ऐसे में कांग्रेस हरीश रावत को पंजाब में उलझाकर ज्यादा जोखिम मोल लेने की स्थिति में नहीं थी.

अब जब हरीश रावत पंजाब प्रभारी और महासचिव पद से मुक्त कर दिये गए हैं तो अब उनके हाईकमान की उम्मीद उत्तराखंड को लेकर बेहद बढ़ गई है. उत्तराखंड में कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष होने के नाते इस बार चुनाव की कमान हरीश रावत के हाथ में ही है और उनके साथ उनके खास गणेश गोदियाल भी प्रदेश अध्यक्ष हैं. दोनों ने टिकटों के वितरण में भी अपनी भूमिका तय कर रखी है. कांग्रेस के चुनाव प्रचार समिति में भी ज्यादातर नेता हरीश कैंप के हैं. पदमुक्त होने के बाद हरीश रावत का कहना है कि वो अब उत्तराखंड में कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में अपना पूरा ध्यान लगा सकते हैं.

रावत ने ये तो सोचा न होगा: पंजाब प्रभारी पद से हटाए गए हरीश रावत लगातार सोनिया गांधी और राहुल गांधी से यह आग्रह कर रहे थे कि उन्हें पंजाब से हटाकर उत्तराखंड पर फोकस करने दिया जाए. रावत ये जान गए थे कि उनके हाथ से पंजाब का झगड़ा शायद ही सुलझ पाए और यही कारण रहा कि पंजाब की लड़ाई सार्वजनिक होने से पहले ही हरीश रावत ने ये बात कह दी थी कि उन्हें पंजाब प्रभारी नहीं रहना. लेकिन हरीश रावत को शायद ये मालूम नहीं था कि उनके हाथ से पंजाब प्रभार को जाएगा ही बल्कि उन्हें महासचिव जैसे बड़े पद से भी हटा दिया जाएगा. हरीश रावत भले ही इस बात को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी का शुक्रिया अदा कर रहे हों, लेकिन विपक्षी पार्टियां इस बात को आने वाले समय में जरूर उठाएंगी.

Last Updated :Oct 23, 2021, 1:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.