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सीएम हेल्प लाइनः लापरवाह अधिकारियों पर गिरेगी गाज, सभी डीएम से मांगी गई रिपोर्ट

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Published : Oct 20, 2019, 9:28 PM IST

सीएम हेल्प लाइन

सीएम हेल्पलाइन को लेकर प्रशासन तेजी से कार्य कर रहा है. गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कमिश्नर डीएम और जनपद स्तर के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की. बैठक में सभी जिला अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है.

देहरादूनः मौजूदा सरकार की अति महत्वकांक्षी सीएम हेल्पलाइन योजना पर कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. इस संबंध में प्रदेश के दोनों मंडल, कुमाऊं और गढ़वाल के सभी जिलाधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ समीक्षा बैठक की गई. बैठक में तय समय पर शिकायतों का निस्तारण नहीं करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर जिला अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए.

लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई.

त्रिवेंद्र सरकार ने जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सीएम हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1905 जारी किया था. कोई भी प्रदेशवासी अपनी शिकायत और सुझाव यहां दर्ज करवा सकता है. इसको लेकर कमिश्नर गढ़वाल मंडल रविनाथ रमन ने गढ़वाल के सभी 7 जिलों और कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला ने कुमाऊं मंडल के सभी 6 जिलों के जिलाधिकारियों और जनपद स्तर के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. बैठक में अब तक कुल शिकायतों और उनके निस्तारण के अलावा गुणवत्ता पर जिला वार सभी डीएम से रिपोर्ट मांगी गई.

आज हुई समीक्षा बैठक के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी प्रदेश स्तर पर सभी सचिव, विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारियों की सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक लेंगे. इस बैठक में शिकायतों के निस्तारण के अनुसार प्रत्येक जिले और विभागों की रैंकिंग की जाएगी. इस दौरान जो अधिकारी लापरवाह पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई होनी तय है और बेहतर प्रदर्शन करने वालों वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत भी किया जाएगा.

सीएम हेल्पलाइन योजना क्या है
डिजिटल इंडिया को साकार करती हुई सीएम हेल्पलाइन 1905 में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से पेपरलेस तकनीक उपयोग किया गया है, जिससे शिकायतकर्ता को कागज द्वारा शिकायत दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. शिकायत टोल फ्री फोन नंबर 1905 या फिर सीएम हेल्पलाइन उत्तराखंड वेबसाइट cmhelpline.uk.gov.in पर घर बैठे ही दर्ज करा सकते हैं. अधिकारी भी शिकायतों का निस्तारण पेपर लेस तकनीक का उपयोग कर ऑनलाइन ही सुनिश्चित समय में निपटारा कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः मिनी इंडस्ट्रियल इस्टेट पर भारी पड़ रही अधिकारियों की हीलाहवाली, आज तक नहीं लग कोई भी उद्योग

आपको बता दें कि उत्तराखंड के 3,500 अधिकारियों को अगस्त और सितंबर माह में सीएम हेल्पलाइन में आ रही शिकायतों के निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के निर्देश पर सभी जिलों में ट्रेनिंग दी जा चुकी है. इस हेल्पलाइन की मदद से शिकायतों का चार चरण तक निस्तारण होना है. शिकायतकर्ता अगर पहले चरण की जांच से संतुष्ट न हो तो उसे अगले चरण में भेज दिया जाता है. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सीएम हेल्पलाइन मोबाइल एप अपने फोन में इंस्टॉल कर लें और प्रत्येक दिन मोबाइल एप या फिर वेबसाइट पर जन शिकायत देखें और उनका त्वरित निस्तारण करें.

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एंकर- मोजूदा सरकार की अति महत्वकांक्षी सीएम हेल्पलाइन योजना के संबंध में प्रदेश के दोनो मंडल, कुमाऊं और गढ़वाल ने सभी जिलाधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा की। बैठक में तय समय में शिकायतों का निस्तारण नहीं करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर जिला अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।


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वीओ- मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार ने जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सीएम हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1905 जारी किया था जिस पर घर बैठे ही कोई भी प्रदेश वासी अपनी शिकायत और सुझाव दर्ज करवा सकता है।

इसको लेकर कमिश्नर गढ़वाल मंडल रविनाथ
रमन ने गढ़वाल के सभी 7 जिलों और कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला ने कुमाऊं मंडल के सभी 6 जिलों के जिलाधिकारियों और जनपद स्तर के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में अब तक कुल शिकायतों और उनके निस्तारण के अलावा गुणवत्ता पर जिला बार सभी जिला अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई।

आज हुई समीक्षा बैठक में के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी प्रदेश स्तर पर सभी सचिव, विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारियों की सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक लेंगे। इस बैठक में शिकायतों के निस्तारण के अनुसार प्रत्येक जिले और विभागों की रैंकिंग की जाएगी। इस दौरान जो अधिकारी लापरवाह पाएं जाएंगे उन पर कार्रवाई होनी तय है और बेहतर प्रदर्शन करने वालों वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत भी किया जाएगा।


सीएम हेल्पलाइन योजना क्या है फिर जान लें---

डिजिटल इंडिया को साकार करती हुई सीएम हेल्पलाइन 1905 में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से पेपरलेस तकनीक उपयोग किया गया है जिससे शिकायतकर्ता को कागज द्वारा शिकायत दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। शिकायत टोल फ्री फोन नंबर 1905 या फिर सीएम हेल्पलाइन उत्तराखंड वेबसाइट cmhelpline.uk.gov.in पर घर बैठे ही दर्ज करा सकती है। अधिकारी भी शिकायतों का निस्तारण पेपर इस तकनीक का उपयोग कर ऑनलाइन ही सुनिश्चित निश्चित समय अवधि में करा रहे हैं।

आपको बता दें कि उत्तराखंड के 3500 अधिकारियों को अगस्त और सितंबर माह में सीएम हेल्पलाइन में आ रही शिकायतों के निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के निर्देश पर सभी जिलों में ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस हेल्पलाइन की मदद से शिकायतों का चार चरण तक निस्तारण होना है। शिकायतकर्ता अगर पहले चरण की जांच से संतुष्ट ना हो तो उसे अगले चरण में भेज दिया जाता है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सीएम हेल्पलाइन मोबाइल एप अपने फोन में इंस्टॉल कर लें और प्रत्येक दिन मोबाइल एप या फिर वेबसाइट पर जन शिकायत देखें और उनका त्वरित निस्तारण करें।




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