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'कांग्रेस के 'शंकराचार्य' नहीं जाएंगे अयोध्या, DNA में बहिष्कार', प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर बोली BJP

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 12, 2024, 5:28 PM IST

Updated : Jan 12, 2024, 6:12 PM IST

Ayodhya Ram Mandir Shankaracharya controversy देशभर में इन दिनों राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह सुर्खियों में बना है. 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. ऐसी चर्चा है कि कुछ शंकराचार्य ने इसका बहिष्कार किया है. जिस पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने प्रतिक्रिया दी है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा है.

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'कांग्रेस के 'शंकराचार्य' नहीं जाएंगे अयोध्या'

'कांग्रेस के 'शंकराचार्य' नहीं जाएंगे अयोध्या'

देहरादून: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. जिसके लिए देशभर में भव्य तैयारियां की जा रही है. वहीं, हिंदू धर्म में सर्वोच्च शिखर पर बैठे 2 शंकराचार्यों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. शंकराचार्यों के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बहिष्कार पर बीजेपी ने प्रतिक्रिया दी है. उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र ने कहा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम देश भर के साधु संत और शंकराचार्य हिस्सा लेंगे. उन्होंने कहा केवल कांग्रेस के 'शंकराचार्य' को राम मंदिर कार्यक्रम से दिक्कत हो सकती है.

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम में सनातन धर्म के दो बड़े शंकराचार्य उपस्थित नहीं रहेंगे. जिसके बाद सियासत तेज हो गई है. अब इस बारे में उत्तराखंड में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने प्रतिक्रिया दी है. महेंद्र भट्ट ने कहा सारे संत, महात्मा, शंकराचार्य अयोध्या जाएंगे. उन्होंने कहा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से केवल कांग्रेस के शंकराचार्य को समस्या हो सकती है. जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूद हैं. वह लोग कभी भी श्री राम भगवान की प्राण प्रतिष्ठा में मौजूद नहीं रहेंगे. उन्हें राम से कुछ लेना देना नहीं है.

पढे़ं- राम मंदिर आंदोलन की कहानी श्री महंत रवींद्र पुरी की जुबानी, जब संतों के अयोध्या जाने पर लगा बैन

कांग्रेस के डीएनए में बहिष्कार: वहीं, भाजपा प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा सनातन धर्म सभ्यता और परंपराओं का अनादर करना कांग्रेस के डीएनए में शामिल है. उन्होंने बताया 1951 में महाराष्ट्र में सोमनाथ मंदिर की स्थापना की गई. तब प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण भेजा गया. जिसका निमंत्रण उन्होंने ठुकरा दिया था. उन्होंने कहा जिस तरह से उस समय नेहरू ने किया इसी तरह से आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर रहे हैं. जिससे कांग्रेस की कार्य संस्कृति स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा आज की कांग्रेस गांधी की न रह के नेहरू की कांग्रेस हो गई है. उन्होंने कहा गांधी के राजनीतिक चिंतन में रामराज शामिल था. वह राम से बेहद प्रेरित थे. मगर आज की कांग्रेस में राम और राम राज्य जैसा कोई भी जुड़ाव देखने को नहीं मिलता है.

Last Updated : Jan 12, 2024, 6:12 PM IST
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