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Year Ender 2023: इन बड़ी घटनाओं ने बटोरी सुर्खियां, सबसे बड़ी डकैती और सबसे बड़े आंदोलन का गवाह बना उत्तराखंड

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 22, 2023, 6:16 AM IST

Year Ender 2023
उत्तराखंड ईयर एंडर

2023 biggest incidents In Uttarakhand उत्तराखंड में आपराधिक घटनाओं के लिहाज से साल-दर-साल आंकड़ों का नया पहाड़ खड़ा हो रहा है. साल 2022 की हाल ही में आई NCRB की रिपोर्ट इस बात की तस्दीक भी कर रही है. हालांकि साल 2023 में भी ऐसी घटनाओं में कोई कमी नहीं आई. तमाम बड़ी घटनाओं ने पुलिस विभाग के लिए बड़ा सिरदर्द खड़ा किया. खास बात ये है कि इस साल हत्या से लेकर महिला विरोधी अपराध और जमीन के फर्जीवाड़े से लेकर साम्प्रदायिक मामले भी खूब सुर्खियों में रहे. इन मामलों को संभालने में पुलिस विभाग के खूब पसीने छूटे. पेश है साल 2023 का लेखा जोखा.

उत्तराखंड की 2023 की बड़ी घटनाएं

देहरादून: उत्तराखंड के लिए साल 2023 आपराधिक मामलों के लिहाज से कुछ खास अच्छा नहीं रहा. इस साल डकैती, हत्या या महिला विरोधी अपराध के बड़े मामले ही नहीं बल्कि साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने जैसे गंभीर मुद्दे भी सामने आये. इतना ही नहीं जमीनों के फर्जीवाड़े के मामलों ने भी प्रदेश में खूब सुर्खियां बटोरी. कुल मिलाकर इस साल ऐसी कई बड़ी घटनाएं हुईं, जो प्रदेश के इतिहास में पहली बार देखी गई और जिनके कारण पुलिस विभाग की जमकर किरकिरी भी हुई. यही नहीं राजनीतिक रूप से भी कई मामलों में पुलिस पर बेहद ज्यादा दबाव देखने को मिला. पुलिस के कई अधिकारियों को लापरवाही के लिए कार्रवाई भी झेलनी पड़ी.

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रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले ने 2023 की सर्दी में गर्मी ला दी थी

हल्द्वानी के वनभूलपुरा अतिक्रमण मामले ने देशभर में पाई सुर्खियां: राज्य में साल 2023 की शुरुआत में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में वनभूलपुरा के अतिक्रमण वाली जगह पर बने 4000 से ज्यादा घरों को हटाने की थी. ये मामला काफी सुर्खियों में भी रहा. दरअसल रेलवे ने वनभूलपुरा में अपनी भूमि पर हजारों लोगों के द्वारा अतिक्रमण करने का दावा किया था. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस क्षेत्र को खाली करवाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था. इस मामले में भारी पुलिस बल भी इस क्षेत्र में लगाया गया. क्योंकि इस क्षेत्र में अधिकतर मुस्लिम परिवार रहते थे. लिहाजा इस पर खूब राजनीति भी हुई. जनवरी महीने में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी ये मामला सुर्खियों में रहा. हालांकि जनवरी महीने के ही पहले सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट से यहां के लोग स्टे करवाने में कामयाब रहे और पुलिस ने भी राहत की सांस ली.

दलित युवक की मंदिर में घुसने पर की गई पिटाई: साल 2023 के पहले महीने में ही उत्तरकाशी के मोरी थाना क्षेत्र से भी एक बड़ा मामला सामने आया. यहां एक दलित युवक को गांव के मंदिर में प्रवेश करने पर पिटाई करने और उसे कोयले से दागने का कथित मामला सामने आया. इस घटना के प्रकाश में आते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. क्षेत्र में तनाव बढ़ने के साथ पुलिस की जिम्मेदारी भी बेहद ज्यादा हो गई. आरोप लगाया गया था कि एक दलित युवक की मंदिर में प्रवेश करने पर जमकर पिटाई की गई और उसे कोयले से भी दागा गया. पीड़ित युवक के शरीर पर कोयले से दागने के निशान भी पाए गए थे. घटना के बाद जिला प्रशासन के साथ पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची और मामले को नियंत्रण में लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तारियां भी की गई. मामला जातिगत होने के चलते पुलिस के सामने इस मामले पर सोच समझकर कार्रवाई करने का दबाव था. हालांकि जिला प्रशासन के साथ पुलिस ने मिलकर इस मामले को बिना हालात बिगड़े सुलझाने में कामयाबी हासिल की.

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2023 में उत्तराखंड में बेरोजगारों का सबसे बड़ा आंदोलन हुआ

उत्तराखंड के इतिहास में बेरोजगारों का सबसे बड़ा आंदोलन: साल 2023 उत्तराखंड में बेरोजगार युवकों के आंदोलन का ऐतिहासिक गवाह भी बना. फरवरी महीने में देहरादून के गांधी पार्क पर एक ऐसा आंदोलन हुआ, जो बेरोजगार युवाओं का अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन रहा. इसमें युवाओं के निशाने पर पुलिस आ गई. दरअसल प्रदेश में भर्तियों में हो रही गड़बड़ियों से आक्रोशित युवाओं ने गांधी पार्क पर इकट्ठा होकर हजारों की संख्या में सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया. देखते ही देखते घंटाघर से लेकर गांधी पार्क तक पूरी तरह युवाओं की भीड़ जुट गई. पुलिस ने युवाओं की भीड़ पर लाठीचार्ज किया और आंदोलन को कुचलने की कोशिश की. लेकिन इससे यह मामला और बिगड़ गया. घटना के बाद बमुश्किल बेरोजगार युवा माने. लेकिन इस घटना में पुलिस की कार्रवाई की जमकर आलोचना की गई. कई पुलिस कर्मियों पर इसके कारण विभागीय कार्रवाई भी हुई.

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पुरोला सांप्रदायिक तनाव ने माहौल गरमा दिया

पुरोला में सांप्रदायिक तनाव ने बिगाड़े हालात: उत्तराखंड में साल 2023 के मई महीने में एक ऐसा बवाल हुआ, जैसा पहले कभी नहीं हुआ था. दरअसल पहली बार पहाड़ पर सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़क चुकी थी. पुरोला में मुस्लिम युवक द्वारा हिंदू युवती को भगाने का मामला सामने आया था. इस पर हिंदू संगठनों के साथ ही पुरोला के व्यापारियों में आक्रोश फैल गया. संगठनों ने महापंचायत बुलाकर हालात को और भी बिगाड़ दिया. इस परिस्थिति में पुलिस के सामने हालात को समझ कर इसके जल्द निपटारे की चुनौती थी. हालांकि इस मामले में शुरुआत में काफी हद तक पुलिस असफल रही. लेकिन बाद में पुलिस ने मामले को बमुश्किल संभाल लिया. घटना के बाद क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई, और भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया. यह घटना देशभर में चर्चाओं में रही और पहाड़ पर सांप्रदायिक तनाव की ऐसी घटना इतिहास में दर्ज हो गई.

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रुड़की के बेलड़ा में युवक की मौत से हंगामा हुआ

रुड़की के बेलड़ा प्रकरण की विधानसभा तक सुनाई दी गूंज: ये मामला भी राज्य में सुर्खियों में रहा और इसमें पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में रही. मामला जून माह का है जब बेलड़ा गांव के एक युवक पंकज का शव गांव के बाहर मिला. इस घटना को पुलिस ने हादसा बताया. लेकिन गांव के लोगों ने इसे हत्या बता कर पुलिस का घेराव किया. इसके कुछ समय बाद इसी मामले को लेकर गांव में दूसरी बिरादरी के लोगों द्वारा पुलिस के साथ घुसकर मारपीट करने का आरोप लगा. इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया और गांव में पहुंची पुलिस पर लोगों ने पथराव कर दिया. इससे हालात और भी बिगड़ गए. मामले की गंभीरता को इस बात से समझा सकता है कि इस प्रकरण को विधानसभा में भी विपक्षी दल ने उठाया. मुख्यमंत्री को खुद इस पर कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देश देने पड़े. इस प्रकरण में 50 से ज्यादा लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए.

उत्तराखंड में सांप से कटवाकर हत्या का हैरतंगेज मामला आया सामने: इसी साल जुलाई महीने में अंकित चौहान की हत्या का एक हैरतअंगेज मामला सामने आया. प्रदेश के इतिहास में पहली बार इस तरह किसी की हत्या के लिए षड्यंत्र करने की घटना का खुलासा हुआ. दरअसल ऑटो शोरूम कारोबारी अंकित चौहान की इसी साल जुलाई महीने में मौत हो गई. अंकित की मौत का कारण सांप द्वारा काटा जाना था. शुरुआत में पुलिस भी इसे सामान्य मौत के रूप में देख रही थी. लेकिन बाद में जब जांच की गई तो पता चला कि अंकित चौहान की गर्लफ्रेंड रही युवती ने अंकित को अपने घर बुलाकर उसे सांप से कटवाया और उसकी हत्या कर दी. मामले में जांच और पूछताछ के बाद पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ जिसके बाद सांप लाने वाले सपेरे और अंकित की गर्लफ्रेंड माही को गिरफ्तार कर लिया गया.

कांवड़ियों पर पथराव की घटना से बिगड़े हालात: देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में जुलाई महीने में ही कांवड़ियों पर पथराव का एक मामला सामने आया. मामले में विशेष समुदाय के लोगों पर आरोप लगा कि उनके द्वारा कांवड़ियों पर पथराव किया गया. इस मामले में भी पुलिस के सामने बड़ी ही गंभीरता के साथ मामले का समाधान करने की चुनौती थी. प्रकरण के बाद कांवड़ियों ने जमकर बवाल भी मचाया. जिसे पुलिस ने बड़ी ही मुश्किल से शांत करवाया. इस मामले को लेकर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शांति व्यवस्था बिगाड़ने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा कर गिरफ्तारी भी की.

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देहरादून में फर्जी रजिस्ट्री का मामला सुर्खियों में रहा

जमीनों के बड़े फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा, नामी वकील गिरफ्तार: उत्तराखंड में जमीनों के फर्जीवाड़े का साल 2023 में ही बड़ा मामला सामने आया. अगस्त महीने में पुलिस ने रजिस्ट्रार कार्यालय में अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ कर जमीनों की फर्जी खरीद फरोख्त करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया. बड़ी बात यह थी कि यह मामला धीरे-धीरे सैकड़ों बीघा जमीन पर भू माफियाओं द्वारा फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने से जुड़ गया और पुलिस की जांच लंबी होती चली गई. अब यह मामला पुलिस के साथ राजनीतिक रूप से भी चर्चाएं बटोर रहा था और पुलिस के सामने चुनौती इस पूरे प्रकरण में मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी करना था. प्रकरण में कई सफेदपोश के भी शामिल होने की बात की गई. लेकिन इसमें पुलिस ने कुछ नामी वकील गिरफ्तार करने के साथ ही रजिस्टर कार्यालय के कुछ लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया. हालांकि इसमें एक अहम आरोपी की जेल में ही मौत हो गई जिससे इस प्रकरण पर कई सवाल खड़े कर दिए.

लेफ्टिनेंट कर्नल निकला पश्चिम बंगाल की रहने वाली युवती का हत्यारा: देहरादून के रायपुर क्षेत्र में सितंबर महीने में मिले अज्ञात महिला के शव से सनसनी मच गई थी. महिला पर हथौड़े के ताबड़तोड़ वार किए गए थे और उसके मुंह को कुचलने की कोशिश की गई थी. घटना के बाद ना तो कोई सुराग मिल रहा था और ना ही इस मामले में मृतक युवती की पहचान हो पा रही थी. यह मामला पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती था. लेकिन देहरादून पुलिस ने इस मामले में बेहतर काम करते हुए तमाम सुराग जुटाए और आखिरकार हत्यारे तक पुलिस जा पहुंची. खास बात यह है कि इस मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल को युवती की हत्या के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया. जबकि युवती की पहचान भी बमुश्किल की गई. युवती पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की रहने वाली थी और वहां वह एक बार डांसर का काम करती थी. इसी दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल रमेंदु उसके संपर्क में आया. बाद में रमेंदु की पत्नी को उसके अवैध संबंधों के बारे में जानकारी मिली तो उसने युवती की हत्या कर दी. मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.

अंकिता भंडारी हत्याकांड की तरह ही अमृता की हत्या से भी लोगों में रहा उबाल: उत्तरकाशी में 18 साल की अमृता रावत की हत्या ने एक बार फिर प्रदेश में साल 2022 के सबसे चर्चित अंकित भंडारी हत्याकांड की याद दिला दी. अमृता का शव एक होम स्टे में मिला था जहां वह काम करती थी. मामले में परिजनों ने होमस्टे के मालिक पर हत्या का आरोप लगाया. कहा गया कि जिस फंदे में अमृता का शव मिला था, वह रस्सी बेहद कमजोर थी और उसके पांव भी जमीन से लगे हुए थे. ऐसे में इस मामले में हत्या की आशंका जताई गई, जिसकी जांच अभी जारी है.

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उत्तराखंड के इतिहास की सबसे बड़ी डकैती 9 नवंबर को पड़ी

उत्तराखंड के इतिहास की सबसे बड़ी डकैती 2023 के नाम: साल 2023 उत्तराखंड के इतिहास की सबसे बड़ी डकैती के लिए भी याद किया जाएगा. देहरादून में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी के दौरान प्रदेश की यह सबसे बड़ी डकैती अंजाम दी गई. पुलिस इस दौरान वीवीआईपी ड्यूटी में व्यस्त रही और डकैती खुलेआम सुबह करीब 10:00 बजे रिलायंस की ज्वैलरी शॉप में पहुंचकर 20 करोड़ से ज्यादा की ज्वैलरी लूट कर ले गए. इस घटना से पुलिस की जबरदस्त किरकिरी हुई और पुलिस की छवि पर भी बड़ा बट्टा लग गया. खास बात यह है कि इस मामले में अब तक कई लोगों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है लेकिन पुलिस ज्वैलरी रिकवरी करने में अब तक असफल रही है.

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अशोक कुमार के रिटायरमेंट के बाद अभिनव कुमार कार्यवाहक डीजीपी बने

उत्तराखंड पुलिस विभाग को मिला पहला कार्यवाहक डीजीपी: पुलिस विभाग के लिहाज से उत्तराखंड में साल 2023 कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की तैनाती को लेकर भी याद किया जाएगा. उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पुलिस विभाग में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक को जिम्मेदारी दी गई है. जब बात पुलिस की चुनौतियों की कर रहे हैं तो राज्य के इतिहास में पहली बार इस तरह के प्रयोग को लेकर भी सभी की पुलिस विभाग पर निगाहें दिखाई देती हैं और इसी कारण विभाग चर्चाओं में भी है.
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