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कॉर्बेट अवैध निर्माण: IFS संजीव चतुर्वेदी के बाद इस अधिकारी ने भी जांच से खींचे हाथ, विभाग और सरकार की चुप्पी

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Published : Nov 10, 2021, 1:55 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 10:15 AM IST

वन मंत्री हरक सिंह रावत और वन विभाग के बड़े अधिकारी की बयानबाजी को लेकर संजीव चतुर्वेदी ने फिलहाल इस जांच से इनकार कर दिया है. दूसरी तरफ 30 अक्टूबर को चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग ने जिस अधिकारी को जांच सौंपी, उसने भी अब इस मामले में जांच करने से हाथ खड़े कर दिये हैं.

llegal construction in corbett national park
llegal construction in corbett national park

देहरादून: कॉर्बेट नेशनल पार्क ने अवैध निर्माण और पेड़ कटान के मामले में जहां राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) पहले ही स्थलीय निरीक्षण के बाद दोषियों पर कार्रवाई की संस्तुति कर चुकी है. वहीं, IFS संजय चतुर्वेदी पहले ही इस मामले में जांच को लेकर अधिकारियों की तरफ से हो रही बयानबाजी पर सवाल खड़े कर चुके हैं. वहीं, अब दूसरे जांच अधिकारी बीके गांगटे ने भी प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को पत्र लिखकर इस जांच से हाथ पीछे खींच लिए हैं.

कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण को कुछ ही दिन पहले ध्वस्त कर दिया गया लेकिन इस मामले पर दोषियों को सजा देने के मामले में वन विभाग सुस्त नजर आ रहा है. यही नहीं, विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत से लेकर शासन में अपर मुख्य सचिव तक भी इस जांच को लेकर कुछ खास सक्रिय नहीं दिखाई दे रहे हैं. इस मामले में कई बड़े अधिकारियों की संलिप्तता की संभावना के बीच जांच को प्रभावित करने की कोशिश भी दिखाई दे रही है.

आपको बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना के बाद से 2018 तक इतना निर्माण नहीं किया गया जितना पिछले दो सालों में किया गया. ऐसे में एनटीसीए के संज्ञान में यह मामला आने के बाद केंद्र की टीम ने क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर मामले में कई अधिकारियों को दोषी पाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति भी की. लेकिन, चौंकाने वाली बात ये है कि दिल्ली से एनटीसीए की टीम तो कॉर्बेट में जाकर स्थलीय निरीक्षण कर लेती है लेकिन, कॉर्बेट के अधिकारी अनजान बने रहते हैं.

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उधर, इस मामले में प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने IFS अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को जांच सौंपी तो पता चला कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग अपर मुख्य संरक्षक बीके गांगटे को पहले ही जांच सौंप चुके हैं. विभाग में 2 आईएफएस अधिकारियों की लड़ाई जगजाहिर है लेकिन इस मामले में जहां वन्यजीव संरक्षण को ताक पर रखकर कथित अवैध निर्माण और पेड़ कटान किए गए, उसमें ईमानदार छवि के अधिकारी माने जाने वाले संजीव चतुर्वेदी से जांच कराने की खबर के बाद से ही वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ था.

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हालांकि, जांच को लेकर विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत और वन विभाग के बड़े अधिकारी के बयानबाजी को लेकर संजीव चतुर्वेदी ने फिलहाल इस जांच से इनकार कर दिया है. दूसरी तरफ 30 अक्टूबर को चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग ने जिस अधिकारी को जांच सौंपी, उसने भी अब इस मामले में जांच करने से हाथ खड़े कर दिये हैं. जाहिर है कि यह मामला बड़े अधिकारियों से जुड़ा है और ऐसे में बड़े अधिकारियों की गर्दन फंसने की संभावना के बीच इस मामले की लीपापोती शुरू हो गई है.

Last Updated :Nov 11, 2021, 10:15 AM IST
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