कोटद्वार में खोह नदी नहीं होगी 'मैली', केंद्र ने जारी किए 135 करोड़ रुपए, अब साफ होगी जीवनदायिनी
Published: Nov 14, 2023, 7:04 PM


कोटद्वार में खोह नदी नहीं होगी 'मैली', केंद्र ने जारी किए 135 करोड़ रुपए, अब साफ होगी जीवनदायिनी
Published: Nov 14, 2023, 7:04 PM

Namami Gange Project in Uttarakhand उत्तराखंड को केंद्र से 135 करोड़ रुपए की बजट को स्वीकृति मिल गई. यह बजट नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए जारी किया गया है. जिसमें कोटद्वार में खोह नदी में गिरने वाले नालों की टैपिंग और सीवेज शोधन संयंत्र का निर्माण शामिल है.
देहरादूनः अब कोटद्वार में मैली हो चुकी खोह नदी के साफ होने की उम्मीद जग गई है. जी हां, नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए करीब 135 करोड़ रुपए की बजट को स्वीकृति दी गई है. यह स्वीकृति राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और जल शक्ति मंत्रालय की 52वीं कार्यकारी समिति की बैठक में दी गई. ऐसे में अब इस बजट से खोह नदी में गिरने वाले नालों को टैप किया जाएगा.
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विधानसभा कोटद्वार में गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी खोह नदी को साफ करने और उसमे गिरने वाले 09 नालों को टैप करने एवं 21 एम.एल.डी. सीवेज शोधन संयंत्र के निर्माण हेतु नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए करीब 135 करोड़ रुपए की बजट को स्वीकृति दी गई है। यह… pic.twitter.com/UK7WEPa6kz
— Ritu Khanduri Bhushan (@RituKhanduriBJP) November 14, 2023
हालांकि, अभी तक ये माना जा रहा था कि आगामी बैठक में बजट जारी हो सकते हैं, लेकिन आज बजट को केंद्र की ओर से मंजूरी मिल गई है. बजट की स्वीकृति होने पर सीएम पुष्कर धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार जताया है. खास बात ये है कि इस बैठक में पौड़ी जिले के उन नदियों की भी चर्चा हुई है, जो नमामि गंगा का हिस्सा अभी तक नहीं थी.
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वहीं, बैठक में निर्णय लिया गया है कि उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार शहर में बहने वाली खोह नदी में गिरने वाले सभी 9 नालों को टैप किया जाएगा. साथ ही 21 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) सीवेज शोधन संयंत्र का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा. इस काम के लिए ही करीब 135 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है.
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Khoh river flows from Kotdwar city and joins the Ramganga river, which is later a major tributary of the Ganga river. The construction of the project will not only improve the ecosystem of Khoh and Ramganga river but will also stop the flow of contaminated water in the Ganga…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 14, 2023
बता दें की खोह नदी कोटद्वार नगर से बहते हुए रामगंगा नदी में मिलती है, जो कि आगे जाकर गंगा नदी में गिरती है. इस वजह से यह गंगा की प्रमुख सहायक नदी भी है. परियोजना के निर्माण से खोह और रामगंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में तो सुधार होगा ही, साथ ही गंगा नदी में दूषित जल का प्रवाह रूकेगा. उधर, उत्तराखंड में बहने वाली तमाम नदियों को लेकर राज्य सरकार केंद्र को पत्र लिख रही है.
