चंपावत में फिर हुआ विवाद, बच्चों ने अनुसूचित जाति की भोजनमाता के हाथों से बना खाना खाने से किया इनकार

author img

By

Published : May 20, 2022, 3:48 PM IST

Updated : May 20, 2022, 4:08 PM IST

mid day meal controversy in Champawat

चंपावत जिले के राजकीय इंटर कॉलेज जीआईसी सूखीढांग में माध्यान भोजन (मिड-डे मिल) को लेकर एक बार फिर बखेड़ा खड़ा हो गया है. यहां पर स्वर्ण जाति के कुछ बच्चों ने अनुसूचित जाति की भोजनमाता के हाथों बना खाना खाने से इनकार कर दिया. स्कूल प्रबंधन में इस मामले सख्ती दिखाते हुए कुछ बच्चों की टीसी भी काट दी है.

चंपावत: उत्तराखंड के चंपावत जिले में मिड-डे मिल को लेकर फिर विवाद शुरू हो गया. यहां राजकीय इंटर कॉलेज जीआईसी सूखीढांग में छठवीं से आठवीं तक के करीब 8 से 10 बच्चों ने फिर अनुसूचित जाति की भोजनमाता के हाथों बना खाना खाने से इनकार दिया. आरोप है कि ये सभी बच्चे स्वर्ण जाति के है और उन्होंने जातिगत कारणों से भोजन का बहिष्कार किया है.

जानकारी के मुताबिक, जैसे ही ये मामला स्कूल प्रबंधन के पास पहुंचा तो उन्होंने छात्रों को समझाने का भी प्रयास किया, लेकिन छात्रों ने परिजनों का हवाला देते हुए खाना खाने के साफ इनकार कर दिया. इस मामले को सुलझाने के लिए प्रधानाचार्य प्रेम सिंह ने अभिभावकों की बैठक बुलाई थी, लेकिन अभिभावक भी मानने को तैयार नहीं था. बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला. हालांकि, अभिभावकों ने बैठक में सिर्फ इतना ही कहा कि भोजन न खाने की वजह से जातिगत नहीं है, बल्कि निजी है.
पढ़ें- देरी से आने वाले कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी, सरकार की सख्ती के बाद कसा जा रहा शिकंजा

आखिर में प्रधानाचार्य छात्रों की टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) काटी ताकि बच्चों और उनके परिजनों पर दबाव बनाया जा सके. प्रधानाचार्य प्रेम सिंह ने मामले की जानकारी शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. प्रधानाचार्य ने बताया कि सूखीढांग जीआईसी में तीन भोजन माताएं हैं, जिसमें से दो स्वर्ण और एक अनुसूचित जाति की है.

प्रधानाचार्य प्रेम सिंह का कहना है कि बीते कुछ दिनों से 7 से 10 बच्चों ने अनुसूचित जाति की भोजन माता के हाथ का बना खाना नहीं खा रहे हैं, जो कि स्कूल के नियमों के अनुकूल नहीं है. साथ ही सामाजिक सौहार्द के हिसाब से भी ठीक नहीं है. इस बारे में गुरुवार को बच्चों के अभिभावकों की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन उसमें कोई भी नतीजा नहीं निकला.
पढें- CM पुष्कर सिंह धामी ने 'बजट पूर्व संवाद' कार्यक्रम में की शिरकत, बोले- विशेषज्ञों के सुझावों पर किया जाएगा अमल

प्रधानाचार्य प्रेम सिंह ने बताया कि किसी भी छात्र का नाम नहीं काटा गया है. हालांकि, चेतावनी देने के लिए कुछ बच्चों को टीसी दे दी गई थी. इस पूरे मामले की जानकारी विभागीय उच्चाधिकारियों को दी गई है. वहीं, इस बारे में चंपावत के सीईओ जितेंद्र कुमार का कहना है कि मध्याह्न भोजन में उपजे विवाद की उन्हें कोई भी जानकारी नहीं है. वह आज ही प्रधानाचार्य से मामले की जानकारी लेकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि इससे पहले भी राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग में अनुसूचित जाति (एससी) की भोजन माता की नियुक्ति से बखेड़ा हो गया था. तब स्कूल प्रबंधन और अभिभावक आमने-सामने आए गए थे. अधिकतर बच्चों ने ये कहते हुए खाना छोड़ दिया था कि ये भोजन एससी वर्ग की भोजना माता के हाथों बना है. हालांकि, बाद में ये मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दरबार तक पहुंच गया था. जिसके बाद इस मामले को सुलझा दिया गया था.

Last Updated :May 20, 2022, 4:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.