ETV Bharat / state

उत्तराखंड को 3400 करोड़ की योजनाओं की सौगात, 'मेरे लिए सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव'

author img

By

Published : Oct 21, 2022, 1:56 PM IST

Updated : Oct 21, 2022, 7:21 PM IST

भारत के आखिरी गांव माणा में देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज बाबा केदार और बदरी विशाल के दर्शन करके मन प्रसन्न हो गया और जीवन धन्य हो गया है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है. लेकिन उनके लिए सीमा पर बसा हर गांव, देश का पहला गांव है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि हरी भरी पहाड़ियों पर रेल गाड़ी की आवाज उत्तराखंड के विकास की नई गाथा लिखेगी. वहीं, इससे पहले प्रधानमंत्री ने ₹3400 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया.

PM Modi in Mana Village
पीएम मोदी का माणा गांव दौरा

चमोली: केदारनाथ और बाबा बदरी विशाल के दर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी चमोली जिले में स्थित देश के अंतिम गांव माणा पहुंचे. यहां पीएम ने जनसभा को भी संबोधित किया लेकिन उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3400 करोड़ रुपये के कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट की सौगात उत्तराखंड को दी. इसमें केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास भी शामिल है. इसमें माणा और मलारी की दो सीमांत डबल लेन सड़कों का काम भी है. माणा से माणा पास (एनएच-07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) शामिल हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री ने केदारनाथ पहुंचकर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 13 किमी लंबे सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया. साथ ही बदरी-केदार में हो रहे निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया.

देश का अंतिम नहीं पहला गांव: परियोजनाओं के शिलान्यास के बाद भारत के आखिरी गांव माणा से देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि माणा गांव भारत का अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है लेकिन माणा को देश का पहला गांव कहा जाना चाहिए क्योंकि सीमाओ पर बसा हर गांव उनके लिए देश का पहला गांव ही है. पीएम ने कहा कि, पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया. यहां तक विकास पहुंचा और अब यहां डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. इसके साथ ही पीएम ने लोगों ने माणा आने का आग्रह किया.

माणा का महत्व: पीएम मोदी ने कहा कि आज से 25 साल पहले उत्तराखंड में बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में मैंने माणा में उत्तराखंड बीजेपी कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी. तो मेरे साथी कार्यकर्ता उस समय नाराज हो गए थे. मैंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस दिन उत्तराखंड बीजेपी के दिल में माणा का महत्व पक्का हो जाएगा. उस दिन उत्तराखंड की जनता के दिल में भाजपा के लिए महत्व बन जाएगा और ये माणा की मिट्टी की ताकत और आशीर्वाद का ही फल है कि आज भाजपा को उत्तराखंड में दोबारा सेवा करने का मौका मिला है.

उत्तराखंड को विकास की सौगात.

पीएम मोदी ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किले पर एक आह्वान किया था. ये आह्वान है गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का. ऐसा इसलिए, क्योंकि आजादी के इतने वर्षों बाद भी हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है.

जहां भी घूमने जाएं 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करें: प्रधानमंत्री नरेंद्र देश देश के अंतिम गांव माणा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां की माताओं और बहनों को प्रणाम करता हूं जिस तरह के उत्पाद वह बना रही हैं, उसके लिए वह बधाई की पात्र हैं. मैं उन्हें देखकर बड़ा प्रसन्न हुआ. इस दौरान पीएम मोदी ने यहां आने वाले यात्रियों से अपील की है कि जब भी आप कहीं भी यात्रा पर जाए वहां के उत्पाद जरूर खरीदें. अपनी यात्रा पर जितना पैसा खर्च करते हैं उसमें से पांच प्रतिशत खर्च भी अगर स्थानीय उत्पादों पर खर्च करेंगे तो ये स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम होगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पाद खरीदने से आपको संतोष होगा और इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जाएगी, आप कल्पना भी नहीं कर सकते.

भारत-चीन सीमा पर स्थित माणा में गरजे PM मोदी.

हमें जिंदा गांव बनाने हैं: प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड काल में कोरोना की वैक्सीन पहाड़ों तक पहुंचाई गई. इसमें उत्तराखंड और हिमाचल में बेहतर काम किया गया. गरीब कल्याण योजना में उत्तराखंड के लाखों लोगों को लाभ मिला. डबल इंजन सरकार ने होम स्टे और स्किल डेवलपमेंट से युवाओं को जोड़ा है. पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं को एनसीसी से जोड़ रहे हैं. विकास कार्यों में तेजी आई है और पर्यटन का विस्तार हो रहा है. इसके साथ ही जल जीवन मिशन से गांवों तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है. मल्टी मॉडल कनेक्टीवीटी प्रदान करने के लिये काम किया जा रहा है. सागरमाला, भारतमाला की तरह अब पर्वतमाला परियोजना पर काम होने जा रहा है. रोपवे पर बहुत बड़ा काम होने जा रहा है. बॉर्डर के गांवों में चहल पहल बढ़नी चाहिए. जो कभी गांव छोड़कर गए हैं, उनका वापस लौटने का मन करे, हमें ऐसे जिंदा गांव बनाने हैं.

गुलामी के तराजू पर तौलते हैं विकास कार्य: पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को प्रगति का हर काम अपराध की तरह लगता है. कुछ लोग प्रगति के कार्यों को तराजू पर तौलते हैं. ऐसे लोग अपनी विरासत से विद्वेष रखते हैं.
ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने किया मिशन-2024 का शंखनाद! केदारपुरी-काशी और महाकाल के बाद बदरीनाथ पर फोकस

धार्मिक स्थलों की हुई उपेक्षा: लंबे समय तक हमारे यहां अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव रहा है. विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते नहीं थकते थे. लेकिन, भारत में इस तरह के कार्य को हेय की दृष्टि से देखते थे. आस्था के ये केंद्र सिर्फ एक ढांचा नहीं, बल्कि हमारे लिए प्राणवायु की तरह हैं. वो हमारे लिए ऐसे शक्तिपुंज हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी हमें जीवंत बनाए रखते हैं.

PM Modi in Mana Village
केदारनाथ में पीएम मोदी.

आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के निर्माण के वक्त क्या हुआ, सब जानते हैं. राम मंदिर के इतिहास से भी हम परिचित हैं. गुलामी की इस स्थिति ने हमारे आस्था घरों को जर्जर स्थिति में ला दिया था. सबकुछ तबाह करके रख दिया गया था. दशकों तक हमारे अध्यात्मिक केंद्रों की स्थिति ऐसी थी कि वहां की यात्रा सबसे कठिन यात्रा बन जाती थी. जहां जाना जीवन का सपना हो, लेकिन सरकारें ऐसी थीं कि अपने नागरिकों को वहां तक जाने की सुविधा देने की नहीं सोची. ये अन्याय था कि नहीं? आपका हां का जवाब आपका नहीं 130 करोड़ लोगों का है, इसलिए मुझे ईश्वर का काम सौंपा गया है.

रोपवे प्रोजेक्ट पर बोले पीएम मोदी: विकास के इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए उत्तराखंड को और देश-विदेश के हर श्रद्धालु को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं. गुरुओं की कृपा बनी रहे, बाबा केदार की कृपा बनी रहे और बदरी विशाल की भी कृपा बनी रहे. हमारे सभी श्रमिक साथियों को भी शक्ति मिले, यही प्रार्थना करते हैं.

उत्तराखंड की हुई उपेक्षा: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सरकारों में उत्तराखंड की जमकर उपेक्षा हुई है. पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्ध का आरंभ मानकर काम शुरू किया. पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया है.

PM Modi in Mana Village
बदरीनाथ में पीएम मोदी.

जब पहाड़ पर रेल, रोड और रोपवे पहुंचते हैं तो अपने साथ रोजगार लेकर आते हैं. जब पहाड़ पर रेल, रोड और रोपवे पहुंचते हैं तो पहाड़ का जीवन भी आसान बनता है. हिमालय की हरी भरी पहाड़ियों पर रेल गाड़ी की आवाज उत्तराखंड के विकास की नई गाथा लिखेगी. देहरादून एयरपोर्ट भी नए अवतार में सेवा दे रहा है. चारधाम ऑलवेदर रोड से उत्तराखंड के लोगों के साथ-साथ पयर्टकों और श्रद्धालुओं को एक नया अहसास दे रही है.

देवभूमि में विकास की गति बढ़ें: पीएम मोदी अपने संबोधन के दौरान कई बार हिमाचल का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि जब हिमाचल गया था, तो वहां कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि हमने ट्रेन नहीं देखी थी, लेकिन आप वंदे भारत ट्रेन ले आए. प्रधानमंत्री ने कहा कि वो दिन मैं उत्तराखंड में भी देखना चाहते हूं. हिमाचल जैसे ही उत्तराखंड में विकास की गति तेजी से बढ़े. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल में रोपवे का एक बड़ा नेटवर्क बनने जा रहा है.

ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा: 'बाबा के सान्निध्य में उनके आदेश से उनकी कृपा से पिछली बार जब आया था तो कुछ शब्द निकले थे, वो मेरे नहीं थे. कैसे आए, क्यों आए, किसने दिए पता नहीं. यूं ही मुंह से निकल गया था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा. मुझे पक्का विश्वास है कि इन शब्दों पर बाबा, बदरी विशाल और मां गंगा के आशीर्वाद की शक्ति बनी रहेगी'.

पहाड़ पर वैक्सीन ही नहीं आती: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले देश के विकास में जिनके योगदान को महत्व नहीं दिया गया. हमने उन्हीं को साथ लेकर प्रगति के महान लक्ष्यों की ओर बढ़ने का संकल्प लिया. एक संवेदनशील सरकार, गरीबों का दुख-दर्द समझने वाली सरकार कैसे काम करती है, आज देश के हर कोने में लोग अनुभव कर रहे हैं. कोराना काल में जब वैक्सीन लगवाने की बारी आई, अगर पहले की सरकारें होती, तो शायद अभी तक वैक्सीन यहां तक नहीं आता.

भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तम्भ: पीएम ने कहा कि 21वीं सदी के विकसित भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तम्भ हैं. पहला अपनी विरासत पर गर्व और दूसरा विकास के लिए हरसंभव प्रयास करना. उत्तराखंड इन दोनों ही स्तम्भों को मजबूत कर रहा है. आज दो रोपवे का शिलान्यास किया गया. इससे केदारनाथ जी और हेमकुंड साहिब के दर्शन करना और आसान हो जाएगा. इन रोपवे से काम करने वाले लोगों पर देश के 130 करोड़ लोगों का आर्शीवाद बरसने वाले हैं. पीएम ने कहा कि उन्हें श्रमिकों और एंव इंजिनियरों से बात करने का मौका मिला. वो भगवान का काम कर रहे हैं. उन्होंने क्षेत्रवासियों से इन काम में लगे मजदूरों का ध्यान रखने का आग्रह भी किया.

आस्था केंद्रों के पुनर्निर्माण से पहाड़ में ईज ऑफ लिविंग: प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि, इस परिवर्तन की साक्षी बन रही है. डबल इंजन की सरकार बनने से पहले एक सीजन में ज्यादा से ज्यादा 5 लाख श्रद्धालु आया करते थे अब इस सीजन में यह संख्या 45 लाख हो गई है. आस्था और आध्यात्मिकता के पुनर्निमार्ण का एक और पक्ष है. पहाड़ के लोगों के ईज ऑफ लिविंग का, उनके रोजगार का, जब पहाड़ में रोड, रेल और रोपवे पहुंचते तो अपने साथ रोजगार लेकर आते हैं और पहाड़ का जीवन भी शानदार, जानदार और आसान बना देते हैं. अब तो हमारी सरकार ड्रोन का उपयोग सामान ढोने में भी करने की योजना पर काम कर रही है. इससे पहाड़ के लोगों को अपने फल और सब्जी बाजार तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगी.

आस्था के केंद्र हमारे लिये प्राणशक्ति: प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी की मानसिकता ने लोगों को ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का हर कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है. विदेशों में संस्कृति से जुड़े ऐसे कार्यों की तारीफे की जाती थी और भारत में नहीं. गुलामी की मानसिकता ने हमारी पूजनीय आस्था स्थलों को जर्जर स्तर पर ला दिया था. दशकों तक हमारे धार्मिक स्थलों की अवहेलना हुई. आस्था के यह केंद्र सिर्फ ढांचा नहीं बल्कि हमारे लिये यह प्राणशक्ति है. वह हमारे लिये ऐसे शक्तिपूंज है जो कठिन से कठिन परिस्थतियों में भी हमें जीवंत बनाये रखते हैं.

आज अयोध्या, काशी, उज्जैन अपने गौरव को पुनः प्राप्त कर रहे हैं. केदारनाथ और बदरीनाथ धाम को श्रद्धा के साथ आधुनिकता से जोड़ा जा रहा है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है, गुजरात के पावागढ़ में मां काली के मंदिर से लेकर देवी विंध्यांचल कोरिडोर तक भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आह्वान कर रहा है. आस्था के इन स्थलों पर पहुंचना, हर श्रद्धालु के लिए सुगम एवं आसान हो गया है. विश्वास है कि देश की नई पीढ़ी के लिए भी यह श्रद्धा का आकर्षण का केंद्र बनेंगे. अब हमारे दिव्यांग साथी भी दर्शन कर रहे हैं. गिरनार में जब रोपवे बनाया तो 80 साल के बुजुर्ग भी यात्रा करने लगे, कई लोगों ने मुझे चिट्ठी भेज कर धन्यवाद दिया.

Last Updated :Oct 21, 2022, 7:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.