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श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब में लगाया कूड़े का अंबार, उद्गम स्थल से ही दूषित हो रही हेमगंगा

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Published : Jul 6, 2019, 8:44 AM IST

Updated : Jul 6, 2019, 9:09 AM IST

हेमकुंड साहिब उच्च हिमालयी क्षेत्र पर स्थित होने के साथ ही हेमगंगा का उद्गम स्थल भी है. चारों ओर फैले कूड़े से पर्यावरण प्रदूषण भी हो रहा है.

हेमकुंड साहिब में लगा गंदगी का अंबार.

चमोली: सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. साफ-सफाई की उचित व्यवस्था न होने से जगह-जगह पर प्लास्टिक का कूड़ा फैला हुआ है. जबकि हेमकुंड साहिब उच्च हिमालयी क्षेत्र पर स्थित होने के साथ ही हेमगंगा का उद्गम स्थल भी है. चारों ओर फैले कूड़े से पर्यावरण प्रदूषण भी हो रहा है.

हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल में 6 माह के लिए बंद रहने के बाद बीते माह 1 जून को खुले थे. अब तक यहां 1,70,333 तीर्थयात्रियों ने मत्था टेका था. इन दिनों हेमकुंड में श्रद्धालुओं का जमवाड़ा लगा हुआ है. हेमकुंड साहिब में कई स्थानों पर 3 फीट तक बर्फ जमी हुई है. कई स्थानों पर विगत वर्ष और इस साल काफी कूड़ा जमा हुआ है. जिसे इस धाम में साफ देखा जा सकता है.

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हेमकुंड से निकलने वाली हेमगंगा के उद्गम स्थल पर प्लास्टिक कूड़ा बिखरा हुआ है. जो उच्च हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण संतुलन के लिए खतरा बना हुआ है. बता दें कि हर साल लाखों की संख्या में हेमकुंड साहिब में श्रद्धालु पहुंचते हैं. साथ ही अपने साथ प्लास्टिक पैकिंग सामान ले जाते हैं. वहीं श्रद्धालुओं लौटते समय सारा कूड़ा वहीं फेंक देते हैं. जिससे प्रत्येक वर्ष कूड़ा बढ़ता ही जा रहा है, जो पर्यावरण के लिहाज से बड़ा खतरा है.

Intro:उत्तराखंड के चमोली जनपद में समुद्र तल से 4632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उच्च हिमालयी क्षेत्र में सिखों के पवित्र तीर्थ हेमकुण्ड धाम में इन दिनों गंदगी का अंबार लगा हुआ है ।हेमकुण्ड में स्थित हेमगंगा के उद्गम स्थल पर भी पलास्टिक की बोतलों सहित पालीथिन का कूड़ा बिखरा पड़ा है।जिससे यंहा का पर्यायवरण प्रदूषित हो रहा है ।

फोटो मेल से भेजी है।


Body:हेमकुण्ड सहिब के कपाट शीतकाल में 6 माह के लिए बंद रहने के बाद बीते माह 1 जून को खुले थे।अभी तक यंहा पर 172333 तीर्थयात्रियों ने पहुँचकर पवित्र झील में स्नान करने के बाद हेमकुण्ड गुरुद्वारे में मत्था टेका है।इन दिनों हेमकुण्ड में श्रदालुओ का जमवाडा लगा हुआ है।अभी भी हेमकुण्ड में कई स्थानों पर 3 फिट तक बर्फ जमी हुई है ।जिन स्थानों की बर्फ पिघल चुकी है उन स्थानों पर पिछले साल और इस साल तीर्थयात्रियों द्वारा फैलाये गए प्लास्टिक के कूड़े के ढेर साफ दिख रहे है।हेमकुण्ड से निकलने वाली हेमगंगा के उद्गमस्थल पर भी पलास्टिक का कूड़ा बिखरा हुआ है।जो कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण संतुलन के लिए खतरा बना हुआ है ।


Conclusion:बता दे कि प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सिख तीर्थयात्री हेमकुण्ड धाम पहुंचते है ।अपने साथ तीर्थयात्री हेमकुण्ड के पैदल सफर के लिए पालस्टिक पैकिंग में पानी की बोतले और खाने पीने की चीजें साथ ले जाते है ,जिसके बाद वापसी में श्रदालू खाली बोतलों को खाद्य सामाग्री की पालीथीनो को हेमकुण्ड में ही छोड़ आते है ।जिससे प्रतिवर्ष हेमकुण्ड में गंदगी का ढेर बढ़ता जा रहा है।जिससे हेमकुण्ड के परिस्थितिक तंत्र पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है ।
Last Updated :Jul 6, 2019, 9:09 AM IST
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