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Karnaprayag Cracks: 'हम कहां जाएंगे...' जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग के 25 घरों में दिखीं दरारें

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Published : Feb 6, 2023, 3:52 PM IST

Updated : Feb 6, 2023, 4:09 PM IST

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चमोली के जोशीमठ भू-धंसाव के बाद सरकार इलाके में आपदा से निपटने की तैयारी में लगी हुई है. वहीं कर्णप्रयाग में भी जोशीमठ जैसे हालत बनते हुए दिख रहे हैं. कर्णप्रयाग की स्थिति ये है कि यहां भी करीब 25 घरों में बड़ी दरारें आ चुकी हैं, जिसमें आठ घर रहने लायक नहीं बचे हैं. ऐसे में इन घरों में रहने वाले लोग पूछ रहे हैं कि अब हम कहां जाएंगे...

चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर के बाद कर्णप्रयाग में भी हालत बेहद खराब होते जा रहे हैं. कर्णप्रयाग में भी कई घरों आईं दरारें चौड़ी हो गई है. तहसील प्रशासन में करीब 25 घरों में बड़ी दरारें मिली हैं, जिनमें से आठ घर बेहद असुरक्षित पाए गए हैं. प्रशासन ने इन आठ इमारतों को असुरक्षित घोषित कर दिया. वहीं, प्रभावित परिवारों ने भवन खाली कर दिए, उन्हें कर्णप्रयाग नगर पालिका के रैन बसेरों में स्थानांतरित कर दिया गया.

  • Uttarakhand | Visuals from Karnprayag cracks appeared on buildings and they were damaged due to land subsidence.

    Karnprayag Tehsildar Surendra Dev says that 38 families have been affected due to cracks in their houses in Bahugunanagar of Karnprayag. pic.twitter.com/B1envv905T

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, तहसीलदार सुरेंद्र देव का यह भी कहना है कि मकान खाली करने के बाद सभी प्रभावित परिवारों को नगर पालिका के रैन बसेरों और आईटीआई कॉलेज की कक्षाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है. इनमें से आठ परिवारों को जनवरी में शिफ्ट किया गया था. कर्णप्रयाग के बहुगुणानगर में घरों में दरारें आने से 38 परिवार प्रभावित हुए हैं.
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इसके साथ ही प्रशासन और एक्सपर्ट की संयुक्त टीम ने भी बदरीनाथ हाईवे के पास स्थित आईटीआई क्षेत्र के बहुगुणा नगर और सब्जी मंडी ऊपरी हिस्से में भू-धंसाव से क्षतिग्रस्त हुए भवनों का निरीक्षण किया, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेग.

बता दें कि उत्तराखंड के कई गांवों में जोशीमठ जैसे हालत बने हुए हैं. जोशीमठ में तो असुरक्षित भवनों को तोड़ने का काम किया जा रहा है. जोशीमठ शहर का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा भू-धंसाव की चपेट में है. इस इलाके में करीब 800 से ज्यादा घरों में दरारें पड़ चुकी है. हालांकि बीते दिनों ही विशेषज्ञों की टीम ने जोशीमठ के भूघंसाव की रिपोर्ट शासन को भेजी है, जिसको लेकर शासन अध्ययन कर रहा है, लेकिन जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग में जिस तरह के हालत बने है, उसने सरकार और स्थानीय लोगों की चिंता एक बार फिर बड़ा दी है.
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Last Updated :Feb 6, 2023, 4:09 PM IST
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