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ईको टूरिज्म पसंद है तो उत्तराखंड के चमोली आएं, रूपकुंड ट्रेक को देखकर मचल जाएगा मन

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 19, 2023, 10:20 AM IST

Roopkund trip
रूपकुंड ट्रेक

Roopkund will become eco tourism hub अगर आप ईको टूरिज्म के शौकीन हैं तो उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित रूपकुंड ट्रेक आपका इंतजार कर रहा है. अद्भुत पौराणिक और ऐतिहासिक रहस्यों को समेटे रूपकुंड का चमोली के डीएम ने दौरा किया. इस दौरान उन्होंने रूपकुंड ईको विकास समिति का गठन करते हुए स्थानीय युवाओं को नेचर गाइड के रूप में प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए. Roopkund trip

चमोली: उत्तराखंड के इस दूरस्थ और दुर्गम जिले की सीमा चीन के कब्जे वाले तिब्बत से मिलती हैं. चमोली में समुद्र तल से 5,029 मीटर या 16,499 फीट की ऊंचाई पर रूपकुंड स्थित है. रूपकुंड और इसके आसपास के इलाकों को ईको टूरिज्म के लिए विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. इसी के तहत चमोली के डीएम ने रूपकुंड की यात्रा की.

Roopkund trip
रूपकुंड ट्रेक ईको टूरिज्म हब बनेगा

चमोली के डीएम ने किया रूपकुंड का दौरा: चमोली जिले में धार्मिक, साहसिक एवं ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की भरपूर संभावनाएं हैं. इन ट्रैक मार्ग पर जरूरी सुविधाओं के विकास हेतु जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने पहल की है. डीएम चमोली ने वन विभाग एवं संबधित एजेंसियों के साथ प्रसिद्व रूपकुंड ट्रैक का चार दिवसीय भ्रमण किया. इस दौरान करीब 60 किलोमीटर कठिन पैदल दूरी तय कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी ने वन क्षेत्रों में ईको टूरिज्म के लिए नए स्थल विकसित करने पर जोर दिया.

रूपकुंड के लिए ईको टूरिज्म शुरू करने की पहल: जिलाधिकारी ने देवाल ब्लॉक के कुलिंग गांव से रूपकुंड की पैदल ट्रेकिंग शुरू की. कुलिंग से दीदना, वेदनी बुग्याल, पाथरनचीना, भगवावासा होते हुए जिलाधिकारी रूपकुंड पहुंचे. जिलाधिकारी ने रूपकुंड ट्रैक का विकास और रख रखाव करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही इस ट्रेक पर ईको टूरिज्म संचालित करने का निर्देश भी दिया. जिलाधिकारी ने रूपकुंड ईको साइट्स के विकास में प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करने को कहा.

Roopkund trip
चमोली के डीएम ने रूपकुंड की यात्रा की

ईको विकास समिति गठित: रूपकुंड क्षेत्र में ईको विकास समिति का गठन करते हुए स्थानीय युवाओं को नेचर गाइड के रूप में प्रशिक्षित करने के निर्देश भी डीएम ने दिए. ताकि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अतिरिक्त अवसर मिल सकें. चार दिवसीय भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी ने सुदूरवर्ती गांव दीदना में स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुनीं और उनके निराकरण हेतु संबधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया.

रूपकुंड में हैं कई अनसुलझे रहस्य: बताते चलें कि प्रसिद्व नंदादेवी राजजात यात्रा हर 12 साल में कर्णप्रयाग के पास नौटी गांव से रूपकुंड के पास होमकुंड तक आयोजित की जाती है. जबकि हर साल कुरुड़ से वेदनी तक मां नंदा की यात्रा होती है. इस कठिन पवित्र यात्रा में हजारो लोग शामिल होते हैं. रूपकुंड ट्रेक मार्ग सोलो ट्रेकिंग और एडवेंचर ट्रेकिंग के लिए भी जाना जाता है. सुंदर चोटियों के बीच स्थित रूपकुंड झील में कई अनसुलझे रहस्य समाए हुए हैं. यहां पुरा पाषाण काल के मानव कंकाल और घोड़ों के अवशेष मिलते रहते हैं. रूपकुंड ट्रेक पर दूर-दूर तक घने जंगल हैं. यहां से त्रिशूली और नन्दाघुंघटी पर्वत श्रृंखलाएं दिखाई देती हैं. चारों तरफ पर्वतों की घाटियां इस जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बना देती हैं.
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