ETV Bharat / state

रैणी आपदाः तपोवन टनल से मिला एक और शव, एक हफ्ते के भीतर तीसरी लाश बरामद

author img

By

Published : Feb 22, 2022, 4:48 PM IST

raini disater
तपोवन टनल से मिला एक और शव

रैणी आपदा के एक साल बाद भी तपोवन टनल से शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. एक हफ्ते के भीतर तीन शव बरामद हो चुके हैं. आज भी तपोवन टनल से जोशीमठ के एक युवक का शव मिला है.

चमोलीः रैणी आपदा को एक साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी भी शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. आज जल विद्युत परियोजना एनटीपीसी के टनल से एक और शव बरामद हुआ है. अभी तक 138 लोगों के शव मिल चुके हैं.

गौर हो कि 7 फरवरी 2021 को रैणी गांव में आई भीषण आपदा के बाद ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले कई कर्मचारियों और मजदूरों की सैलाब की चपेट में आने से मौत हो गई थी. सेना, ITBP, NDRF और SDRF की ओर से टनल के अंदर रेस्क्यू चलाकर कई शवों को बरामद किया गया था, लेकिन अभी भी टनल के अंदर जैसे-जैसे मलबा साफ हो रहा है. वैसे-वैसे मलबे के अंदर शव नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः चमोली आपदा के बाद से हिमालय में हो रही हलचल तबाही का संकेत तो नहीं?

एक हफ्ते के भीतर 3 शव बरामदः एक हफ्ते के भीतर आज तीसरा शव मिला है. एनटीपीसी के टनल के अंदर से आज यानी मंगलवार को एक और शव मिला है. शव की पहचान जोशीमठ के रविग्राम निवासी दीपक टम्टा के रूप में हुई है. अभी तक लापता 205 लोगों में से 138 शव मिल चुके हैं. इससे पहले बीती 21 फरवरी को तपोवन टनल से एक शव बरामद हुआ था. शव की पहचान जोशीमठ ब्लॉक के किमाणा गांव निवासी 21 वर्षीय रोहित भण्डारी के रूप में हुई है. पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया है.

15 फरवरी को भी मिला था एक शवः बीती 15 फरवरी को भी तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना 520 मेगावाट की निर्माणाधीन टनल के अंदर से एक और शव बरामद हुआ था. शव की पहचान ऋषिकेश निवासी गौरव के रूप में हुई थी. गौरव एनटीपीसी में इंजीनियर के पद पर तैनात थे. कंपनी के कर्मचारियों ने ही शव की शिनाख्त की.

बता दें कि बीते साल यानी 7 फरवरी 2021 को चमोली के तपोवन क्षेत्र में रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में आए जल सैलाब से भारी तबाही मची थी. जिसकी चपेट में आने से ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना और एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना में कार्यरत 205 लोगों की मौत हो गई थी. अभी भी कई लोग लापता चल रहे हैं. इस तबाही का जख्म अभी भी नहीं भर पाया है.

ये भी पढ़ेंः रैणी आपदा@1 सालः भयानक त्रासदी को याद कर सिहर जाते हैं लोग, अभी भी सता रहा खतरा

ऋषिगंगा नदी से आई आपदा: रौंथी कैचमेंट से आए इस मलबे ने ऋषिगंगा नदी पर स्थित 13.2 मेगावाट क्षमता वाले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट को तबाह कर दिया. इसके साथ ही रैणी गांव के पास ऋषिगंगा नदी पर नदी तल से करीब 70 मीटर ऊंचाई पर बना एक बड़ा पुल भी बह गया था, जिससे नदी के ऊपर के गांवों और सीमावर्ती क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित हो गई और फिर यह मलबा आगे बढ़ते हुए तपोवन परियोजना को भी क्षतिग्रस्त कर गया.

तपोवन हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट धौलीगंगा नदी पर 520 मेगावाट क्षमता की परियोजना थी. चमोली आपदा के दौरान तपोवन एचईपी में करीब 20 मीटर और बैराज गेट्स के पास 12 मीटर ऊंचाई तक मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर जमा हो गए थे. जिससे इस प्रोजेक्ट को भी काफी नुकसान पहुंचा था. इस आपदा ने न सिर्फ 204 लोगों की जान ले ली, बल्कि अपने रास्ते में आने वाले सभी बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया. आपदा में करीब 1,625 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.