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25 साल बाद भी बागेश्वर जिला अस्पताल के पास खुद का भवन नहीं, CHC में हो रहा संचालन

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Published : Jan 18, 2022, 4:30 PM IST

Updated : Jan 18, 2022, 5:18 PM IST

Bageshwar District Hospital
बागेश्वर जिला अस्पताल

बागेश्वर जिला अस्पताल अभी भी सीएचसी के भवन में संचालित हो रहा है. आलम तो ये है कि 25 साल बीत जाने के बाद भी जिला अस्पताल के पास खुद का भवन तक नहीं है. जबकि, इन 25 सालों में कई विधायक बदले, लेकिन अस्पताल के लिए भवन नहीं बना पाए.

बागेश्वरः उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है. आलम यह है कि अस्पतालों के पास खुद के भवन तक नहीं हैं. ऐसा ही हाल बागेश्वर जिला अस्पताल का है. जहां 25 साल बाद भी जिला अस्पताल के भवन का निर्माण नहीं हुआ है. इन 25 सालों में कांग्रेस, बीजेपी की सरकारें और विधायक रहे. इतना ही नहीं जिले से एक विधायक तो स्वास्थ्य मंत्री भी रहे, लेकिन कोई भी सरकार और जनप्रतिनिधि जिला अस्पताल के भवन का निर्माण नहीं करा पाई. ऐसे में जिला अस्पताल, सीएचसी के भवन में चल रहा है.

बता दें कि 15 सितंबर 1997 को अल्मोड़ा से अलग होकर बागेश्वर जिला अस्तित्व में आया. जिसके बाद जिला अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन में संचालित किया गया. लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही जिला अस्पताल का अपना परिसर बनेगा और इलाज कराने के लिए सुविधा मिलेगी, लेकिन साल दर साल बीतते गए. जिला अस्पताल का भवन नहीं बना. चुनावी साल में भी जिला अस्पताल की कोई चर्चा नहीं हो रही है.

बागेश्वर जिला अस्पताल के पास खुद का भवन नहीं.

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जिला अस्पताल आज भी भीड़भाड़ वाले इलाके में अभावों के बीच सीएचसी के भवन में संचालित हो रहा है. व्यस्ततम इलाके में जिला अस्पताल संचालित होने से मरीजों के साथ ही अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सीएचसी के भवन में डॉक्टरों के लिए पर्याप्त कक्ष नहीं हैं. ज्यादातर जिला अस्पताल को जाने वाली सड़क पर जाम भी लगता है.

जिला गठन के बाद कई सरकारें बदलीं, कई जनप्रतिनिधि चुने गए, लेकिन बागेश्वर जिला अस्पताल का अपना भवन नहीं बना. जिला गठन के समय बीजेपी के नारायण राम दास विधायक थे. वह अंतरिम सरकार में मंत्री रहे. राज्य गठन के बाद जिले में एक के स्थान पर तीन सीटें हो गई. कपकोट सीट से साल 2002 में बीजेपी के भगत सिंह कोश्यारी विधायक चुने गए. बागेश्वर से कांग्रेस के राम प्रसाद टम्टा मंत्री चुने गए. वो एनडी सरकार में मंत्री रहे. कांडा सीट से कांग्रेस के उमेद सिंह माजिला विधायक चुने गए.

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वर्ष 2007 में कपकोट सीट से बीजेपी के भगत सिंह कोश्यारी विधायक चुने गए. कोश्यारी के साल 2009 में राज्यसभा सदस्य बनने के बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी के शेर सिंह गढ़िया विधायक चुने गए. कांडा सीट से बलवंत सिंह भौर्याल विधायक चुने गए. वो पहले खंडूरी सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री और फिर निशंक सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे. बागेश्वर सीट से चंदन राम दास विधायक बने.

साल 2012 में बागेश्वर से बीजेपी के चंदन राम दास, कपकोट से कांग्रेस के ललित फर्स्वाण विधायक चुने गए. कांडा सीट समाप्त हो गई. 2017 में बागेश्वर से बीजेपी के चंदन राम दास और कपकोट सीट से बीजेपी के बलवंत सिंह भौर्याल विधायक चुने गए. यह जनप्रतिनिधि जिले की जनता के स्वास्थ्य देखभाल से सीधे सरोकार रखने वाले जिला अस्पताल का भवन नहीं बनवा पाए.

CM धामी ने भवन बनाने की घोषणा, शासनादेश जारी नहींः हाल ही में यानी बीती 13 अक्टूबर 2021 को जिले के दौरे पर आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर जिला अस्पताल का अलग से भवन बनाने की घोषणा की. खोली में बेस अस्पताल के लिए चयनित भूमि में जिला अस्पताल का भवन बनाने की घोषणा भी गई, लेकिन आचार संहिता लगने से पहले इसका शासनादेश जारी नहीं हुआ.

Last Updated :Jan 18, 2022, 5:18 PM IST
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