ETV Bharat / state

उत्तरकाशी में दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था, 1.87 लाख महिलाओं पर एक स्त्री रोग विशेषज्ञ

author img

By

Published : Jul 26, 2021, 6:31 PM IST

उत्तरकाशी में चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि जनपद में 1 लाख 87 हजार 327 महिलाओं पर मात्र एक स्त्री रोग विशेषज्ञ है.

one-gynecologist-for-1-lakh-87-thousand-327-women
दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था

उत्तरकाशी: केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार महिलाओं और गर्भवती के स्वास्थ्य कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाती हैं. करोड़ों का बजट स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर खर्च किया जाता है. इसके उलट धरातल पर स्थिति बहुत ही दयनीय है. पहाड़ों की बात करें, तो यहां हर साल कितनी ही गर्भवती और नवजात सही समय पर इलाज नहीं मिलने से दम तोड़ देते हैं.

ऐसे में शायद ही इन मौतों के पुख्ता आंकड़े नीति नियंताओं और हुक्मरानों के पास होंगे. प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है, ये आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि सीमांत जिला उत्तरकाशी में 1 लाख 87 हजार 327 महिलाओं पर मात्र एक स्त्री रोग विशेषज्ञ है. ऐसे में पहाड़ में गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलने की उम्मीद करना वर्तमान में बेकार साबित होगी.

दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था

उत्तरकाशी जनपद की बात करें तो जिला मुख्यालय स्थित महिला अस्पताल में 3 स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद सृजित हैं. लेकिन वहां केवल एक ही स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात है. वहीं, जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़, बड़कोट, नौंगांव, पुरोला में 4 पद स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित कुल 7 पद सृजित हैं. जबकि धरातल पर यहां एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनात नहीं है.

ये भी पढ़ें: NH 9 निर्माण कंपनी और MLA फर्त्याल में विवाद, RGBL समेत कई कंपनियों का कार्य बहिष्कार

वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी महिला चिकित्सक नहीं है. यही कारण है कि जनपद में गर्भवती महिलाओं और नवजात के दम तोड़ने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है. जब भी कोई गर्भवती महिला दम तोड़ती है तो उसकी आवाज खबरों और सोशल मीडिया में कुछ दिन उठती है, लेकिन नीति नियंताओं और निर्धारकों की बेरुखी के चलते प्रसव का मतलब मौत ही होता है.

स्वास्थ्य विभाग के पास भी आंकड़े नहीं हैं कि लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के कारण कितनी प्रसूताओं ने दम तोड़ा है. इसका एक कारण यह भी है कि जनपद में इलाज न मिलने पर गर्भवती महिलाओं को रेफर कर दिया जाता है. उसके बाद यह किसी को पता नहीं होता कि वह गर्भवती जीवित वापस लौटेगी भी या नहीं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.