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बग्वाली मेले में दिखी लोक संस्कृति की छटा, पुरानी धरोहरों को सहेजने पर दिया गया जोर

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Published : Oct 30, 2019, 11:42 PM IST

द्वाराहाट के बग्वाली पोखर के बग्वाली मेले में लोक संस्कृति के संरक्षण और पुरानी धरोहरों को सहेजने पर जोर दिया गया. जिसमें लोक कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुति दी.

बग्वाली मेला

द्वाराहाटः बग्वाली पोखर के ऐतिहासिक मेले के दूसरे दिन लोक संस्कृति की छटा देखने को मिली. इस दौरान विभिन्न स्कूल के छात्र-छात्राओं और स्थानीय कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. वहीं, कार्यक्रम में लोक संस्कृति के संरक्षण और पुरानी धरोहरों को सहेजने पर बल दिया गया.

बग्वाली मेले में आयोजकों ने एसडीएम सीमा विश्वकर्मा को स्मारिका बग्वाल और लोक प्रकृति संस्था की विवरण पुस्तिका समेत स्मृति चिह्न भेंट किया. इस दौरान एसडीएम विश्वकर्मा ने कहा कि मेले के पौराणिक रूप को यथावत रखते हुए अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से मेले को आकर्षक बनाया गया है.

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साथ ही उन्होंने कहा कि लोक प्रकृति संस्था ने क्षेत्र में एक अच्छी पहल की है. इससे लोक संस्कृति के संरक्षण के साथ पुरानी धरोहरों को सहेजने में मदद मिलेगी. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेला परिसर में ही मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी. जिसमें कई डॉक्टरों ने मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया.

Intro:*बग्वाली मेले में देर रात तक चले कार्यक्रम*

बग्वालीपोखर। बग्वालीपोखर के ऐतिहासिक मेले के दूसरे दिन रंगारंग कार्यक्रमों का बोलबाला रहा। सुबह 11 बजे से देर रात तक विविध कार्यक्रम चलते रहे। स्कूली बच्चों से लेकर क्षेत्रीय कलाकार और संस्कृति विभाग एवं सूचना व प्रसारण विभाग से आई सांस्कृतिक टीमों ने पूरे दिन भर रंग जमा कर रखा। मेले में इन सांस्कृतिक टीमों ने दी अपनी प्रस्तुतियां
*मल्लिका लोक कला समिति, हल्द्वानी*
*हिमाद्री नेट, अल्मोड़ा*
*हिमालयन लोक कला केंद्र, अल्मोड़ा*

डीएम अल्मोड़ा की प्रतिनिधि एसडीएम सदर अल्मोड़ा सीमा विश्वकर्मा, तहसीलदार सतीश बर्थवाल आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी कुंदन सिंह मेहता ने की। एसडीएम सीमा विश्वकर्मा को बग्वाली मेले की स्मारिका *बग्वाल* और *लोक प्रकृति* की विवरण पुस्तिका एवं स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। एसडीएम ने कहा कि मेला आयोजकों ने मेले के पौराणिक रूप को यथावत रखते हुए अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से मेले को बहुत आकर्षक बनाया है।
साथ ही उन्होंने लोक प्रकृति संस्था के बारे में कहा कि संस्था ने क्षेत्र में एक अच्छी पहल की है। इससे लोक संस्कृति के संरक्षण के साथ ही पुरानी धरोहरों को सहेजने में मदद मिलेगी। उन्होंने इसके लिए संस्था के अध्यक्ष डॉ दीपक मेहता के प्रयासों की भी सराहना की।
मेले में संस्कृति विभाग, सूचना एवं प्रसारण विभाग के सौजन्य से मल्लिका लोक कला समिति, हिमाद्री नेट, हिमालयन लोक कला केंद्र आदि सांस्कृतिक टीमें मेले में कार्यक्रम प्रस्तुत कर रही हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय कलाकारों एवं ज्ञानोदय शिक्षा केन्द्र बासुलीसेरा सहित विभिन्न विद्यालयों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी मेले में दी। दीक्षा मॉन्टेशरी स्कूल व जीजीआईसी बग्वालीपोखर, दिव्य ज्योति पब्लिक स्कूल आदि स्कूलों के बच्चों ने भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
मेले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेला परिसर में ही चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी। जिसमें डॉ ललित पंत, वरिष्ठ फार्मासिस्ट गोविंद मेहता सहित स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम उपस्थित थी।
मेले में मेला समिति के अध्यक्ष सु. मेजर हरीश भंडारी, सचिव प्रमोद जोशी, कोषाध्यक्ष विनोद अधिकारी, उपाध्यक्ष रमेश नेगी, सांस्कृतिक सचिव डॉ दीपक मेहता, सन्तोष बिष्ट, पोखरम के निदेशक त्रिभुवन बिष्ट, जगत सिंह भण्डारी, जीवन अधिकारी, मोहन सिंह भण्डारी, कुंदन सिंह, लोकेश अधिकारी, वीरेंद्र सिंह, अजय नेगी, बलवीर भंडारी, अर्जुन बिष्ट, जीवन अधिकारी, शिवदत्त पांडे, भानू जोशी, डीडी जोशी, चंद्रशेखर अधिकारी, भूपाल सिंह, मनोज पांडे, मेला समिति के पूर्व अध्यक्ष हरीश भंडारी आदि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मोहन भंडारी व डॉ संतोष बिष्ट ने किया।

बाइट
शिव दत्त पांडे जी, सेवानिवृत्त शिक्षकBody:*बग्वाली मेले में देर रात तक चले कार्यक्रम*

बग्वालीपोखर। बग्वालीपोखर के ऐतिहासिक मेले के दूसरे दिन रंगारंग कार्यक्रमों का बोलबाला रहा। सुबह 11 बजे से देर रात तक विविध कार्यक्रम चलते रहे। स्कूली बच्चों से लेकर क्षेत्रीय कलाकार और संस्कृति विभाग एवं सूचना व प्रसारण विभाग से आई सांस्कृतिक टीमों ने पूरे दिन भर रंग जमा कर रखा। मेले में इन सांस्कृतिक टीमों ने दी अपनी प्रस्तुतियां
*मल्लिका लोक कला समिति, हल्द्वानी*
*हिमाद्री नेट, अल्मोड़ा*
*हिमालयन लोक कला केंद्र, अल्मोड़ा*

डीएम अल्मोड़ा की प्रतिनिधि एसडीएम सदर अल्मोड़ा सीमा विश्वकर्मा, तहसीलदार सतीश बर्थवाल आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी कुंदन सिंह मेहता ने की। एसडीएम सीमा विश्वकर्मा को बग्वाली मेले की स्मारिका *बग्वाल* और *लोक प्रकृति* की विवरण पुस्तिका एवं स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। एसडीएम ने कहा कि मेला आयोजकों ने मेले के पौराणिक रूप को यथावत रखते हुए अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से मेले को बहुत आकर्षक बनाया है।
साथ ही उन्होंने लोक प्रकृति संस्था के बारे में कहा कि संस्था ने क्षेत्र में एक अच्छी पहल की है। इससे लोक संस्कृति के संरक्षण के साथ ही पुरानी धरोहरों को सहेजने में मदद मिलेगी। उन्होंने इसके लिए संस्था के अध्यक्ष डॉ दीपक मेहता के प्रयासों की भी सराहना की।
मेले में संस्कृति विभाग, सूचना एवं प्रसारण विभाग के सौजन्य से मल्लिका लोक कला समिति, हिमाद्री नेट, हिमालयन लोक कला केंद्र आदि सांस्कृतिक टीमें मेले में कार्यक्रम प्रस्तुत कर रही हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय कलाकारों एवं ज्ञानोदय शिक्षा केन्द्र बासुलीसेरा सहित विभिन्न विद्यालयों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी मेले में दी। दीक्षा मॉन्टेशरी स्कूल व जीजीआईसी बग्वालीपोखर, दिव्य ज्योति पब्लिक स्कूल आदि स्कूलों के बच्चों ने भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
मेले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेला परिसर में ही चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी। जिसमें डॉ ललित पंत, वरिष्ठ फार्मासिस्ट गोविंद मेहता सहित स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम उपस्थित थी।
मेले में मेला समिति के अध्यक्ष सु. मेजर हरीश भंडारी, सचिव प्रमोद जोशी, कोषाध्यक्ष विनोद अधिकारी, उपाध्यक्ष रमेश नेगी, सांस्कृतिक सचिव डॉ दीपक मेहता, सन्तोष बिष्ट, पोखरम के निदेशक त्रिभुवन बिष्ट, जगत सिंह भण्डारी, जीवन अधिकारी, मोहन सिंह भण्डारी, कुंदन सिंह, लोकेश अधिकारी, वीरेंद्र सिंह, अजय नेगी, बलवीर भंडारी, अर्जुन बिष्ट, जीवन अधिकारी, शिवदत्त पांडे, भानू जोशी, डीडी जोशी, चंद्रशेखर अधिकारी, भूपाल सिंह, मनोज पांडे, मेला समिति के पूर्व अध्यक्ष हरीश भंडारी आदि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मोहन भंडारी व डॉ संतोष बिष्ट ने किया।Conclusion:*बग्वाली मेले में देर रात तक चले कार्यक्रम*

बग्वालीपोखर (द्धाराहाट) बग्वालीपोखर के ऐतिहासिक मेले के दूसरे दिन रंगारंग कार्यक्रमों का बोलबाला रहा। सुबह 11 बजे से देर रात तक विविध कार्यक्रम चलते रहे। स्कूली बच्चों से लेकर क्षेत्रीय कलाकार और संस्कृति विभाग एवं सूचना व प्रसारण विभाग से आई सांस्कृतिक टीमों ने पूरे दिन भर रंग जमा कर रखा। मेले में इन सांस्कृतिक टीमों ने दी अपनी प्रस्तुतियां
*मल्लिका लोक कला समिति, हल्द्वानी*
*हिमाद्री नेट, अल्मोड़ा*
*हिमालयन लोक कला केंद्र, अल्मोड़ा*

डीएम अल्मोड़ा की प्रतिनिधि एसडीएम सदर अल्मोड़ा सीमा विश्वकर्मा, तहसीलदार सतीश बर्थवाल आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी कुंदन सिंह मेहता ने की। एसडीएम सीमा विश्वकर्मा को बग्वाली मेले की स्मारिका *बग्वाल* और *लोक प्रकृति* की विवरण पुस्तिका एवं स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। एसडीएम ने कहा कि मेला आयोजकों ने मेले के पौराणिक रूप को यथावत रखते हुए अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से मेले को बहुत आकर्षक बनाया है।


साथ ही उन्होंने लोक प्रकृति संस्था के बारे में कहा कि संस्था ने क्षेत्र में एक अच्छी पहल की है। इससे लोक संस्कृति के संरक्षण के साथ ही पुरानी धरोहरों को सहेजने में मदद मिलेगी। उन्होंने इसके लिए संस्था के अध्यक्ष डॉ दीपक मेहता के प्रयासों की भी सराहना की।


मेले में संस्कृति विभाग, सूचना एवं प्रसारण विभाग के सौजन्य से मल्लिका लोक कला समिति, हिमाद्री नेट, हिमालयन लोक कला केंद्र आदि सांस्कृतिक टीमें मेले में कार्यक्रम प्रस्तुत कर रही हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय कलाकारों एवं ज्ञानोदय शिक्षा केन्द्र बासुलीसेरा सहित विभिन्न विद्यालयों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी मेले में दी। दीक्षा मॉन्टेशरी स्कूल व जीजीआईसी बग्वालीपोखर, दिव्य ज्योति पब्लिक स्कूल आदि स्कूलों के बच्चों ने भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
मेले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेला परिसर में ही चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी। जिसमें डॉ ललित पंत, वरिष्ठ फार्मासिस्ट गोविंद मेहता सहित स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम उपस्थित थी।


मेले में मेला समिति के अध्यक्ष सु. मेजर हरीश भंडारी, सचिव प्रमोद जोशी, कोषाध्यक्ष विनोद अधिकारी, उपाध्यक्ष रमेश नेगी, सांस्कृतिक सचिव डॉ दीपक मेहता, सन्तोष बिष्ट, पोखरम के निदेशक त्रिभुवन बिष्ट, जगत सिंह भण्डारी, जीवन अधिकारी, मोहन सिंह भण्डारी, कुंदन सिंह, लोकेश अधिकारी, वीरेंद्र सिंह, अजय नेगी, बलवीर भंडारी, अर्जुन बिष्ट, जीवन अधिकारी, शिवदत्त पांडे, भानू जोशी, डीडी जोशी, चंद्रशेखर अधिकारी, भूपाल सिंह, मनोज पांडे, मेला समिति के पूर्व अध्यक्ष हरीश भंडारी आदि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मोहन भंडारी व डॉ संतोष बिष्ट ने किया।
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