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आर्थिक संकट से जूझ रहे लोक कलाकार, सहायता राशि को बताया- ऊंट के मुंह में जीरा

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Published : Aug 16, 2020, 3:35 PM IST

सरकार की उपेक्षा से नाराज लोक कलाकारों ने हुड़के की थाप और गीतों के माध्यम से सांकेतिक प्रर्दशन किया. उनका कहना है कि सरकार ने तीन महीने में महज एक हजार रुपये की सहायता राशि दी है. जो नाकाफी है.

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लोक कलाकार

अल्मोड़ाः कोरोना सकंट का बड़ा असर लोक कलाकारों पर भी पड़ा है. इनदिनों लोक कलाकार बेरोजगारी और आर्थिक तंगी जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने भी एक हजार की आर्थिक सहायता कर इतिश्री कर दी है. जिससे लोक कलाकारों में सरकार के प्रति नाराजगी है. जिसे लेकर अल्मोड़ा में लोक कलाकारों ने हुड़के की थाप और गीतों के माध्यम से सांकेतिक प्रर्दशन कर सरकार पर तंज कसा और सहायता राशि को ऊंट के मुंह में जीरा बताया.

आर्थिक संकट से जूझ रहे लोक कलाकार.

कुमाऊं लोक कलाकार महासंघ ने प्रदेश सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने कलाकारों को चार महीने में 1 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है, जो कि कलाकारों के साथ एक मजाक जैसा है. भला चार महीने में एक हजार से वो कैसे परिवार चला पाएंगे.

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महासंघ के महासचिव गोपाल चम्याल का कहना है कि कोरोना के कारण बीते पांच महीनों से शादी-विवाह, सांस्कृतिक आयोजन, मेले समेत तमाम आयोजन बंद हो गए हैं. इससे कलाकारों पर आर्थिक संकट गहरा गया है, लेकिन सरकार तीन महीने में एक हजार की आर्थिक सहायता देकर कलाकारों का अपमान कर रही है.

वहीं, कलाकारों ने राज्य सरकार से 3 हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता देने की मांग की. साथ ही सम्मान जनक आर्थिक सहायता नहीं देने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है. लोक कलाकारों का कहना कि कोरोना काल में उनके लिए राज्य सरकार ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो कुमाऊं और गढ़वाल से कलाकारों को एकजुट कर आंदोलन की नींव रखी जाएगी.

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