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यूपी में 40 फीसदी महिलाओं को भागीदारी, क्या कांग्रेस उत्तराखंड में भी देगी ये जिम्मेदारी ?

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Published : Jan 15, 2022, 11:14 AM IST

Updated : Jan 15, 2022, 2:37 PM IST

uttarakhand assembly election 2022
महिलाओं को टिकट में रिजर्वेशन

प्रियंका गांधी और कांग्रेस का नारा 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' इन दिनों खूब चर्चा में है. यूपी में कांग्रेस ने 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने का फैसला किया है. अब उत्तराखंड की महिलाएं भी उम्मीद कर रही हैं कि कांग्रेस यहां भी 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दे. क्या कांग्रेस ऐसा कर पाएगी. पेश है हमारी खास रिपोर्ट.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है. उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान है. पार्टियां लोक लुभावन घोषणाएं कर रही हैं. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को लुभाने का प्रयास किया है. देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का आधी आबादी पर अपना अलग मापदंड है. उत्तर प्रदेश के लिए प्रियंका गांधी 40% महिलाओं की हिस्सेदारी प्रत्याशी के तौर पर रखने का दावा कर चुकी हैं. इससे उत्तराखंड में भी महिलाओं की उम्मीद बढ़ गई है. हालांकि आधी आबादी को लेकर 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का फॉर्मूला यूपी में चलाने वाली कांग्रेस उत्तराखंड में इस मामले पर कुछ अलग रणनीति चलाती दिख रही है.

क्या कांग्रेस से 40 फीसदी महिलाओं को टिकट मिलेगा? : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने के ऐलान से उत्तर प्रदेश में आधी आबादी की बांछें खिल गई हैं. लेकिन यूपी में महिलाओं के चेहरों को मुस्कान देने वाली यह घोषणा उत्तराखंड की महिला कांग्रेसियों के लिए महज एक उम्मीद से ज्यादा कुछ नहीं. स्थिति यह है कि उत्तराखंड में प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष का ही टिकट खतरे में दिखाई दे रहा है. यही नहीं 2017 में जिन महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया गया था, उनके टिकट पर भी संकट साफ महसूस किया जा सकता है. सबसे पहले जानिए कि 2017 में उत्तराखंड कांग्रेस ने टिकट को लेकर महिलाओं को कितनी तवज्जो दी और क्यों इस बार उन विधानसभा सीटों पर महिलाओं के टिकट कटने का अंदेशा है.

महिलाओं को 40 फीसदी सीटों की उम्मीद

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में 8 महिलाओं को टिकट: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस ने 8 महिलाओं को टिकट दिया था. हालांकि इनमें से सिर्फ दो महिलाएं ही विधानसभा चुनाव जीत पाईं. इस तरह 2017 में कांग्रेस की ओर से सिर्फ दो महिलाएं विधायक बन सकीं. कांग्रेस ने रुद्रप्रयाग, मसूरी, सितारगंज, बाजपुर, भगवानपुर, सल्ट, नैनीताल और हल्द्वानी विधानसभा सीट से महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था प्रत्याशी.

उत्तराखंड में कांग्रेस की चुनाव जीतने वाली महिलाएं: कांग्रेस ने 8 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को टिकट तो दिए लेकिन जीत सिर्फ दो सीटों पर ही मिली. कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं इंदिरा हृदयेश ने अपनी पारंपरिक सीट हल्द्वानी से जीत हासिल की. इंदिरा हृदयेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनीं. उधर हरिद्वार जिले की भगवानपुर सीट से ममता राकेश चुनाव जीतीं थीं. कांग्रेस की हल्द्वानी सीट जो जीत पक्की करती थी उस पर इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उनके बेटे सुमित हृदयेश को भी चुनौती मिल रही है.

नैनीताल विधानसभा सीट से सरिता आर्य के टिकट पर संकट: उधर नैनीताल सीट से सरिता आर्य ने कांग्रेस से टिकट मांगा है. लेकिन कम उम्मीद है कि सरिता आर्य को टिकट मिल पाएगा. यहां यशपाल आर्य ने अपने बेटे संजीव आर्य के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है. बेटे के टिकट की खातिर वो बीजेपी सरकार से कैबिनेट मंत्री का पद छोड़कर कांग्रेस में वापस आ गए. ऐसे में कांग्रेस की महिला उम्मीदवार सरिता आर्य को निराशा हाथ लग सकती है. दिलचस्प बात ये है कि पिछली बार जब यशपाल आर्य और संजीव दोनों पिता पुत्र कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए थे तो नैनीताल सीट से सरिता आर्य कांग्रेस की प्रत्याशी थीं.

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बाजपुर सीट से सुनीता टम्टा को मिलेगा टिकट ? : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस ने बाजपुर और नैनीताल सीट पर महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया था. इस बार अगर बाजपुर से यशपाल आर्य और नैनीताल से संजीव आर्य को टिकट मिला तो दोनों पिता-पुत्र कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगे. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में बाजपुर से कांग्रेस ने सुनीता टम्टा को टिकट दिया था. तब बीजेपी की ओर से मैदान में उतरे यशपाल आर्य ने उन्हें हराया था. इस बार कांग्रेस अगर यशपाल आर्य को टिकट देती है तो सुनीता टम्टा के लिए ये एक झटके से कम नहीं होगा.

उत्तराखंड कांग्रेस से 71 महिलाओं ने टिकट मांगा: सरिता आर्य का कहना है कि इस बार उत्तराखंड से 71 महिला दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया है. हालांकि महिला कांग्रेस के कोटे से देखा जाए तो कुल 20 महिलाओं के नाम शामिल हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी का उत्तर प्रदेश का मातृ शक्ति के लिए 40 फीसदी सीटों वाला फॉर्मूला उत्तराखंड में लागू हो पाएगा या नहीं ये देखना दिलचस्प होगा.

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उत्तराखंड की महिलाएं 20 फीसदी टिकट से खुश ! : वैसे तो प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की बात कही है. लेकिन उत्तराखंड कांग्रेस से जुड़ी महिलाएं प्रदेश में 20 फीसदी टिकट मिलने पर भी सहमत दिखाई दे रही हैं. उत्तराखंड कांग्रेस की महिला नेताओं का कहना है कि यदि उत्तराखंड में 20 फीसदी महिलाओं को भी टिकट मिला तो वे पार्टी हाईकमान की आभारी रहेंगी. आपको बता दें कि इस लिहाज से प्रदेश में करीब 14 टिकट महिलाओं को देने पड़ेंगे. जबकि 2017 में केवल 8 टिकट ही पार्टी ने दिए थे. इस लिहाज से 2022 में उत्तराखंड कांग्रेस की महिला नेता इस बार दोगुने से थोड़ा कम टिकट की उम्मीद कर रही हैं.

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महिलाओं की भागीदारी

उत्तराखंड में कुल 82,37,886 मतदाता हैं. इसमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 42,24,288 है तो महिला मतदाताओं की संख्या भी 39,19,334 है. यानी वाकई प्रदेश में महिला मतदाताओं की करीब आधी आबादी मौजूद है. इसी संख्या की बदौलत सभी पार्टियां महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की घोषणा करके इस वोट बैंक को हासिल करना चाहती हैं.

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बहरहाल उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी ने आधी आबादी को टिकट के जरिए साधने की कोशिश की तो उत्तराखंड की महिलाओं को भी इससे नई उम्मीद जगी है. कांग्रेस ने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का स्लोगन देकर आधी आबादी को उत्तर प्रदेश में साधने की कोशिश की है. अब उत्तराखंड की महिलाएं इंतजार कर रही हैं कि कांग्रेस उन्हें लड़ने का मौका देती है या फिर ये सिर्फ प्रियंका गांधी और कांग्रेस का चुनावी नारा साबित होता है.

Last Updated :Jan 15, 2022, 2:37 PM IST
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