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रोशनी का पर्व दीपावली आज, दीयों से जगमगाएगा पूरा देश, ये है शुभ मुहूर्त

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Published : Nov 4, 2021, 6:09 AM IST

आज दीपावली है. दीपावली हिंदू संस्कृति के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. दीपों के इस उत्सव को पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लोगों को हर साल दिवाली के त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है. अमावस्या पर पड़ने वाले इस त्योहार को अंधेरे पर प्रकाश की, अज्ञान पर ज्ञान की, बुराई पर अच्छाई की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक माना जाता है.

Diwali festival
शुभ दीपावली

देहरादून: दीपावली पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं. शास्त्रों के अनुसार, दिवाली मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बेहद शुभ मानी जाती है.

क्यों मनाई जाती है दीवापली ?: माना जाता है कि जब भगवान राम रावण को हराकर और चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने पूरी अयोध्या को रोशनी से जगमगा दिया. यहां से ही भारतवर्ष में दीपावाली के त्योहार का चलन शुरू होना माना जाता है. एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था. तब से दीपावली मनाई जाती है.

दीपावली के दिन जन्मी थीं माता लक्ष्मी: एक और मान्यता के अनुसार माता लक्ष्मी आज उत्पन्न हुई थीं. माता लक्ष्मी धन की देवी हैं. हिंदू धर्म और शास्त्रों के अनुसार यह कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की अमावस्या के दिन समुद्र मंथन करते समय मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी. इसीलिए दीपावली के दिन माता लक्ष्मी का जन्मदिन मनाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है.

श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था: एक मान्यता श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर नामक राक्षस के वध से भी जुड़ी है. राक्षस राजा नरकासुर ने तीनों लोकों पर आक्रमण कर दिया था. वहां रहने वाले देवी-देवताओं पर अत्याचार कर रहा था. तब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. उसका वध करके श्रीकृष्ण ने 16,000 महिलाओं को उसके कैद से आजाद किया था. इस जीत की खुशी को 2 दिन तक मनाया गया था. इसमें दीपावली का दिन मुख्य है.

पांडवों की वापसी से भी जुड़ी है मान्यता: हिंदू धर्म के एक महाकाव्य महाभारत के अनुसार कार्तिक अमावस्या के ही दिन पांडव 12 साल के वनवास के बाद लौटे थे. उनके आने की खुशी में प्रजा ने उनका स्वागत घी के दीप जलाकर किया था.

ये तो दीपावली मनाने के बारे में जुड़ी अनेक मान्यताएं थीं. अब आपको बताते हैं कि दीपावाली के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.

दीपावली के दिन क्या करें: दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन की तैयारी सूर्योदय से पहले ही स्नान आदि से निवृत्त होकर कर लेनी चाहिए. ऐसा करने से शुभता की प्राप्ति होती है. पूजा से पहले घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करनी चाहिए. घर को फूल, आम के पत्तों और रंगोली आदि से सजाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है.

दीपावली पूजन में गाय के घी का इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं. गाय को इसीलिए हिंदू गौमाता कहते हैं. घर के प्रवेश द्वार के दोनों ओर दीपक जलाने चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. दीपावली पर कूड़ेदान के पास भी दीपक जलाने का विधान है. दीपावली पर गणेश-लक्ष्मी पूजा के दौरान लाल वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.

दीपावली के दिन क्या नहीं करना चाहिए: घर के प्रवेश द्वार पर कहीं भी गंदगी नहीं रहनी देनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि गंदगी होने से मां लक्ष्मी का घर में आगमन नहीं होता है. दिवाली के दिन किसी को तोहफे में चमड़े से बनी चीजें नहीं देनी चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं ऐसी मान्यता है.

पूजा में सफेद रंग के पुष्प का प्रयोग करना चाहिए. संभव हो तो कमल का फूल का इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी को कमल का पुष्प अतिप्रिय है. दीपावली के दिन किसी भी गरीब या जरूरतमंद को दरवाजे से खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है.

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ये है लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त: दीपावली पर पूजा करने का सबसे शुभ समय सूरज के डूबने के बाद का माना जाता है. इस बार लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त एक घंटे 55 मिनट की अवधि के लिए रहेगा. ये शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक चलेगा.

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