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सहकारी बैंक घोटाला: 'चक्रव्यूह' से कैसे बाहर निकलेंगे कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ?

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Published : Apr 14, 2022, 1:45 PM IST

नई सरकार आती है तो मंत्री बहुत खुश होकर जोश में अपने विभागों का काम करते हैं. लेकिन उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के लिए नई सरकार ही मुसीबत बन गई है. एक ओर उनके सहकारिता विभाग में हुए घोटाले की कड़ी जांच चल रही है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी आक्रामक अंदाज में धन सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. धन सिंह रावत घोटाले के चक्रव्यूह में से कैसे बाहर निकलेंगे, ये बड़ा सवाल है.

cabinet minister Dhan Singh Rawat
धन सिंह रावत समाचार

देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी की नई सरकार को बने अभी 20 दिन ही हुए हैं, लेकिन कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ऐसे चक्रव्यूह में फंस गए हैं कि उन्हें उससे निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा है. नई सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में मिले 5 विभागों का जश्न भी धन सिंह ठीक से नहीं मना पाए थे कि अप्रैल महीने की शुरुआत में ही सहकारिता विभाग के घोटाले का मामला जोर-शोर से उठ गया. सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी में हुई भर्तियों की सरकार सख्ती से जांच करा रही है. सहकारिता विभाग धन सिंह रावत के पास ही है.

क्या है सहकारिता विभाग का घोटाला: दरअसल सहकारिता विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की मार्च महीने में जो भर्तियां हुई हैं, उनमें घोटाले के आरोप लगे हैं. पुष्कर सिंह धामी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के हफ्ते भर के अंदर ही सहकारी बैंकों में हुई इन भर्तियों की जांच के आदेश दे दिए हैं. जांच जोर-शोर से चल रही है.
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अब तक क्या कार्रवाई हुई: उत्तराखंड में सहकारिता विभाग की ओर से जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता उजागर होने और जांच शुरू होने के बाद पहली गाज चार जिलों के जिला सहायक निबंधक (एआर) और चार महाप्रबंधकों (जीएम) पर गिरी. चारों एआर और तीन महाप्रबंधकों का तबादला कर दिया गया. डीसीबी देहरादून की महाप्रबंधक का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया.

चार जिलों में घोटाले का शक: इस मामले में सचिव सहकारिता मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिला सहकारी बैंक, देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और ऊधमसिंह नगर में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में हुई अनियमितता के संबंध में शासन की ओर से नियुक्त कमेटी जांच कर रही है.

धन सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने भी खोला मोर्चा: धन सिंह का सहकारिता विभाग न सिर्फ सरकारी जांच की आंच झेल रहा है बल्कि अब तो कांग्रेस ने भी इसे मुद्दा बना लिया है. कांग्रेस हर हाल में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का इस्तीफा चाहती है. कोई दिन ऐसा नहीं है जब उत्तराखंड की सड़कों पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का इस्तीफा नहीं मांगा जा रहा हो.

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महिला कांग्रेस भी मुखर: धन सिंह रावत के खिलाफ महिला कांग्रेस ने भी आंदोलन शुरू किया है. बुधवार को महिला कांग्रेस ने सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के देहरादून आवास के बाहर काफी देर तक धरना-प्रदर्शन किया. महिला कांग्रेस ने नारे लगाए- 'धन सिंह रावत तेरा कमाल, सहकारिता बैंक घोटाले में हुए मालामाल',. इन नारों की भाषा से ही समझा जा सकता है कि कांग्रेस कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के मामले पर जरा भी ढील देने के मूड में नहीं है.

स्वास्थ्य विभाग में घोटाले का भी आरोप लगा: उत्तराखंड कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने स्वास्थ्य विभाग को लेकर धन सिंह रावत पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया है. करण माहरा ने कुंभ मेले के दौरान करोड़ों की मशीनों की खरीद में गड़बड़ी की बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा केवल जांच करवाई जाती है, लेकिन उसका परिणाम कभी नहीं निकलता है. ऐसे में सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.

करण माहरा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से MRI मशीन खरीद में घोटाला किया गया. हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कई मशीनें खरीदी गईं, जिन में जमकर बंदरबांट की गई है. उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के दौरान 4 करोड़ की मशीन 9 करोड़ में खरीदी गई. करण माहरा ने इन तमाम मामलों की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. माहरा ने कहा कि केवल चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने काम किया है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के विभागों में घोटाले ही घोटाले हो रहे हैं. लिहाजा, धन सिंह रावत को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.

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अकेले पड़े धन सिंह रावत: अक्सर ऐसा होता है कि सरकार के किसी मंत्री या उसके विभाग पर अगर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है तो उनकी पार्टी या साथी मंत्री बचाव में आगे आते हैं. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से धन सिंह रावत के पक्ष में अभी तक एक भी बयान नहीं आया है. ऐसे में धन सिंह रावत अकेले पड़ते जा रहे हैं. दूसरी तरफ जांच के साथ ही कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है.

क्या चली जाएगी धन सिंह रावत की कुर्सी: उत्तराखंड में इन दिनों इस बात की जोरों से चर्चा है कि कथित सहकारी बैंक घोटाला धन सिंह रावत की कुर्सी ले जा सकता है. जिस तरह से कांग्रेस ने भी धन सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, ऐसे में आने वाले दिनों में कांग्रेस इसे और बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहेगी. करण माहरा कांग्रेस के नए-नवेले प्रदेश अध्यक्ष बने हैं. वो भी चाहेंगे कि एक कैबिनेट मंत्री का इस्तीफा करवाकर वो दिखाएंगे कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनमें दम है.

5 विभागों के कैबिनेट मंत्री हैं धन सिंह रावत: धन सिंह रावत अभी उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री हैं. उनके पास कुल 5 विभागों की जिम्मेदारी है. इन विभागों में विद्यालयी शिक्षा (बेसिक और माध्यमिक), संस्कृत शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग शामिल हैं. पिछली सरकार में भी धन सिंह रावत के पास सहकारिता और उच्च शिक्षा समेत 6 विभाग थे.

श्रीनगर सीट से चुनाव जीते हैं धन सिंह रावत: धन सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल की श्रीनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं. उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को चुनाव में पटखनी दी थी. धन सिंह रावत को कुल 29,618 वोट पड़े थे. गणेश गोदियाल को 29,031 मतों से ही संतोष करना पड़ा था. इस तरह धन सिंह रावत को 587 वोटों से जीत हासिल हुई थी.

तीन बार मुख्यमंत्री पद के लिए उछला था नाम: धन सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति का एक बड़ा नाम है. इतना बड़ा कि पिछले साल जब बीजेपी ने दो मुख्यमंत्री बदलकर तीसरे को गद्दी सौंपी तो दो बार धन सिंह रावत को ही मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया गया था. जब इस बार बीजेपी की नई सरकार बनी तो धामी के चुनाव हारने पर फिर से धन सिंह रावत के नाम की ही चर्चा थी.

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सहकारी बैंक घोटाले ने बिगाड़ी छवि: नई सरकार में भी धन सिंह रावत को कैबिनेट मंत्री के साथ 5 मंत्रालय दिए गए हैं. लेकिन सहकारी बैंक घोटाले ने बीजेपी के इस दिग्गज नेता की छवि तार-तार कर दी है. इस मामले की जांच चल ही रही है कि कांग्रेस ने स्वास्थ्य विभाग में भी घोटाले का आरोप लगाकर मामले को और संगीन बना दिया है. अब देखने वाली बात ये होगी कि कुशल राजनेता रहे धन सिंह रावत कैसे इस चक्रव्यूह से बाहर निकलते हैं.

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