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बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देकर भविष्य संवार रहीं वाराणसी की मीरा राय

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Published : Sep 5, 2021, 9:43 AM IST

बच्चों को दे रहीं नि:शुल्क शिक्षा
बच्चों को दे रहीं नि:शुल्क शिक्षा

शिक्षक दिवस(Teachers Day) के मौके पर आज हम आपको वाराणसी जिले के सिगरा इलाके की रहने वाली मीरा राय(Meera Roy) के बारे में बताएंगे जो बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देकर उनका भविष्य संवारने में लगी हैं. मीरा राय वर्तमान समय में लगभग 55 बच्चों को अपने घर बुलाकर के शिक्षा देने का काम कर रही हैं.

वाराणसी: भारत में हर साल 5 सितंबर को देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन शिक्षक दिवस(Teachers Day) मनाया जाता है. इस खास दिन स्कूलों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों का सम्मान करना है, जो समाज के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर के बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं. शिक्षक बच्चों को ना सिर्फ शिक्षा देते हैं बल्कि अच्छी बातें बताते हैं और जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं. किसी भी विद्यार्थी के लिए शिक्षक और शिक्षा का क्या महत्व है यह हम सबने पिछले दो सालों में देख ही लिया है.

आज हम आपको बताते हैं काशी की ऐसी ही शिक्षिका जो देश के भविष्य को बड़े ही करीने से संवार रहीं हैं. काशी की मीरा राय गरीब बस्तियों में रहने वाले बच्चों के भविष्य को संवार रही हैं. उन्हें निःशुल्क शिक्षित कर रही हैं. जिससे बच्चों का भविष्य सुनहरा हो सके और वह भी अपने सपने को पूरा कर सकें.

स्पेशल रिपोर्ट.

वाराणसी के सिगरा इलाके में रहने वाली मीरा राय(Meera Roy) बीते लगभग 30 सालों से शिक्षण का काम कर रही हैं. पहले वह एक निजी संस्थान में बच्चों को पढ़ाया करती थीं. शुरू से ही वह बच्चों के भविष्य को संवारने में जुटी हैं. समय के साथ उन्होंने वाराणसी के ग्रामीण इलाके में एक स्कूल को गोद लिया और वहां बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने लगीं. इसके बाद कोरोना काल में जब उन्होंने गरीब मलिन बस्ती में रहने वाले बच्चों को इधर-उधर भटकता देखा तो, उन्हें बुलाकर अपने घर पर ही शिक्षा देने लगीं. वर्तमान समय में मीरा लगभग 55 बच्चों को अपने घर बुलाकर के शिक्षा देती हैं और उनका भविष्य संवारने में लगी हैं.

बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि उन्हें बेहद गर्व महसूस होता है कि अब उनके बच्चे एक बेहतर शिक्षक के पास जाकर पढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि मीरा मैडम उनके बच्चों को नि:शुल्क और बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा रही हैं. इसके साथ ही उन बच्चों को एक बेहतर माहौल भी दे रही हैं, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके. उन्होंने बताया कि समय-समय पर हमारे बच्चों के लिए अलग-अलग सांस्कृतिक व बौद्धिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. मैडम की मदद से हमारे बच्चे एक अच्छे स्कूल में जा रहे हैं और उन्हें अच्छी शिक्षा मिल रही है.

मीरा बताती हैं कि बच्चे खेल खेल में पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं. इससे वह किसी भी कठिन विषय को सहजता से सीख भी लेते हैं. इसके लिए उन्होंने अलग-अलग कविता के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और उसका परिणाम भी बेहद सार्थक मिल रहा है. खेल खेल में बच्चे अलग-अलग विषयों को सीख रहे हैं, अब उन्हें नई-नई चीजें भी सीखने को मिल रही हैं और अभी वह बेहतर उच्चारण भी अंग्रेजी व हिंदी दोनों विषयों का कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों की सफलता ही मेरे जीवन की असली पूंजी और कमाई है. मैं जब इन बच्चों को आगे बढ़ता देखती हूं तो मुझे लगता है कि मेरे हौसले और ज्यादा मजबूत हो रहे हैं. मीरा ने कहा कि उनके जीवन का यह उद्देश्य है कि वह बच्चों को एक बेहतर शिक्षा देकर के एक बेहतर इंसान बना सके, क्योंकि यदि वह बेहतर इंसान बनेंगे, तभी वह अपनों का सम्मान कर अपने सपने को पूरा कर सकेंगे.

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मीरा ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के अलावा वह लोगों की काउंसलिंग भी करती हैं. यदि कोई व्यक्ति अपने पारिवारिक या सामाजिक समस्याओं से जूझ रहा है तो वह उन्हें बुलाकर उनकी काउंसलिंग करती हैं, जिससे लोग खुशी के साथ अपना जीवन व्यतीत करें. उन्होंने बताया कि समाज के निम्न वर्ग की लड़कियां अभी भी पढ़ नहीं पाती और ऐसे ही वह अपना जीवन गुजार देती हैं. मैंने जब उन्हें देखा तभी यह निश्चय कर लिया कि मैं हर साल 5 बच्चियों को नि:शुल्क शिक्षा दे करके उन्हें पढ़ाऊंगी और इसलिए इन बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ में हर शाम उन पांच बच्चियों को भी शिक्षा देती हूं और उन्हें पढ़ना सिखाती हूं, जिससे कि वह भी साक्षर हो सकें.

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