ETV Bharat / state

वाराणसी : निजीकरण के विरोध में चौथे दिन भी आंशिक कार्य बहिष्कार पर रहे बिजली कर्मचारी

author img

By

Published : Oct 4, 2020, 10:46 AM IST

 निजीकरण के विरोध में चौथे दिन भी आंशिक कार्य बहिष्कार पर रहे बिजली कर्मचारी.
निजीकरण के विरोध में चौथे दिन भी आंशिक कार्य बहिष्कार पर रहे बिजली कर्मचारी.

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा निजीकरण का लगातार विरोध हो रहा है. इसको लेकर शनिवार को भी बिजली विभाग के कर्मचारियों ने आंशिक रूप से कार्य बहिष्कार किया. कर्मचारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बिजली विभाग को निजीकरण करने से रोकने की अपील की.

वाराणसी : विद्युत विभाग के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में शनिवार को चौथे दिन भी आंशिक रूप से कार्य बहिष्कार किए. संघर्ष समिति ने एक बार पुनः प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस प्रकरण में प्रभावी हस्तक्षेप किए जाने की अपील की है. जिससे ऊर्जा क्षेत्र में टकराव की स्थिति समाप्त हो एवं बिजलीकर्मी पूर्ववत निष्ठापूर्वक निर्बाध विद्युत आपूर्ति के कार्य में जुट सकें. वहीं निजीकरण पर ऊर्जा निगम प्रबन्धन के साथ अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा), उप्र शासन व अध्यक्ष, पावर कॉरपोरेशन श्री अरविंद कुमार एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष प्रतिनिधियों के मध्य शक्ति भवन में हुई वार्ता भी बेनतीजा रही.

शनिवार को हुई वार्ता के दौरान विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने 05 अप्रैल, 2018 को ऊर्जा मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा के साथ हुए लिखित समझौते ‘‘उप्र में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार के लिए कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्रवाई की जायेगी. कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लिए बिना उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नहींं किया जायेगा’’ का आदर-पालन करते हुए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने की मांग की.

संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने आगे कहा कि समझौते के अनुसार प्रबन्धन बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही करें, जिस पर प्रबन्धन द्वारा कुछ भी पहल नहीं की गयी. संघर्ष समिति ने पुनः प्रस्ताव दिया कि समझौते के अनुसार निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त कर सुधार की कार्य योजना बनाई जाए, जिसके लिये बिजलीकर्मी संकल्पबद्ध है. संघर्ष समिति के सुधार के संकल्प के बावजूद ऊर्जा निगम प्रबन्धन निजीकरण पर अड़ा रहा एवं निजीकरण करने के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग को अस्वीकार कर दिया, जिससे वार्ता बेनतीजा रही.


वार्ता के दौरान प्रबन्धन की ओर से अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) श्री अरविंद कुमार, प्रबन्ध निदेशक पाकालि श्री एम देवराज, प्रबन्ध निदेशक उत्पादन निगम श्री सेन्थिल पांडियन सी एवं संघर्ष समिति की ओर से इंजीनियर शैलेन्द्र दुबे, इंजीनियर एके सिंह, इंजीनियर वीपी सिंह, इंजीनियर प्रभात सिंह, इंजीनियर जीबी पटेल, इंजीनियर जय प्रकाश, पीएन तिवारी, महेन्द्र राय, सद्रुदीन राना, शशिकान्त श्रीवास्तव, विनय शुक्ला, सुहैल आबिद, डीके मिश्रा, परशुराम, एके श्रीवास्तव, वीके सिंह कलहंस, आरके सिंह, हसमत, राकेश, कपिल मुनि, सुनील प्रकाश पाल, वीसी उपाध्याय, राजेन्द्र जी मुख्यतया उपस्थित रहें.

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के विघटन/निजीकरण/अन्य संस्थानों को हैण्डओवर किये जाने के प्रस्ताव के विरोध में बिजलीकर्मी विगत एक सितम्बर से शांतिपूर्ण ध्यानाकर्षण आन्दोलन चला रहे हैं. किन्तु प्रबन्धन ने समस्या के समाधान हेतु सार्थक प्रयास न कर शांतिपूर्ण आंदोलन को हड़ताल बताकर सरकार को गुमराह कर रहें हैं, और बिजली कर्मचारियों पर हड़ताल थोपने का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि संघर्ष समिति की नोटिस के अनुसार बिजलीकर्मी विगत 4 दिनों से 3 घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं और 5 अक्टूबर से पूरे दिन का कार्य बहिष्कार किया जायेगा. संघर्ष समिति ने कहा कि सरकार निजीकरण का कुचक्र चलाकर किसान और आम लोगों को महंगाई के कुएं में ढकेलने का घातक प्रयास कर रही है. वो दिन दूर नहीं जब लोग महंगी बिजली के कारण घर में लालटेन जलाने के लिए मजबूर होंगे. प्रदेश सरकार ने अगर निजीकरण नहीं रोका तो आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.