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वाराणासी: बाढ़ की चपेट में आने से करोंड़ों की फसल बर्बाद, किसान परेशान

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Published : Sep 22, 2019, 7:38 PM IST

बाढ़ से तबाह हुई किसानों की करोड़ों की फसल

यूपी के वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से तटवर्ती इलाके बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. शहर का आदर्श गांव कहा जाने वाला रमना गांव के किसान अपनी करोड़ों की फसल बर्बाद होने से परेशान हैं.

वाराणसी: शहर में लगातार गंगा और वरुणा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाके पूरी तरह से बाढ़ के चपेट में आ गये हैं. गंगा का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति 2 घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. बाढ़ की वजह से करोड़ों की सब्जियां जलमग्न हो गई हैं. किसान सोच रहे हैं कि इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी.

बाढ़ से तबाह हुई किसानों की करोड़ों की फसल

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बाढ़ से किसान परेशान
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का रमना गांव गंगा में आये बाढ़ के चपेट में आ गया है. बता दें कि इस गांव को आज से 10 वर्ष पूर्व मौजूद राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सब्जियों के लिये पुरष्कृत किया था. बाढ़ की वजह से रमना गांव के खेतों में फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है जिससे किसान परेशान हैं.

किसानों की मानें तो पूरे गांव में करीब 8 से 10 करोड़ की सब्जी नुकसान हो गई है. सितंबर माह में सब्जी की फसल तैयार थी जो करीब 10 दिनों के अंदर बाजार में आने वाली थी लेकिन बाढ़ की वजह से सब कुछ बर्बाद हो गया है.

Intro:वाराणसी में लगातार गंगा और वरुणा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है । गंगा का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति 2 घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। आलम यह है कि गंगा किनारे के गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। वाराणसी का आदर्श गांव कहे जाने वाला रमना गांव के किसान परेशान हैं। रमना गांव में बाढ़ की वजह से करोड़ों की सब्जियां जलमग्न हो गई हैं। किसान अब सोच में पड़ रहे हैं कि इस नुकसान की भरपाई कैसे किया जाए।


Body:पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का रमना गांव जिसे करीब 10 वर्ष पूर्व मौजूदा राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सब्जियों के लिए पुरस्कृत किया था। आज वह गांव गंगा में आए बाढ़ की चपेट में आ गया है। बाढ़ की वजह से रमना गांव में सब्जियों की खेती करने वाले किसान परेशान हैं। रमना गांव के किसानों के खेत गंगा के बाढ़ की चपेट में आने से पूरी फसल बर्बाद हो गई है। किसानों की माने तो पूरे गांव में करीब 8 से 10 करोड़ की सब्जी नुकसान हो गई है। किसानों का कहना है कि सितंबर माह में मां गंगा के जलस्तर में हुए और उनके गांव में सब्जी की फसल तैयार थी जो करीब 10 दिनों के अंदर बाज़र में आने वाली थी लेकिन बाढ़ की वजह से सब कुछ बर्बाद हो गया है।

Byte :--- अमित पटेल , प्रधान पति , रमना,(पड़गी सर पर)

Byte :-- आंनद पटेल , किसान , रमना

Conclusion:सब्जियों का गांव कहे जाने वाला रमना गांव से उत्तर प्रदेश , बिहार ,मध्य प्रदेश झारखंड और बंगाल के मंडियों में सब्जी जाती है। इस बार बाढ़ के वजह से पूरी फसल बर्बाद हो गई है जिससे किसानों का करोड़ों का नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि वह इस बार अपनी लागत भी नहीं निकाल पाए थे कि बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया। किसानों का कहना है कि अब तो वह परेशान हैं कि जो कर्ज लेकर हमने खेती की थी उसे कैसे भरा जाए।



आशुतोष उपाध्याय, वाराणासी
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