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वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने जा रहे हैं तो भूलकर भी न करें ये गलती, मुसीबत में पड़ जाएंगे

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Published : Mar 2, 2023, 8:23 PM IST

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बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन इनकी हकीकत जब पता की गई तब जो सामने आया वह हैरान करने वाला है.

वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन पर ईटीवी भारत संवाददाता गोपाल मिश्रा की खास रिपोर्ट.

वाराणसी: बनारस आने वाले लोग गंगा स्नान और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने का उद्देश्य लेकर ही आते हैं. जब से श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण हुआ तब से लोगों की भीड़ विश्वनाथ धाम में बढ़ती ही जा रही है. दावा है कि विश्वनाथ धाम में भीड़ बढ़ने के साथ सुविधाएं भी बढ़ रही हैं. लेकिन, इन सुविधाओं की हकीकत क्या है? क्या वास्तव में यहां आने वाले हर श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता? इन्हीं सवालों का जवाब तलाशते हुए जब हम उस स्थान पर पहुंचे जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है.

जहां से पीएम मोदी ने खुद विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया था. उसी गंगाद्वार के रास्ते श्रद्धालुओं को मिल रही सुविधा की पड़ताल हमने की. जो चीजें सामने आईं वह निश्चित तौर पर चौंकाने वाली हैं. क्योंकि, इस रास्ते श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के बाद सीधे प्रवेश देने का दावा कहीं न कहीं से श्रद्धालुओं को ठगा सा महसूस करवा रहा है. आखिर क्यों गंगा द्वार से प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ रही है? क्यों मंदिर प्रशासन की सारी व्यवस्थाएं इस स्थान पर फेल साबित हो रही हैं?

क्या है वो गलतीः श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था तब उन्होंने गंगा स्नान करने के बाद सीधे श्री काशी विश्वनाथ धाम में गंगाद्वार के रास्ते ही प्रवेश किया था. मणिकर्णिका और ललिता घाट के बीच में गंगा द्वारा बनाया गया है और श्रद्धालु इसी रास्ते से मंदिर में ज्यादातर प्रवेश करते हैं, लेकिन यहां पर श्रद्धालुओं की एक गलती उनके लिए मुसीबत का सबब बन रही है. यह गलती है अपने साथ एक्स्ट्रा लगेज या बड़े बैग लेकर आने की. दरअसल श्री काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर श्रद्धालुओं के बड़े बैग पीठ पर लेकर चलने वाले लगेज और महिलाओं के हाथ में मौजूद बड़े फैशनेबल बैग भी विश्वनाथ धाम में ले जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. जिसकी वजह से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बड़े बैग की इजाजत न होने की क्या है वजहः बड़े बैग रखने की कोई व्यवस्था मंदिर प्रशासन की तरफ से नहीं की गई है. जिसकी वजह से लोग अपना सामान किसके भरोसे और कहां छोड़कर जाएं यह बड़ा सवाल हर श्रद्धालु के सामने खड़ा हो रहा है. सबसे ज्यादा मुसीबत तो उन महिलाओं को उठानी पड़ रही है जो यहां बनाई गई सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर मंदिर के द्वार तक तो पहुंच रही हैं, लेकिन अंत में उन्हें यहां से वापस लौटना पड़ रहा है.

श्रद्धालुओं का साफ तौर पर कहना है कि धाम के अंदर भले जैसी भी व्यवस्था हो लेकिन जब प्रवेश में ही हमें इस तरह की दिक्कतें होंगी तो हम दर्शन कैसे करेंगे. हम अपना सामान किसके भरोसे छोड़ें. न कोई क्लॉक रूम है ना इस सामान को रखने के लिए कोई कमरा या लॉकर, ऐसी स्थिति में हम अपना सूटकेस बैग या अन्य सामान किसके भरोसे छोड़कर जाएं.

इतना ही नहीं यदि परिवार के 5 सदस्य धाम में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं और उनके साथ कोई सामान है तो एक सदस्य परिवार से अलग हो रहा है और उसे सामान देखने के चक्कर में दर्शन भी नहीं मिल पा रहे हैं. इन दिक्कतों की वजह से लोगों को विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार से प्रवेश करने में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी तो उन लोगों को हो रही है जो एक दिन का टूर बनाकर स्टेशन या एयरपोर्ट से सीधे सामान लेकर विश्वनाथ धाम पहुंच रहे हैं. गंगा स्नान के बाद वह अपना लगेज लेकर जब अंदर प्रवेश करना चाह रहे हैं तो उन्हें रोक दिया जा रहा है.

हालांकि इस बारे में जब हमने मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी यह दिक्कत सामने आ रही है. मुझे इस बात की जानकारी है. श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण प्लानिंग के साथ किया गया है और विश्वनाथ धाम के नीचे एक बड़ा हॉल है. जिसे क्लॉक रूम की तरह इस्तेमाल किया जाएगा. भविष्य में श्रद्धालुओं को इस दिक्कत से बचाने के लिए उनके सामान को सुरक्षित रखने के लिए इस स्थान को तैयार करवाया जाएगा ताकि ऐसी परेशानी से श्रद्धालु बच सकें.

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