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सुलतानपुर: ट्रेन के आते ही बंद हो जाते हैं स्टेशन के नल, जानिए क्यों

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Published : Jun 27, 2019, 12:11 PM IST

यात्रियों को ही रही पानी की समस्या.

सुलतानपुर रेलवे स्टेशन पर बोतल बंद पानी की बिक्री बढ़ाने के लिए ट्रेनों के आते ही नलों के पानी बंद कर दिये जाते हैं. वहीं ट्रेनों के जाते ही एक बार फिर से पानी शुरू कर दिया जाता है. ऐसे में स्टेशन पर रुकने वाले यात्रियों को मजबूरन बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है.

सुलतानपुर: रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के आते ही नलों में पानी बंद कर दिया जाता है. इससे यात्रियों में हाहाकार मचा है और वह मजबूरन बोतल बंद पानी खरीदते हैं. इस पूरे कारोबार में निचले स्तर से लेकर ऊपर तक के अफसर शामिल हैं. मंडल रेल प्रबंधक से जब इस बारे में पूछा गया तो वह भी तकनीकी खराबी को वजह बताकर पल्ला झाड़ते नजर आए.

यात्रियों को हो रही पानी की समस्या.

क्या है मामला
⦁ लखनऊ मंडल के अंतर्गत सुल्तानपुर को मॉडल स्टेशन का दर्जा दिया गया है.
⦁ यूं तो यहां प्लेटफार्म पर वाटर कूलर लगे हैं. पानी की टोंटी हर 10 फीट पर लगाई गई हैं, लेकिन इन टोंटियों से पानी नहीं मिलता है.
⦁ ट्रेन आते ही पानी बंद हो जाता है और ट्रेन जाते ही पानी फिर से चला दिया जाता है.
⦁ ये सब केवल स्टेशन पर मौजूद बोतल बंद पानी की बिक्री बढ़ाने के लिए किया जाता है.
⦁ रेलवे सुरक्षा बल से लेकर राजकीय रेलवे पुलिस सब इस कारनामे में संलिप्त बताए जा रहे हैं.

तीन-चार महीने पहले पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी. तीन-चार हफ्ते पहले इसमें सुधार किया गया है. पूरी पेयजल आपूर्ति को नए सिरे से विकसित किया जाना है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई है. जल्द इसे मॉडर्न पाइपलाइन सिस्टम में तब्दील कर दिया जाएगा.
-संजय कुमार त्रिपाठी, मंडल रेल प्रबंधक

Intro:विशेष पैकेज
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शीर्षक : पैसे में बदल रहा पानी, तड़प में गुजर रही यात्रियों की जिंदगानी।

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सादर डेस्क प्रभारी महोदय

खबर में आईडी लगी हुई है। लेकिन इसे खबर का स्वरूप हम ही ने दिया है । यह ईटीवी भारत की विशेष खबर है। क्योंकि मंडल रेल प्रबंधक बड़े अधिकारी हैं। अकेले मिलना मुश्किल होता है। इसलिए इसी बीच अपनी खबर पर सवाल जवाब कर लिए।
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रेलवे अफसर इन दिनों बालू से तेल निकाल रहे हैं । यह कहावत नहीं बल्कि सुल्तानपुर जंक्शन पर चरितार्थ होता हुआ सजीव चित्रण है । ट्रेनें आती हैं और नलों में पानी बंद कर दिया जाता है। यात्रियों में हाहाकार मचा है और मजबूरन वे बोतलबंद पानी खरीदते हैं। पूरे कारोबार में निचले स्तर से लेकर ऊपर तक के अफसर शामिल हैं । मंडल रेल प्रबंधक से जब इस बारे में पूछा गया तो वह भी तकनीकी खराबी को वजह बताकर पल्ला पल्ला झाड़ते नजर आए।


Body:लखनऊ मंडल के अंतर्गत सुल्तानपुर को मॉडल स्टेशन का दर्जा दिया गया है। कहने को तो यहां वाटर कूलर प्लेटफार्म पर लगे हैं। पानी की टोटी हर 10 फीट पर लगाई गई हैं । लेकिन असल में इन टोटकों से पानी नहीं मिलता है । यात्री दौड़ते हैं, अपनी प्यास बुझाने के लिए। लेकिन खाली टोटिया देखकर दिल मसोस कर रह जाते हैं। बोतलबंद पानी की बिक्री बढ़ाने के लिए यह सब खेल रचा जाता है। ट्रेन आती है , पानी बंद होता है । ट्रेन जाती है, पानी फिर से चला दिया जाता है । सिर्फ दिखाने के लिए, बाकी बोतलबंद पानी की बिक्री जो स्टॉल पर होना चाहिए। वह अनाधिकृत रूप से ट्रेनों में बेची जा रही है। रेलवे सुरक्षा बल हो या राजकीय रेलवे पुलिस। सभी इस अवैध कारनामों में संलिप्त बताए जा रहे हैं। अफसर पूरे प्रकरण पर आंख बंद किए हुए हैं।


Conclusion:बाइट : सुल्तानपुर जंक्शन के निरीक्षण पर आए मंडल रेल प्रबंधक संजय कुमार तरिपाठी कहते हैं कि तीन चार महीने पहले पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। तीन-चार हफ्ते पूर्व इसमें सुधार किया गया है। पूरी पेयजल आपूर्ति को नए सिरे से विकसित किया जाना है । इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई है। जल्द इसे मॉडर्न पाइपलाइन सिस्टम में तब्दील कर दिया जाएगा।


आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256
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