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करवा चौथ पर डांडिया नृत्य का आयोजन, जमकर झूमी महिलाएं

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Published : Oct 25, 2021, 10:43 PM IST

डांडिया नृत्य करती महिलाएं
डांडिया नृत्य करती महिलाएं

सीतापुर के बिसवा स्थित ग्रैंड होटल में क्रिएशन हाउस के तत्वाधान में करवा चौथ के मौके पर डांडिया नृत्य का आयोजन किया गया. नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष सीमा जैन के साथ तमाम लोगों ने डांड‍िया नृत्य का उठाया लुत्फ.

सीतापुर: नवरात्रि के दिनों में मां की आराधना के लिए सजाये गए पंडालों में डांडिया नृत्य की बड़ी धूम रहती है. बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ लोग डांडिया नृत्य में हिस्सा भी लेते हैं. वैसे नवरात्रि तो बीत गयी लेकिन विश्वप्रसिद्ध डांडिया की धूम अभी भी देखने को मिल रही है. आपको बता दें कि सीतापुर के बिसवा स्थित ग्रैंड होटल में क्रिएशन हाउस के तत्वाधान में करवा चौथ के मौके पर डांडिया नृत्य का आयोजन किया गया. इस मौके पर नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष सीमा जैन के साथ अन्य कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे. वहीं इस मौके पर दर्जनों महिलाओं ने कार्यक्रम में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया और डांडिया नृत्य में जमकर झूमती दिखीं.

इस अवसर पर नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष सीमा जैन ने कहा कि डांडिया नृत्य जगत-जननी मां दुर्गा की भक्ति-आराधना व सम्मान में प्रदर्शित किया जाता है. वास्तव में यह नृत्य देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध का मंचन है. जिसमें प्रयोग की जाने वाली छड़ें मां दुर्गा की तलवार की परिचायक हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से महिलाओं में आत्म विश्वास की भावना बढ़ती है. बता दें कि उन्होंने ऐसे आयोजनों में महिलाओं को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की और खुद सीमा जैन ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी सहभागिता कर आनन्द उठाया. वहीं कार्यक्रम के दौरान राजस्थानी थीम पर लगे स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने रहे।

डांडिया नृत्य

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दरअसल नवरात्रि में गरबा और डांडिया का महत्त्व बहुत ज्यादा होता है. माना जाता है कि यह नृत्य मां की पूजा से जुड़ा हुआ है. इसी वजह से नवरात्रि के दिनों में केवल पंडालों में ही नहीं बल्कि क्लबों और रिसॉर्ट्स में भी डांडिया के स्पेशल प्रोग्राम आयोजित किये जाते हैं. आपको बता दें कि डांड‍िया नृत्य की शुरुआत वृंदावन से हुई थी. डांड‍िया नृत्य में रंगीन छड़ों का इस्तेमाल होता है और इस छड़ी को हाथ में लेकर खेला जाता है. डांड‍िया नृत्य मां के पूजन के बाद किया जाता है. यह भी बताते चलें कि डांडिया और गरबा दोनों अलग अलग नृत्य हैं, इन दोनों में मामूसी सा फर्क है.

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