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अनोखी होलीः पहले लाट साहब को देते हैं सलामी फिर मारते हैं जूते

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Published : Mar 25, 2021, 11:05 PM IST

यूपी के शाहजहांपुर में होली अनोखे अंदाज में मनाई जाती है. यहां होली पर लाट साहब का जुलूस निकाला जाता है. दरअसल, लाट साहब का यह जुलूस जनता का अंग्रेजों की प्रति आक्रोश होता है. इस जुलूस में पहले लाट साहब को थाने में ले जाकर सलामी दी जाती है और फिर भैंसा गाड़ी पर बैठाकर जूतों और झाड़ूओं से पीटा जाता है. देखिये इस रिपोर्ट में कैसे मनाई जाती है जूता मार होली....
अनोखी होली
अनोखी होली

शाहजहांपुरः रंगों का पर्व होली पूरे देश में अलग-अलग तरीके से मनाया जा रहा है. कहीं फूलों से होली खेली जाती है तो कहीं लाठीमार होली खेली जाती है लेकिन शाहजहांपुर में होली खेलने की परम्परा सबसे अनूठी है. यहां जूते मारकर होली खेली जाती है. जूतेमार होली लाट साहब के प्रति अपना आक्रोश प्रकट करने के लिए उसे जूते से पीटा जाता है. यह लाट साहब के जुलूस के नाम से जानी जाती है. बेहद संवेदनशील माने जाने वाले लाट साहब के जुलूस में पुलिस बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाती है.

जुलूस में दर्द बयां करते हैं नागरिक.

1729 से चल रही है प्रथा
लाट साहब के जुलूस निकालने की प्रथा सन् 1729 से है. यहां लाट साहब को वैसे गाड़ी पर बैठाकर निकाला जाता है और उन्हें जूते चप्पल और झाड़ू से पीटा जाता है. हुड़दंगियों का यह रेला लाट साहब के जुलूस का है. लाट साहब का जुलूस निकालने की परम्परा वर्षों पुरानी है. चूंकि अंग्रेजों के शासन ने जो जुल्म हिन्दुस्तानियों पर किये हैं, वो दुख आज भी हर किसी के दिल मे मौजूद हैं. यहां के लोग लाट साहब प्रथा के प्रति अपना दर्द और आक्रोश बेहद अनूठे ढंग से प्रदर्शित करते हैं.

होली में जूते चप्पलों से पिटता है लाट साहब
जुलूस में लाट साहब को भैंसा गाड़ी पर बिठाते हैं और उसे जूते चप्पलों और झाड़ू से पीटते हुए पूरे शहर में घुमाया जाता है. इस जुलूस में हजारों की संख्या में हुड़दंगी जमकर हुड़दंग मचाते हैं. यहां हर कोई लाट साहब के सिर पर जूता मारकर अनोखी परम्परा में शामिल होना चाहता है क्योंकि ये शाहजहांपुर की वर्षों पुरानी परम्परा है.

प्रशासन करता है निगरानी
लाट साहब के जुलूस शहर में कई स्थानों से निकाले जाते हैं लेकिन इनमें से सबसे बड़े जुलूस शहर में दो स्थानों से निकाला जाता है, पहला बड़े चौक से और दूसरा सराय काईया से. इस जुलूस में हुड़दंगी जमकर हुड़दंग मचाते हैं. प्रशासन जुलूस की सारी गतिविधियां सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन कैमरे से कैदकर निगरानी की जाती है.

होली के साथ जुलूस का आनंद लेते हैं लोग
वैसे तो पूरे साल लोग अलग-अलग तरीके से अपना विरोध प्रकट करते हैं लेकिन शाहजहांपुर मे लाट साहब के प्रति अपना विरोध प्रकट करने का ये तरीका बेहद निराला है. जहां होली पर लाट साहब को जूते मार कर अपना विरोध प्रकट किया जाता है. यहां होली के रंगों का मजा तो लिया ही जाता है साथ ही लाट साहब के जुलूस का मजा भी बेहद निराला है. भले ही आज हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हो चुका है लेकिन उनकी गुलामी का दर्द आज भी देश के लोगों में मौजूद है.

इस तरह निकाला जाता है जुलूस
जिले में मुख्य रूप से दो स्थानों से लाट साहब के जुलूस निकाले जाते हैं. एक लाट साहब का जुलूस कोतवाली क्षेत्र में निकाला जाता है. इसमें सुबह आखत डालने के बाद लोग इकट्ठा होते हैं. उसके बाद लाट साहब को कोतवाली ले जाया जाता है, जहां कोतवाली का कोतवाल लाट साहब को सलामी देता है. इसके बाद लाट साहब कोतवाल से क्राइम का रिकॉर्ड मांगता है लेकिन कोतवाल उसे क्राइम का रिकॉर्ड नहीं देता है. लाट साहब को मनाने के लिए उपहार में सामान दिया जाता है. जिसके बाद लाट साहब मान जाता हैं और अपनी भैंसा गाड़ी पर सवार होकर शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हैं.

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