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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बोलीं, जेल में बंद कैदियों और किन्नरों की शिक्षा के लिए भी मुक्त विश्वविद्यालय करे कार्य

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Published : Nov 2, 2022, 4:38 PM IST

प्रयागराज में राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की रजत जयंती समारोह का आयोजन किया गया. विश्वविद्यालय की कुलपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबोधन में कहा कि विद्यालय कैदियों और किन्नरों के लिए भी कार्य करे.

रजत जयंती समारोह
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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का बुधवार को रजत जयंती समारोह का शुभारंभ किया हुआ. विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर में स्थित अटल प्रेक्षागृह में समारोह का उद्घाटन प्रो.धीरेन्द्र पास सिंह(शिक्षा सलाहकार मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश) ने किया. समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में गुजरात के मोरबी पुल हादसे में मृत लोगों के प्रति दुख जताते हुए श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का रजत जयंती वर्ष विकास की एक कड़ी है.

डिजिटल माध्यम से अपना संबोधन देते हुए उन्होंने कहा कि आज राजश्री टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के लिए बहुत ही गौरवान्वित क्षण है. देश और विश्व में किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि कोरोना वायरस की आपदा आएगी जिससे पूरा जनमानस प्रभावित हो जाएगा. इस दौरान विश्वविद्यालय ने तकनीक के माध्यम से सभी विषयों की पढ़ाई को समय पर पूरा कराया है, यह निश्चित रूप से किसी चुनौती से कम नहीं है.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

नई शिक्षा नीति में तकनीकी शिक्षा पर अधिक बल दिया गया है. उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति व विभागीय अधिकारियों को सलाह देते हुए कहा कि जेल में बंद कैदियों को जिनकी उम्र खासकर 25 से 30 वर्ष है. ऐसे लोगों को व्यवसायिक शिक्षा दें, जिससे वह जब सजा पूर्ण कर सामान्य जीवन में आए, तो अपने आप को रोजगार से जोड़ सकें. इसके अलावा किन्नरों के लिए भी शिक्षा के क्षेत्र में मुक्त विश्वविद्यालय काम करें. संबोधन के दौरान उन्होंने रजत जयंती समारोह की बधाई दी और कहा कि आगे जब विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित हो, तो सिर्फ छात्र-छात्राओं को ही डिग्री ना दी जाए. बल्कि, दूरस्थ शिक्षा केंद्र को बढ़ावा देने वाले केंद्रों को भी मेडल दिया जाए.

साथ ही गोद लिए गांव में बेहतर कार्य कर रहे लोगों को भी दीक्षांत समारोह में बुलाकर सम्मानित किया जाए. उद्घाटन सत्र में पहुंचे बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर धीरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए आज गौरव का क्षण है. देश की बढ़ती जनसंख्या और शिक्षा की आवश्यकता के बीच में मुक्त विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण कड़ी बनकर सामने आए हैं. राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने इन 25 सालों में जिस तरह से छात्रों के हित को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रमों को शामिल किया है. उससे निश्चित रूप से परिवर्तन देखने को मिल रहा है. नई शिक्षा नीति में शामिल व्यवसायिक शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को लेकर किया जा रहा कार्य विश्वविद्यालय में सराहनीय है.

इससे पहले विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय अपना 25 वां स्थापना दिवस मना रहा है. ऐसे में पूरे वर्ष रजत जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है. समारोह के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सरस्वती परिसर में स्थित पुरुषोत्तम दास टंडन की प्रतिमा का अनावरण किया. साथ ही सेंटर फॉर ऑनलाइन एजुकेशन और एग्जाम संगम एवं ई ज्ञानार्जन पोर्टल का उद्घाटन किया. जिसके माध्यम से छात्र और शिक्षक सीधे जुड़ सकेंगे.

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