प्रयागराज: मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने भूमि और फर्म पर कब्जा करने के आरोपी ज्ञानपुर के पूर्व विधायक विजय मिश्र की जमानत अर्जी खारिज (MLA Vijay Mishra Bail Rejected) कर दी है. कोर्ट ने कहा कि जमानत पर विचार करते समय आरोपी के आपराधिक इतिहास को दरकिनार नहीं किया जा सकता.
पूर्व विधायक विजय मिश्र और उनके बेटे के खिलाफ गोपीगंज थाने में भूमि और फर्म के कब्जा करने के आरोप में वर्ष 2021 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया कि विजय मिश्र के बेटे और परिवारवालों ने मिलकर फर्जी कागजात के माध्यम से 20 बीघा जमीन भी कब्जा कर ली. साथ ही शिकायतकर्ता को एफआईआर वापस लेने के लिए लगातार धमकाया भी जा रहा है.
विजय मिश्र की जमानत (Bail application of former MLA Vijay Mishra rejected) के समर्थन में कहा गया कि उसे इस मामले में फर्जी फंसाया गया है. वह घटना के छह माह पहले से ही जेल में बंद है. फर्म पर कब्जा करने की बात भी सरासर गलत
है. शिकायतकर्ता और याची की पार्टनरशिप फर्म है. जमानत के विरोध में शिकायतकर्ता की ओर से शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिषेक कुमार यादव और सरकार की ओर रत्नेंदु कुमार सिंह ने कहा कि याची आपराधिक प्रवृत्ति का है. उसके खिलाफ कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर जानलेवा हमला सहित कुल 84 मुकदमे दर्ज हैं. सुनवाई के बाद कोर्ट जमानत अर्जी खारिज कर दी.
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